दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुम्हारी, 28 अक्टूबर। लोक आस्था का महापर्व छठ शनिवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ।
26 अक्टूबर को खरना के बाद 28 अक्टूबर को सांध्य बेला में कुम्हारी स्थित बड़े तालाब घाट पर छठ को लेकर इस बार जबरदस्त उत्साह देखने को मिला बड़ी संख्या में परिवार के लोग घाट पर पहुँचे। व्रती महिलाओं ने 36 घंटे निर्जला उपवास रख अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अघ्र्य दिया। खरना से शरू हुआ यह महापर्व अस्त सूर्य देव को पहला अघ्र्य देने के बाद मंगलवार सुबह दूसरा अघ्र्य दिया। सोमवार को बड़े तालाब घाट पर पहुंचे लोगों ने ढोल-नगाड़े पटाख़े की शोर शराबे के साथ छठ पर्व उत्साह पूर्वक मनाया इसके पहले घाटों को दीपों व फूलों से सजाया गया।
इस अवसर पर कुम्हारी नगरपालिकाध्यक्ष मीना वर्मा भी घाट पर पहुंची और सभी व्रतियों को छठ पर्व की बधाई दी। आये हुए व्रतियों ने बताया कि 28 अक्टूबर को उगते सूर्य को अघ्र्य के साथ चार दिनों के पर्व का समापन हुआ। बताते चले कि दीपावली व गोवर्धन पूजा के बाद चार दिवसीय छठ पूजा की तैयारियां कुम्हारी क्षेत्र सहित आस पास के गांवों में शुरू हो गई थी। कुम्हारी नगर के स्टेशन चौक, बाजार चौक, वार्ड क्रमांक 14-15, परसदा, कुगदा, जंजगिरी समेत आसपास के इलाकों के रहवासियों के द्वारा छठ पर्व बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। छठ पूजा के लिए व्रती महिलाओं व पुरुषों के द्वारा कोसी, पीतल, बांस का सूप, दउरा, साड़ी, गन्ना, नारियल, फल सहित पूजा-अर्चना के लिहाज से हर सामानों को टोकरी में भर कर घाटों में ले जाया गया।


