संपादकीय

‘छत्तीसगढ़’ का संपादकीय : दुनिया के आतंकियों को इजराइल ने दिखाई नई राह, दिया एक नया हथियार
21-Sep-2024 4:29 PM
‘छत्तीसगढ़’ का  संपादकीय :   दुनिया के आतंकियों को  इजराइल ने दिखाई नई राह,  दिया एक नया हथियार

इजराइल ने अपनी सरहद से लगे देश लेबनान की जमीन पर बसे हुए हथियारबंद संगठन, हिजबुल्ला, पर हमला करने के लिए मिसाइल और रॉकेट हमलों के साथ-साथ जो नया पेजर और वॉकीटॉकी हमला किया है, उसने पूरी दुनिया के सामने एक नया खतरा, और एक नई चुनौती पेश कर दी है। दो दिनों तक लगातार, पहले दिन पेजरों पर एक संदेश आया, और हजारों पेजरों में विस्फोट हुआ। दर्जन भर लोग मर गए, और हजारों लोग घायल हुए। देश भर में अलग-अलग जगह जहां-जहां पेजर इस्तेमाल हो रहे थे, उनमें हजारों की संख्या में विस्फोट हुआ। ये पेजर सिर्फ हिजबुल्ला के लड़ाके इस्तेमाल नहीं कर रहे थे, इन्हें आम लोग भी इस्तेमाल कर रहे थे, और कम से कम एक अस्पताल की एक नर्स अपने पेजर में हुए धमाके से मारी गई। अगले दिन हिजबुल्ला के इस्तेमाल किए जाने वाले वॉकीटॉकी में भी धमाके हुए, और करीब 30 लोग मारे गए। इन धमाकों से बेकसूर आम नागरिक भी मारे गए, और बच्चे भी। इनके आसपास आग भी लग गई, और कई दूसरे तरह की बर्बादी भी हुई। लेबनान की खबर कहती है कि वहां कई घरों और इमारतों के ऊपर सोलर पैनल में भी धमाके हुए, और उनसे जुड़ी बैटरियों में भी।

पेजर मोबाइल कंपनियों के नेटवर्क से जुड़े हुए नहीं थे, ये एक अलग रेडियो सर्विस से चलते थे, और ये मोबाइल फोन के मुकाबले अधिक सुरक्षित रहते थे, इसलिए हिजबुल्ला इनका इस्तेमाल करता था ताकि न इसकी लोकेशन इजराइल को दिख सके, न ही वह इसके टेक्स्ट-मैसेज में तांक-झांक कर सकें। लेकिन इजराइल ने इससे हजार कदम आगे बढक़र एक दूसरा हैरतअंगेज कारनामा कर दिखाया। उसने फौजी कार्रवाई करने के लिए आम जनता को भी बेधडक़ मारने से परहेज नहीं किया। अभी तक उसने अपनी परंपरा के मुताबिक इस खुफिया हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन हर किसी को यह अंदाज है कि सिवाय इजराइल इस काम को किसी और ने नहीं किया है। योरप के बने हुए ये पेजर खाड़ी के किसी देश से किसी के भुगतान के बाद लेबनान पहुंचे थे, और ऐसा अंदाज है कि इन्हें हिजबुल्ला के लिए उसके समर्थक और प्रायोजक देश ईरान ने भिजवाया था। लेकिन इनमें से बहुत से पेजर आम लोग भी इस्तेमाल कर रहे थे। अभी तक की जांच से समझ यही आया है कि फैक्ट्री से निकलने के बाद और लेबनान पहुंचने के पहले किसी जगह इजराइल ने इसके स्टॉक में घुसपैठ की, और हर पेजर को खोलकर उसके भीतर आरडीएक्स जैसा बहुत खतरनाक विस्फोटक ऐसे चिप और प्रोग्राम के साथ डाला जिससे कि पेजर पर कोई एक खास संदेश पहुंचते ही उसमें विस्फोट हो जाए।

अब हम लेबनान और इजराइल के इस मुद्दे से ऊपर उठकर पूरी दुनिया के लिए इस तकनीकी खतरे और चुनौती पर बात करना चाहते हैं। मोबाइल फोन से भी छोटा पेजर अगर विस्फोटक बनाया जा सकता है, तो आज तो दुनिया की अधिकतर आबादी मोबाइल फोन, लैपटॉप, पॉवर बैंक, ब्लूटूथ, और कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक सामान इस्तेमाल करती है जो कि वाईफाई या इंटरनेट से जुड़े भी रहते हैं। अब अगर किसी सामान में विस्फोटक डाल देना इतना ही आसान है, तो फिर हिजबुल्ला जैसे फौजी दर्जे के हथियारबंद संगठन की सारी सावधानी के बाद भी अगर इजराइल ऐसा कर पाया है, तो फिर कल किसी भी देश की किसी कंपनी में घुसपैठ करके वहां से किसी एक खास देश, या संगठन, या कारोबार के लिए जाने वाले कम्प्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक सामान में भी ऐसा ही किया जा सकता है। एक किस्म से देखें तो जिस तरह छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सली जंगल में जगह-जगह ऐसे विस्फोटक लगाकर रखते हैं कि जिन पर किसी का पैर पड़े, या वहां से कोई गाड़ी निकले तो बड़ा विस्फोट हो जाए, उसी तरह अब इजराइल इतनी ताकत रखता है कि दुनिया के किसी देश से दुनिया के किसी खरीददार तक जाने वाले सामानों को वह बम बना दे।

