दुर्ग

हर किसान को जागरूक होकर अधिकारों को समझने की जरूरत
01-Feb-2021 4:45 PM
हर किसान को जागरूक होकर अधिकारों को समझने की जरूरत

किसान सम्मेलन में मुखरता से उठा मुद्दा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 1 फरवरी।
देश के किसानों में वह क्षमता है जो कि अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई दे सकते हैं। हर किसान को जागरूक होकर अपने अधिकारों को समझने की जरूरत है। यह मुद्दा नगपुरा में आयोजित किसान सम्मेलन में प्रमुखता के साथ वक्ताओं ने उठाया। 
छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन का नगपुरा परिक्षेत्र (दुर्ग ब्लाक) के तत्वावधान में संगठन के परिक्षेत्र अध्यक्ष परमानंद यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। धरती और अन्न माता की पूजा के साथ इसकी शुरुआत हुई। सम्मेलन दो सत्र में संपन्न हुआ। सम्मेलन को संयोजक राजकुमार गुप्ता, अध्यक्ष आई.के. वर्मा, महासचिव झबेंद्र भूषण वैष्णव, अतिथि वक्ता अधिवक्ता जे.एल. वर्मा एवं अधिवक्ता रमेश शर्मा ने संबोधित किया। वक्ताओं ने किसानों को संबोधित  करते हुए किसानों को जागरूक और सतर्क रहने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक प्रतिबद्धता से परे हटकर सोचना होगा, तभी खेती और किसान समृद्ध होगा।

वक्ताओं ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खेती किसानी पर पडऩे वाले संभावित प्रभाव और 65 दिनों से दिल्ली की सीमा में चल रहे किसानों के आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने का आह्वान किया। अतिथि वक्ता जे.एल. वर्मा ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि भू-अर्जन की सम्पूर्ण प्रक्रिया के पालन में प्रशासन कुछ जान बूझकर और कुछ जानकारी के अभाव में प्रभावितों को पूरा लाभ से वंचित कर देते हैं। 

रमेश शर्मा एडवोकेट ने राजस्व अधिनियमों पर विस्तार से प्रकाश डाला, वहीं अफसोस जाहिर किया कि अविवादित प्रकरणों के निराकरण में भी किसानों का चप्पल घिस जाता है जो कि पीड़ा देती है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, आर बी सी 6-4, फसल बीमा योजना, राज्य सरकार की किसान न्याय योजना आदि के संबंध में विस्तार से अपने  विचार रखे एवं आगाह करते हुए कहा कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिये संगठन को मजबूत करना होगा तभी किसान और किसानी के हितों की रक्षा की जा सकेगी। सम्मेलन का सफल संचालन बंशी देवांगन ने किया। इस दौरान किसानों के बीच से आये प्रश्नों का समाधान किया गया। सम्मेलन में महिला किसानों ने भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया।

कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष उत्तम चन्द्राकर, बाबूलाल साहू, देवशरण, आशीष साहू, रामाधार सिन्हा, मीनू साहू, सुमिरन साहू, हीरालाल, भूपेंद्र, दीपक, कांतिलाल, प्रेम दिल्लीवार, महिला किसान राजेश्वरी देशमुख, लता चन्द्राकर विशेष रूप से उपस्थित थे।
 


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