गरियाबंद

साधु-संतों से जीवन जीने का मंत्र मिलता है-डॉ. महंत
15-Feb-2023 5:54 PM
साधु-संतों से जीवन जीने का मंत्र मिलता है-डॉ. महंत

   राजिम माघी पुन्नी मेला के संत समागम समारोह में शामिल हुए विस अध्यक्ष   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 15 फरवरी।
छत्तीसगढ़ के प्रयागराज के नाम से प्रसद्धि राजिम के त्रिवेणी संगम के तट पर आयोजित राजिम माघी पुन्नी मेला में संत समागम समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भगवान राजीवलोचन की प्रतिमा में दीप प्रज्वलित और पूजा अर्चना कर किया। इस अवसर पर धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, राजिम विधायक अमितेश शुक्ल, अभनपुर विधायक  धनेन्द्र साहू, सिहावा विधायक डॉ. लक्ष्मी धु्रव, राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास महाराज उपस्थित थे।

समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ महंत ने कहा कि साधु संतों का समागम छत्तीसगढ़ के साथ देशभर का आयोजन बन गया है। किसी भी मेले का सामूहिक महत्व होता है। उन्होंने आगे कहा कि भारत साधु-संतों की भूमि रही है, उनके आगमन से पवित्रता को प्राप्त करते है। संतों का जीवन सदैव परोपकार के लिए समर्पित रहता है।  उन्होंने कहा कि राजिम पुन्नी मेले का सांस्कृतिक महत्व भी है। 

उन्होंने कहा कि साधु संतों से जीवन जीने का मंत्र मिलता है। इनके दर्शन प्रवचन और सुनने से कई पाप धुल जाते हैं। जो हमारे पूर्वजों ने बताई है। इस मान्यता को मुख्यमंत्री ने पुन: स्थापित किया। आज पूर्व मुख्यमंत्री श्री श्यामचरण शुक्ल जी का पुण्यतिथि है। उन्हें शत शत नमन करता हूँ। सन्त पवन दीवान को भी उन्होंने श्रद्धानवत किया। उन्होंने जानकी माता जयंती के अवसर पर बधाई दी।  उन्होंने कहा कि  आज संस्कृति को  पुन: स्थापित किया  जा रहा है। डॉ महंत ने साधु संतों का स्वागत करते हुए संत समागम की बधाई दी।

इस अवसर पर धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि भूपेश सरकार ने छत्तीसगढिय़ा सबसे बढिय़ा नारा को चरितार्थ किया है। राजिम माघी पुन्नी मेला को कुंभ से परिवर्तित किया गया है। हर बार मेला में कुछ न कुछ परिवर्तन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के आध्यात्मिक, ऐतिहासिक, पुरातत्विक बिन्दुओं प्रदर्शनी के माध्यम से उभार रहे हैं। तीनों नदी के पानी को एक स्थान पर मिलाकर पुण्य स्नान की व्यवस्था किया गया है। 
दिखावा से कोसो दूर माघी पुन्नी मेला को हम रखना चाहते हैं। दिखावा संस्कृति खत्म किया जा रहा है। पिज की संस्कृति से हटकर ठेठरी, खुरमी की संस्कृति ला रहे हैं। 
अभनपुर विधायक धनेन्द्र साहू ने कहा कि कुंभ के नाम से जो प्रदूषण हो रहा था, उसे दूर करने के लिए हमारी सरकार ने प्राचीन तरीके से पुन्नी मेला का आयोजन किया गया। उन्होंने लोगों को जानकी जयंती और संत समागम की बधाई देते हुए कहा कि हमें जब भी यहां आने का मौका मिलता है। आलौकिक ऊर्जा और आनंद प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि राजिम यह मध्य भारत का सबसे बड़ा तीर्थ रहा है। 

छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र के लोग बड़ी संख्या में आते थे। धीरे-धीरे मेला का स्वरूप मड़ई से भी छोटा हो गया था, हमारी सरकार ने उसे गौरवमयी स्थान प्रदान किया। श्रद्धा, भक्ति का केन्द्र बिन्दू है। त्रिवेणी संगम में डूबकी लगाने से ऊर्जा प्राप्त होता है। भगवान श्रीराम ने छत्तीसगढ़ में बहुत अधिक समय बिताया है, जिसके कारण 75 स्थानों को राम वनगमन पथ के रूप में चिन्हांकित कर विकास किया जाएगा।

विधायक अमितेष शुक्ल ने कहा कि महंत जी विधानसभा अध्यक्ष ही नहीं हमारे परिवार के सदस्य भी है, जिससे परिवार स्नेह चला आ रहा है। उन्होंने कहा कि त्रिवेणी संगम में ईश्वर का वास है। साथ ही साधु संतों का वास है। राजिम आराध्य क्षेत्र है। श्री शुक्ल ने कहा कि कई दशकों से पुन्नी मेला का महत्व रहा है। पिताजी ने बताया कि बैलगाड़ी से मेले आते थे। लंबे समय से शराब बंदी की मांग की जा रही थी, जिसका समर्थन शंकराचार्य ने भी किया था। हमारी सरकार आते ही 15 दिनों तक शराब बंदी किया गया। 

महंत रामसुंदर दास ने कहा कि सनानत काल से राजिम माघी पुन्नी मेला हमारे पूर्वजों को आशीर्वाद है। भूपेश बघेल ने राजिम को संवारने और सजाने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने रामवन गमन परिपथ को विकसित कर रहे हैं। हमारी ऋषि और कृषि की संस्कृति है। पंचगव्य गाय से ही मिल सकती है। हमारे पूर्वज खेती किसानी करते थे। गौ माता की कृपा से हम समृद्ध हो रहे है। छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है, जहां दो रूपए में गोबर खरीदा जाता है। गोबर से पेंट बनाया जाता है। पिछले चार साल पहले से ही गाय को गले लगाने के नाम से छत्तीसगढ़ सरकार ने शुरूआत कर दी थी। जिसे आज के दिन घोषित कर दी गई।

कार्यक्रम को सिहावा विधायक लक्ष्मी ध्रुव ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आज यहां धर्म क्षेत्र में आकर ऊर्जा प्रदान होता प्राप्त होता है। छत्तीसगढ़ का तेजी से विकास हो रहा है। कलेक्टर श्री प्रभात मलिक ने राजिम माघी पुन्नी मेला के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मूल स्वरूप को बरकरार रखते हुए राजिम मेले का आयोजन किया जा रहा है। राजिम में राम वनगमन परिपथ का मूर्त रूप लेने से राजिम की गरिमा और बढ़ गई है। घाटों को लाल पत्थर से सौंदर्यीकरण किया गया है। पुरातात्विक महत्व के स्थल सीताबाड़ी में इस वर्ष श्रद्धालुओं के लिए विषेष लाईटिंग की गई है। 

समारोह में पूर्व विधायक गुरूमुख सिंग होरा, शद्दानी दरबार के संत युधिष्टिर लाल, ब्रह्मकुमार नारायण भाईजी, कबीर पंथ के विचार साहेब, महंत उमेशानंद गिरी जी महाराज, स्वामी सिद्धश्वरांनद महाराज, ब्रम्हाकुमारी हेमा बहन जी, ब्रम्हाकुमारी पुष्पा बहन जी, संत गोकुल गिरी, गोबरा नवापारा पालिका अध्यक्ष धनराज मध्यानी, राजिम नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर, जनपद अध्यक्ष पुष्पा जगन्नाथ साहू, जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी साहू, मधुबाला रात्रे, जनपद उपाध्यक्ष योगेश साहू, भावसिंह साहू, विकास तिवारी, सौरभ शर्मा स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित कलेक्टर प्रभात मलिक, पुलिस अधीक्षक अमित तुकाराम कांबले, जिला पंचायत सीईओ रीता यादव, अपर कलेक्टर अविनाश भोई, वरिष्ठ अधिकारी गण और श्रद्धालु गण मौजूद थे। 


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