दुर्ग
दुर्ग, 3 अक्टूबर। एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन को लेकर किसान हलाकन है। किसान तहसील कार्यालय के चक्कर काटते - काटते हताश हो चुके है पूर्व जनपद सदस्य रूपेश ने पंजीयन के लिए समिति व गांवों में शिविर लगाने की मांग है।
पूर्व जनपद सदस्य रुपेश देशमुख ने कहा किसानों को धान बेचने के नाम पर सरकार परेशान कर रही है। जब पटवारी और कृषि विस्तार अधिकारी गिरदावरी कर रिपोर्ट बना वर्षों से भेजते हैं, जिसके आधार से सेवा सहकारी समितियो द्वारा फसल खरीदी किया मगर इस पर शासन को विश्वास नहीं है।
किसानों को एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन कराना अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन शासन इसके लिए उचित व्यवस्था नहीं कर रहा है। दुर्ग में अनेक किसानों का एग्रीस्टेक पोर्टल में अब तक पंजीयन नहीं हो पाया है । 2025 -26 में किसानों द्वारा फसल बेचने के लिए एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन करना अनिवार्य है लेकिन किसान तब परेशान हुए जब पिता की मृत्यु के बाद( फौती ); बंटवारे हिस्सेदारी या एक से अधिक खसरा जमीन है और एक का पंजीयन हो गया।
दूसरे का तहसीलदार के नाम से पेंडिंग दिखा रहा है। किसान लगातार हफ्ते भर से तहसील कार्यालय के राजस्व रिकार्ड में सुधार या आनलाइन पर दिक्कतों को दुरुस्त कराने चक्कर काट रहे हैं। लगातार चक्कर के बाद भी किसान अपने आप को हताश महसूस कर रहे उनका कहना है कि तहसील कार्यालय पर नायाब तहसीलदार की मनमानी या शासन का अधिक दबाव, अन्य जगह ड्यूटी लगा है या अभी बैठ नहीं रहे जैसी स्थिति है तो किसान किसके पास जाए ऐसी स्थिति में इस वर्ष किसान अपनी धान की फसल समर्थन मूल्य पर बेचने से वंचित न हो जाए पूर्व जनपद सदस्य रुपेश देशमुख का कहना है।
शासन प्रशासन, आरआईओ , पटवारी कृषि विस्तार अधिकारी कि संयुक्त टोली को तीन गांव चार गांव या सेवा सहकारी समिति स्तर पर शिविर लगाने आदेश करें जिससे किसानों की समस्या हल हो।


