गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 10 नवंबर। 25 मई 2013 को झीरम घाटी में दिवंगत एवं घायल नेताओं को न्याय दिलाने की मांग को लेकर 19 नवंबर को 24 घंटे की सांकेतिक भूख हड़ताल किया जाएगा। उक्ताशय की जानकारी देते हुए राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के प्रदेशाध्यक्ष दीपक दुबे, प्रदेश उपाध्यक्ष टिकेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि झीरम घाटी में 25 मई 2013 की घटना में हुए शहीद और घायल हमारे साथियों आमजनो को आज भी न्याय नहीं मिल पाया है। इसके लिए तब न्यायिक आयोग का गठन किया गया था, जो तीन महीने का था। तीन महीने के लिए गठित आयोग को जांच में आठ साल लग गये। आयोग ने हाल ही में यह कहते हुए सरकार से कार्यकाल बढ़ाने की मांग की थी कि जांच रिपोर्ट रिपोर्ट तैयार नहीं है, इसमें समय लगेगा। आयोग इसके लिए समय मांग रहा था।
श्री ठाकुर ने बताया कि अब अचानक रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दिया गया है, किंतु इसमें दोषी कौन है? इस नरसंहार के लिए कौन जिम्मेदार है? उसको सजा मिले और दूध का दूध पानी का पानी हो।
टिकेन्द्र ठाकुर सहित इंटक के पदाधिकारी ने राज्यपाल, प्रदेश के मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, पुलिस महानिदेशक एवं अन्य को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि घटना के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करें। इसके लिए 24 घंटे की सांकेतिक भूख हड़ताल किया जाएगा।
टिकेन्द्र ठाकुर ने बताया कि इस घटना में घायल हुए आज कानून व्यवस्था न्यायप्रणाली और न्यायिक जांच आयोग के कार्यप्रणाली क्रियाकलापों से अपने आप को ठगा महसुस कर रहे हंै। हमारे जैसे लाखों कार्यकर्ता आज अपने मार्गदर्शक पिता तुल्य नेताओं को खो दिए। जिसकी न्याय के मांग को लेकर इंटक छत्तीसगढ़ द्वारा सांकेतिक भूख हड़ताल 24 घण्टा तक करते हुऐ माननीय सुप्रीम कोर्ट को इस नरसंहार की जांच स्वयं के निगरानी में करने की मांग की जाएगी।