दुर्ग
धान खरीदी का बहिष्कार, आंदोलन की चेतावनी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 26 अक्टूबर। चार सूत्रीय लंबित मांगे पूर्ण नहीं होने पर सहकारी समितियों के कर्मचारी आक्रोशित है। उन्होंने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है। इसमें कर्मचारियों ने मांग पूर्ण नहीं होने पर धान खरीदी का बहिष्कार कर अनिश्चित कालीन आंदोलन की चेतावनी दी है।
सौंपे गए ज्ञापन में उन्होंने कहा है कि छग शासन की महत्वकांक्षी योजनाओं को प्रदेश के 2058 सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को सेवा दे रहे हैं। समर्थन मूल्य धान खरीदी में समय पूर्व प्रदेश के 2058 समितियों के 2739 उपार्जन केंद्रों से समानुपात में धान का परिवहन नहीं होने से मार्कफेड रायपुर द्वारा सूखत की राशि सहित प्रासंगिक व्यय सुरक्षा व्यय कमीशन की राशि काटकर समितियों को भुगतान करती है। वहीं मिलर द्वारा समय पर उठाव नहीं करने का पेनाल्टी राशि स्वयं लेती है। फलस्वरूप धान खरीदी से होने वाली क्षति से समिति कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रही है।
गत वर्ष नवम्बर 2024 में आंदोलन के दौरान मुख्यमंत्री छग शासन से कोर कमिटी के साथ बैठक भी हुई थी जिसके कारण से अपर मुख्य सचिव छग शासन खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं संरक्षण विभाग मंत्रालय महानदी छग के द्वारा 12 दिसंबर 2024 में यदि 1 माह के पश्चात भी खरीदी केन्द्र में धान शेष रहता है तो उठाव हेतु शेष धान की मात्रा पर समिति को सूखत प्रदाय करने के लिए खाद्य विभाग द्वारा प्रस्ताव वित्त विभाग को लिखित पत्र जारी किया गया था, जिसका परिणाम शून्य है। 25 फरवरी को धान सूखने से शासन को वित्तीय प्रभार आने हेतु पत्र शासन प्रशासन को लिखा गया था जो अप्राप्त है।
आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं छग 11 नवम्बर 2024 लंबित मांगों की पूर्ति हेतु अंतर्विभागीय कमेटी का गठन करने सचिव छग शासन सहकारिता विभाग मंत्रालय महानदी भवन अटल नगर नवा रायपुर छग को लिखित पत्र दिया गया था। वर्ष 2007-08 से लगभग 18 वर्षों तक निरंतर संविदा के रूप में कार्यरत धान खरीदी आपरेटरों के स्थान पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्ति करना भी न्याय सिद्धांत के विपरीत है।
उन्होंने बताया कि खाद्य विभाग से 2 सूत्रीय लंबित मांग के मुताबिक समर्थन मूल्य धान खरीदी वर्ष 2023-24 एवं वर्ष 2024-25 में धान परिदान पश्चात हुई संपूर्ण सूखत मान्य कर राशि समितियों को देते हुए धान खरीदी वर्ष 2024-25 कंडिका 1.10 में परिवहन पश्चात संपूर्ण सूखत समिति को देवें अथवा प्रत्येक सप्ताह संपूर्ण परिवहन हो और वर्ष 2024-25 में शून्य शार्टेज प्रोत्साहन का भी प्रावधान कर विभिन्न प्रदत्त कमीशन, प्रासंगिक सुरक्षा व्यय में बढ़ोतरी की जावे एवं मध्य प्रदेश सरकार की भांति शासकीय उचित मूल्य दुकान दारों के विक्रेताओं को प्रतिमाह 3000 रुपये दी जावे, छग शासन के कलेक्टर द्वारा नामित प्रशासनिक धान खरीदी अधिकारी प्रभारी को खरीदी से सम्पूर्ण धान परिवहन मिलान अंतिम तक सूखत की जिम्मेदारी लिखित में जारी किया जावे।
इसी प्रकार धान खरीदी नीति वर्ष 2024-25 में वर्णित कंडिका क्रमांक 11.3.3 आउट सोर्सिंग द्वारा कम्प्यूटर आपरेटर के नियोजन को विलोपित कर विभाग तय करते हुए नियमितिकरण किया जावे। वहीं सहकारिता विभाग से 2 सूत्रीय लंबित मांग निम्नानुसार है प्रदेश के 2058 सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को वेतनमान देने हेतु प्रति वर्ष प्रत्येंक समितियों को 3-3 लाख रुपये प्रबंधकीय अनुदान राशि मध्यप्रदेश सरकार की भांति दी जावे।
साथ ही श्री कांण्डे कमेटी की अध्यक्षता रिपोर्ट सेवानियम 2018 संशोधन में भविष्य निधि, मंहगाई भत्ता, ई.एस. आई.सी. सुविधा, संस्था के दैनिक/ संविदा कर्मचारियों को समिति के सीधी भर्ती में प्राथमिकता/ बोनस अंक अनविार्य कर शीघ्र लागू करते हुए बैंक केडर समिति प्रबंधक पद, तृतीय, चतुर्थ श्रेणी के बैंकों के खाली पदों पर समितियों के सहायक कर्मचारियों को 50 प्रतिशत विभागीय भर्ती करते हुए उम्र एवं योग्यता में शिथिलता दी जावे।


