गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 7 जून। क्षेत्र में वट सावित्री का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। गुरुवार को वट सावित्री की पूजा के लिए सुबह से ही सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना को लेकर वट-वृक्ष में कच्चा सुता बांधकर पति के दीर्घायु होने की वरदान मांगी। नवापारा शहर के वार्ड क्र. 16 श्रीराम जानकी पारा में सुहागिन महिलाओं ने वट सावित्री की पूजा की और अपनी सुहाग के लंबी उम्र के लिए वरदान मांगी गई।
इस अवसर पर अन्नपूर्णा देवांगन, संतोषी देवांगन, अन्नपूर्णा कंसारी, सीता देवांगन, पुष्पा कहार, कुमुदिनी मिश्रा, मनाली देवांगन, सरला कौशिक, गायत्री देवांगन, दीपा देवांगन, सीमा बया सहित बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी।
इस पूजा के पीछे ऐसी मान्यता है कि जिस प्रकार वट के पेड़ की आयु काफी लंबी होती है, ऐसे में महिलाएं इस पेड़ की आयु जैसी अपने पति की आयु के लिए वट के पेड़ से प्रार्थना करती हैं। इसके पीछे पुराणों में एक कहानी भी प्रचलित है। सुबह से ही महिलाएं उपवास रहकर इस पूजन को करती हैं। कुछ महिलाएं इस व्रत को निर्जला करती हैं। वट की पूजा करने से ऐसी मान्यता है कि जीवन की सभी प्रकार की बधाएं दूर होती हैं। ऐसी मान्यता है कि वट के वृक्ष में साक्षात ईश्वर विराजमान रहते हैं। महिलाएं बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर पूजा करती हैं।
पूजा के दौरान वट वृक्ष के साथ या 11 बार महिलाएं परिक्रमा करते हुए पेड़ के चारों ओर कच्चा सूत लपेटते हैं, यदि कच्चा सूत उपलब्ध नहीं होता तो कलावा भी कुछ महिलाएं प्रयोग करती नजर आ जाती हैं। इसके बाद वट वृक्ष या बरगद के पेड़ पर महिलाएं जल चढ़ाती हैं।