गरियाबंद

घोषणा पत्र बनाने भाजपा आम लोगों से ले रही सुझाव
12-Aug-2023 8:18 PM
घोषणा पत्र बनाने भाजपा आम लोगों से ले रही सुझाव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

 मैनपुर, 12 अगस्त। भाजपा के घोषणा पत्र के प्रदेश संयोजक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री अमर अग्रवाल गुरुवार को  मैनपुर  साहू सदन में कार्यकर्ताओं एवं  सामाजिक संगठनों के साथ बैठक की। कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर घोषणा पत्र में शामिल किए जाने वाले प्रमुख बिंदुओं को लेकर सुझाव दिए।

 श्री अग्रवाल ने कहा कि समाज के कोई भी वर्ग अछूता न रहे, उनसे सुझाव लेंगे, इसके साथ ही घोषणा पत्र की सुझाव पेटी 20-25 दिन  विधानसभा स्तर पर रहेगी, जिसमें आम नागरिक अपना सुझाव डाल सकता है। इस परिपेक्ष्य में बिंद्रानवागढ़ विधानसभा का दौरा है। गरियाबंद में अधिवक्ता संघ कर्मचारी संघ से भी मिला। मैनपुर में महिला स्व सहायता समूह मितानिन विभिन्न समाज के प्रतिनिधियों से भी चर्चा की, उसे चर्चा में बहुत से सुझाव मिले, उसका हम परीक्षण करेंगे।

ज्यादा से ज्यादा लोगों की भावना को समावेशित जिसको हम 5 साल में पूरा कर सकते हैं, इसके आधार पर हम  घोषणा पत्र बनवाएंगे घोषणापत्र के साथ-सथ  चर्चा हुई तो बहुत सी चर्चाएं  व्यवस्था को लेकर हुई।

छत्तीसगढ़ राज्य  बिजली अधिकय राज्य है बिजली कब आती है कब जाती है जो पावर कट घोषित चल रहा है। मेंटेनेंस के अभाव में चल रहा है बिजली बिल को लेकर आक्रोश है कोई सुनवाई नहीं है अगर किसी का बिल ज्यादा आ गया ।

इसके साथ ही भ्रष्टाचार की आम शिकायत है चाहे सीमांकन हो नामांकन हो बिना पैसे के आम आदमी का काम नहीं होता । छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार खतरे के  निशान से ऊपर बह रहा है जिससे आम नागरिक त्रस्त हैं एक तरफ बोनस की बात करते हैं दूसरी तरफ अमानक खाद प्रति एकड़  तीन बोरा कंपोस्ट खाद 900 का जबरिया  किसानों से वसूल रहे हैं गवर्नमेंट की सब्सिडिया जो किसानों के लिए है वह बिना पैसे दिए काम हो ही नहीं रहा है। संविदा कर्मचारियों से जो वायदा किया था उनसे वादा खिलाफी की गई उनमें आक्रोश है स्व सहायता समूह की बहनों को 300000 लोन मिलता है, जिसमें 10 लोगों में 30000 बट जाता है  उनकी बिक्री की व्यवस्था नहीं है सब घाटे में जा रहे हैं कर्जदार बना रहे हैं इसके साथ ही जो मितानिन है उनके जो दावा पत्रक है दो बार में देते हैं आधे दावा को काट देते हैं उसको लेकर भी मितानिन में आक्रोश  है। सरकार की साढ़े 4-5 साल की गतिविधि जिसके कारण छत्तीसगढ़ की जनता आक्रोशित हैं, उसका भी कानूनी रूप से समय बाद हम कैसे निराकरण करें, वो भी घोषणा पत्र का विषय होगा।


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