गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 16 फरवरी। एकता परिषद हजारों कार्यकर्ताओं द्वारा मैनपुर भाटी गढ़ से 6 सूत्रीय मांगों जिसमें अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासियों को वनाधिकार मान्यता पत्र पुस्तिका उपलब्ध कराने विशेष अभियान चलाने एवं क्षेत्रीय समस्या पर उच्च स्तरीय समीक्षा उपरान्त आवश्यक कार्रवाई की मांग को लेकर पदयात्रा करते हुए कलेक्ट्रोरेट पहुँच मुख्यमंत्री के नाम अनुविभागीय अधिकारी भूपेन्द्र साहू को ज्ञापन सौंपा।
गुरुवार को एकता परिषद पदाधिकारी सीताराम सोनवानी, नूरानी जैन, एवं प्रशांत किशोर के नेतृत्वकर्ता के अगवाई में एकता परिषद कार्यकर्ताओं ग्रामीण आदिवासी हजारों की संख्या में महिला पुरुष मैनपुर ब्लाक के भाठी गढ़ से सात दिवसीय पद यात्रा करते हुए गरियाबन्द जिला मुख्यालय पहुँच मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर प्रतिनिधि के रूप में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व भूपेंद्र साहू को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में कहा गया कि अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परपरागत वन निवासियों को वनाधिकार मान्यता पत्र पुस्तिका उपलब्ध कराने विशेष अभियान चलाने एवं क्षेत्रीय समस्या पर उच्च स्तरीय समीक्षा उपरान्त आवश्यक कार्रवाई की वनाधिकार दावाकर्ता अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी किसान जिसमें शासन प्रशासन के द्वारा ग्राम सभा आयोजन एवं विभिन्न प्रकार के पंचायती राज के तहत जारी शासकीय / अर्द्धशासकीय अधिसूचना पत्राचार में वन अधिकार मान्यता कानून वर्ष 2006 नियम 2007 एवं संशोधित वर्ष 2012 को दृष्टिगत रखते हुए अनिवार्य रुप से प्राथमिकता देने, जिला स्तर पर वनसंसाधन एवं समुदायिक वन अधिकार मान्यता उपलब्ध कराए गए। समस्त गांव के उक्त वन कक्ष में कृषि योग्य भूमि में काबिज है।
13 दिसम्बर 2005 के वर्षो पूर्व से कब्जा धारित के अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंमपरागत वन निवासियों ने नियमानुसार वनाधिकार समितियों में दावा प्रस्तुत किया गया है। ग्राम पंचायत प्रस्ताव एवं ग्राम सभा में पात्रता कि श्रेणी में नाम दर्ज है, जिन्हें चिन्हांकित कर व्यक्तिगत वन अधिकार मान्यता पत्र पुस्तिका उपलब्ध कराए जाए तथा सभी प्रकार के दखल पर नियंत्रण, वन अधिकार वर्ष 2006 नियम 2007 एवं संसोधित वर्ष 2012 के तहत अंचल के समस्त गांव के अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासियों द्वारा 13 दिसम्बर 2005 के वर्षों पूर्व से गांव के वन राजस्व भूमि में कृषि कार्य करते आ रहे है कब्जा है।
नियमानुसार सचिव / ग्राम पंचायत वन अधिकार समिति में पेश किया गया है।
ग्राम पंचायत प्रस्ताव ग्राम सभा अनुमोदन बुर्जुगों का साक्ष मौका जांच किया जा चुका है। दावा के अनुपात में कम भूमि का पट्टा दिया गया है, जिसे कब्जा के आधार पर पट्टा प्रदान किया जाए। जीवन जीने के संसाधनों पर वन विभाग द्वारा दखल कटिला तार से घेराबंदी सी.पी.टी. गड्ढा आदि प्रकार के हस्ताक्षेप पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने, ग्रामीण अंचल के अर्थ व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने एवं सभी प्रकार के पलायन रोकने विशेष अभियान चलाने कि मांग, व वन अधिकार संवाद पद यात्रा के दौरान समस्त ग्रामों से संग्रहित विभिन्न समस्यायों के उचित समाधान के लिए समस्त संबंधित विभाग को उचित आदेश/निर्देश करने की माँगों का मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर प्रतिनिधि के रूप में एस डीएम को ज्ञापन सौंपा ।