अब सवाल यह उठता है कि सबसे अधिक कड़ी हिफाजत में रहने वाले दुनिया के नेता या सबसे बड़े कारोबारी भी मोबाइल फोन, लैपटॉप, और कमरे में दर्जनों दूसरी वाईफाई-इंटरनेट से जुड़ी चीजों का इस्तेमाल करते हैं। अब अगर कारखानों से निकलने के बाद महत्वपूर्ण व्यक्तियों तक पहुंचते हुए ये सामान बम बना दिए जाएं, तो लोग कितने सामानों से कैसा परहेज कर सकते हैं? अभी फटे पेजरों में तीन-तीन ग्राम आरडीएक्स डालने का अंदाज लगाया जा रहा है, तीन ग्राम का तो कोई ऐसा पुर्जा जैसा दिखता विस्फोटक भी मोबाइल फोन या दूसरे उपकरण में लगाया जा सकता है जो कि उसे खोलने पर भी समझ न पड़े। ऐसे में अभी एक अमरीकी लेख में यह खतरा बताया गया है कि अधिकतर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में अब वाईफाई मुहैया रहता है, और लोग पूरे सफर में अपने फोन-लैपटॉप का इस्तेमाल करते ही हैं। अब अगर उन पर किसी संदेश को भेजकर उनमें विस्फोट करवाया जा सकता है, तो कोई भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान या उसके मुसाफिर तभी तक महफूज हैं, जब तक इजराइल उन्हें मारना जरूरी नहीं समझता।

आज ऐसी कल्पना करना भी मुश्किल है कि दुनिया के कोई महत्वपूर्ण व्यक्ति तमाम संचार उपकरणों, और इंटरनेट-वाईफाई जैसे सिग्नलों से दूर रह सकते हों। और फिर जब इजराइल ने एक राह दिखा ही दी है, तो फिर दुनिया के आतंकी संगठन बहुत अधिक पीछे भी नहीं रहेंगे। अगले कुछ वक्त में वे लोगों की गाडिय़ों में, जो कि अब इंटरनेट से जुड़ी रहती हैं, घर के फ्रिज, एसी, और दूसरे घरेलू उपकरण जो कि इंटरनेट से जुड़े रहते हैं, इन सबको बम बनाकर चुनिंदा लोगों के आसपास पहुंचाने का काम हो सकता है। और जब कोई निजी उपकरण लेकर लोग किसी विमान में उड़ेंगे, तो उन्हें उड़ाकर पूरे विमान को उड़ाना भी आसान बात हो सकती है। इजराइल वैसे भी दुनिया का सबसे बड़ा मुजरिम-देश है, जिसके खिलाफ प्रस्ताव पास कर-करके संयुक्त राष्ट्र संघ अपने को दुनिया का सबसे बेअसर संगठन साबित कर चुका है। उसकी खुफिया एजेंसी मोसाद दुनिया में सत्ता और बड़े कारोबार से जुड़े भयानक जुर्म करने के लिए बदनाम है। और जिस तरह से वह फिलीस्तीन में हमास के हथियारबंद लड़ाकों को मारने के लिए उनसे सौ-सौ गुना बेकसूर निहत्थे नागरिकों को मार रहा है, उससे जाहिर है कि वह किसी एक मुसाफिर को मारने के लिए पूरे के पूरे विमान को भी उड़ा सकता है, या किसी सभागृह में अगर इजराइल विरोधी लोग इकट्ठा हैं, और उनमें से कुछ के मोबाइल-लैपटॉप तक उसकी घुसपैठ हो चुकी है, तो वह सभागृह के सैकड़ों लोगों को भी उड़ा सकता है। इजराइल ने बेकसूर नागरिकों पर इस बार के ताजा हमले से यह साबित किया है कि बेकसूर मौतों से उसे कोई परहेज नहीं है। उसने दुनिया भर के आतंकियों को एक नई राह दिखाई है, और आज आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मेहरबानी से आतंकी संगठन भी अपने निशाने आसानी से छांट सकते हैं, और यह पता लगा सकते हैं कि उन्होंने कौन से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ऑर्डर किए हैं, और रास्ते में उन पार्सलों में घुसपैठ करके उनमें विस्फोटक और ऐसा प्रोग्राम डाल सकते हैं कि उन्हें जब चाहे तब बम की तरह उड़ा सकें। दुनिया पर यह एक बहुत बड़ा वास्तविक खतरा इस रफ्तार से आया है कि किसी भविष्यवाणी के बिना कोई उल्का पिंड धरती से आ टकराया है। इजराइल की आतंकी क्षमता और घुसपैठ की उसकी ताकत की यह नई नुमाइश उसके अमरीकी पितामह की फिक्र का सामान भी है क्योंकि इजराइल की राह पर चलकर कोई अमरीका विरोधी आतंकी अब कहीं भी, किसी भी विमान को गिराने की साजिश कर सकते हैं। दुनिया के आज के ओसामा-बिन-लादेनों को एक नई प्रेरणा देने, और एक नया हथियार देने के लिए इजराइल का नाम हमेशा ही इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा।  (क्लिक करें : सुनील कुमार के ब्लॉग का हॉट लिंक)


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