गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 27 जून। नगर में स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय आध्यात्मिक संस्था के द्वारा 100 से अधिक ब्रह्मा कुमार और कुमारियाँ मेडिटेशन हॉल, शिव शक्ति भवन आबू में एकत्रित होकर ब्रह्मा कुमारियों की प्रथम प्रशासनिक प्रमुख मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती (माँ) के 58वें स्मरण दिवस पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी गीता दीदी ने प्रशासनिक प्रमुख माँ द्वारा बोले गए दिव्य संस्करणों को साझा किया, जिसके बाद ब्रह्माकुमारीज गरियाबंद प्रमुख बीके बिंदु दीदी ने मम्मा के व्यक्तिगत अनुभव साझा किए। दीदी ने कहा कि यज्ञ (संगठन) के मूल रत्नों में से माँ सबसे श्रेष्ठ रत्न हैं जो पवित्रता और निस्वार्थ प्रेम की मूर्ति थीं। उनके चेहरे पर मातृ-प्रेम झलकता था और वे सभी के प्रति उच्च दृष्टिकोण रखती थीं और उन्हें स्वाभिमान में रहने में मदद करती थीं। हालाँकि वह उम्र में बहुत छोटी थी, फिर भी हर कोई उसे दिल से माँ कहता था, यहाँ तक कि उसकी माँ भी। उनकी शुद्ध शक्तिशाली दृष्टि कई लोगों के दिलों को पिघला देगी। उन्होंने कई लोगों को नई जिंदगी दी। उनकी दृष्टि से ही अनेकों को नई सतयुगी दुनिया का दिव्य साक्षात्कार हुआ। उसकी भेदभाव करने की शक्ति अद्भुत थी।
ब्रह्माकुमारीज के वरिष्ठ बीके भाई बहनों के सम्मुख माँ की दिवंगत आत्मा को भोग लगाया गया जो अब इस पुरानी दुनिया को नई दुनिया (सतयुग) में बदलने में गुप्त भूमिका निभा रहे हैं।