गरियाबंद

छैला बाबू आही परदेशी बाबू आही... गीत में जमकर झूमे दर्शक
11-Feb-2023 9:45 PM
छैला बाबू आही परदेशी बाबू आही... गीत में जमकर झूमे दर्शक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजिम, 11 फरवरी। माघी पुन्नी मेला के छठवें दिन मुख्यमंच पर पुरानिक साहू लोककला मंच लहरगंगा ने मां शीतला को स्मरण करते हुए पहली प्रस्तुति दी। अगली कड़ी में ददरिया, करमा, सुआ नृत्य की प्रस्तुति देख लोककला मंच लहरगंगा ने दर्शकों से आशीर्वाद के रूप में खूब तालियां बटोरी। इस लोकमंच का अंतिम प्रस्तुति रेडियो में चलने वाले एक प्रसिद्ध गीत हमर पूछैया कोन्हो नईये गा.... की प्रस्तुति।

कार्यक्रम के दूसरे प्रस्तुति रूही साहू पंडवानी गायिका ने कपालिका शैली में जरासंघ वध का वर्णन अपनी शैली में किया। इस पंडवानी में जरासंघ का जन्म और किस प्रकार मृत्यु होती है का वर्णन छत्तीसगढ़ी बोली में किया गया है जिसे दर्शक सुन मंत्रमुग्ध हो गये। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति छैला बाबू आहि... के रचनाकार हिम्मत सिन्हा की शानदार प्रस्तुति हुई। जिसकी शुरूवात गायत्री मंत्र से हुआ। पावन माटी के रीत है महान.... इस गीत के माध्यम से छत्तीसगढ़ में होने वाले तीज त्यौहारों का वर्णन किया गया है।

कार्यक्रम की अगली कड़ी में अपने शीर्षक गीत की प्रस्तुति चले सरगम की पूरवाईया... को सुनकर दर्शक भाव विभोर हो गये। उसके बाद देश भक्ति गीत की प्रस्तुति वंदेमातरम् वंदेमातरम् ने मंच से ही दर्शकों में देश भक्ति की जज्बा जगा दिया। इस गीत के अंत में दर्शक भी भारत माता की जय के नारे लगाने लगे। माघी पुन्नी मेला का मंच ऐसा मंच है, जहां दर्शकों को दीपावली में होने वाली सुआ और दिसंबर माह में होने वाली पंथी नृत्य दोनों एक साथ देखने को मिल जाते है। नैना होगे चार मोर संग होगे मया.... इस गीत ने युवा वर्ग में एक नई उत्साह भर दी जिससे वे अपनी जगह बैठकर ही तालियों से उत्साहवर्धन किया।

लोक सरगम के सबसे प्रसिद्ध गीत छैला बाबू आहि परदेशी बाबू आहि..... की प्रस्तुति दी, जिसे देख दर्शक अपने जगह पर नाचने लगे। इसके बाद लोककला मंच सरगम के द्वारा नाट्क मंचन किया गया। जिसमें एक मिमेक्री कलाकार द्वारा अभिताभ बच्चन, नाना पटेकर, मिथुन चक्रवर्ती, नरेन्द्र मोदी, लालू यादव, सन्नी देवोल का आवाज निकालकर मंच पर कुछ देर के लिए ऐसा लग रहा था ये सारे बॉलीवूड कलाकार राजिम के मेले में आ गये है। उनकी आवाज सुनकर मेला में घुमने वाले मेलार्थी मंच के समीप आना शुरू हो गए। कार्यक्रम समाप्ति पश्चात कलाकरों का सम्मान केन्द्रीय समिति के सदस्यों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा किया गया। मंच का संचालन निरंजन साहू द्वारा किया गया।


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