गरियाबंद

कचरा उठाने विवाद को ले दादी की हत्या, साथ देने वाले मां व भाई सहित तीनों गए जेल
12-Nov-2021 9:00 PM
कचरा उठाने विवाद को ले दादी की हत्या, साथ देने वाले मां व भाई सहित तीनों गए जेल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजिम, 12 नवंबर। राजिम थाना के रोहिना में मामूली बात को लेकर पोते ने 9 नवंबर की रात अपनी 70 वर्षीय दादी की टंगिया मारकर हत्या कर शव कमरे में बंद रखा। दूसरे दिन रात को ताला खोल दिया और गुरुवार की सुबह मौत होने की बात फैलाई। दादी की हत्या में आरोपी का बड़ा भाई गोपाल एवं मां गोदावरीबाई (मृतका की बहू) भी शामिल थी। इन तीनों को राजिम पुलिस ने राजिम न्यायालय में पेश कर उपजेल गरियाबंद भेज दिया।

थाना प्रभारी संतोष भूआर्य ने बताया कि गुरुवार सुबह मृतका का बड़ा बेटा सुरेंद्र जो फिंगेश्वर में रहता है, ने फोन कर बताया कि उसकी मां 70 वर्षीय फूलबासन बाई का शव उसके घर में पड़ा है। इसके बाद वे फौरन घटनास्थल पहुंचे और शव को पीएम के लिए राजिम भेजा। भूआर्य को संदेह हुआ कि हो न हो हत्या में परिवार का ही कोई शामिल है। संदेह के आधार पर उसके पोते टुकेश धु्रव (20) से पूछताछ की तो आरोपी ने इस घटना से अनभिज्ञता जाहिर की, लेकिन पुलिस को सूत्रों से जानकारी मिली थी कि 9 नवम्बर को दादी फुलबासन बाई एवं उसकी मां गोदावरी धु्रव के बीच कचरा उठाने की बात का लेकर विवाद हुआ था, जिस पर आरोपी द्वारा अपनी दादी को जान से मारने की बात मन में ठान लिया।

दरअसल, दादी पोते के घर से कुछ दूर रहती थी। टुकेश धु्रव ने दादी को जान से मारने की धमकी भी दी। इसी दिन शाम 5 बजे दादी के घर गया, जहां वह अकेली रह रही थी, पहुंचते ही आरोपी ने घर में रखी टंगिया से दादी की हत्या कर दी।

हत्या के बाद अपनी मां गोदावरीबाई (45) तथा बड़े भाई गोपाल धु्रव (22)को इसकी जानकारी दी। तीनों ने फूलबासन के घर बाहर से ताला जड़ दिया और नाती ने बुधवार की रात ताला खोल दिया। गुरुवार को अज्ञात कारणों से दादी की मृत्यु की खबर गांव में फैला दी। इसके बाद गोदावरी बाई ने फोन से फिंगेश्वर में रह रहे पति सुरेंद्र को मौत की सूचना दी। उसने तुरंत गांव पहुंचकर पुलिस को सूचना दी।

पुलिस तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर राजिम व्यवहार न्यायालय में पेश किया गया,जहां से दोनों आरोपी भाइयों को गरियाबंद भेज दिया, जबकि गोदावरी बाई को रायपुर जेल भेजा गया।

उक्त कार्रवाई में थाना प्रभारी निरीक्षक संतोष भुआर्य, उपनिरीक्षक रामेश्वरी बघेल, प्रआर 123 कृष्ण कुमार गिलहरे, महिला आरक्षक सविता खरे, आरक्षक गोविंद मरकाम, नोहर सिंह ठाकुर, विमल लकडा, रोशन साहू, प्रमोद कुमार यादव का उल्लेखनीय योगदान रहा।


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