दुर्ग

मुआवजे की मांग, किसानों ने किया प्रदर्शन
10-Sep-2025 8:52 PM
मुआवजे की मांग, किसानों ने किया प्रदर्शन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 10 सितंबर। नगपुरा में किसानों को शासन के आदेश के अनुसार मुआवजा देने के मांग आधा दर्जन से अधिक ग्रामों के किसानों ने इसे लेकर जमकर प्रदर्शन किया। किसानों ने शासन के आदेश के विपरीत मुआवजा तय करने का आरोप लगाया। इसमें शामिल लोगों ने कहा कि 400 के.वी. विद्युत टावर लाइन परियोजना से प्रभावित किसानों का धैर्य अब जवाब दे चुका है।
शासन आदेश और प्रशासन के आश्वासनों के बावजूद उचित मुआवजा न मिलने पर किसानों ने रोष जताया। आंदोलनकारी किसानों ने आरोप लगाया कि दुर्ग जिला प्रशासन ने खुद जो मुआवजा पत्रक किसानों को नाम चेक करने और सुधार करने के लिए उपलब्ध कराया था, अब उसी से मुकर रहा है। उन्होंने कहा कि दुर्ग जिले के अनेक ग्रामों की भूमि 400 के.वी. विद्युत टावर लाइन परियोजना से प्रभावित हुई है।
इस संबंध में शासन द्वारा 10 मार्च 2025 को आदेश जारी किया गया, जिसके अनुसार टावर बेस से प्रभावित भूमि हेतु 200 प्रतिशत एवं दोनों तारों के नीचे प्रभावित भूमि हेतु 30 प्रतिशत मुआवज़ा दिया जाना है। जनपद सदस्य एवं प्रभावित किसान ढालेश साहू ने आंदोलन स्थल से कहा कि यह शासन और प्रशासन द्वारा किसानों को दिया गया खुला धोखा है। स्वयं प्रशासन ने मुआवज़ा पत्रक किसानों को नाम मिलान और सुधार हेतु दिया था, जिसमें 200 और 30 प्रतिशत स्पष्ट लिखा है। अब उससे मुकरना किसानों के अधिकारों को लूटने जैसा है। इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वास्तविक मुआवज़ा वितरण में गंभीर भेदभाव किया जा रहा है।
किसानों को 200 प्रतिशत की जगह मात्र 80 प्रतिशत तथा 30 प्रतिशत की जगह केवल 15 प्रतिशत राशि का भुगतान किया जा रहा है। उनका कहना है कि यह न केवल शासन आदेश का उल्लंघन है, बल्कि किसानों के अधिकारों और न्याय की सीधी अवहेलना है। प्रभावित किसान विगत कई महीनों से अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपते रहे हैं किंतु अब तक शासन/प्रशासन द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की गई है। संवाद और समाधान के अभाव में किसान समुदाय गहरी निराशा और आक्रोश में है। भूमि ही किसानों की आजीविका का आधार है और क्षतिपूर्ति राशि में इस तरह की कटौती से किसान परिवार आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने मांग कि शासन आदेश  10 मार्च 2025 का अक्षरश: पालन सुनिश्चित किया जाए। प्रभावित किसानों को 200 एवं 30 प्रतिशत की दर से मुआवजा पूर्ण रूप से और बिना किसी कटौती के दिलाई जाए। अब तक किए गए भेदभावपूर्ण भुगतान की उच्च स्तरीय जांच कर सुधारात्मक कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को उनका वैधानिक अधिकार दिलाने हेतु तत्काल आवश्यक कार्रवाई की जाए।इस आंदोलन में केवल नगपुरा ही नहीं, बल्कि आसपास के ग्राम कातरो, मातरो, टोला, भेडसर, ढांबा, डांडेसरा सहित अनेक गांवों के किसान शामिल हुए। प्रभावित किसानों में रूपेन्द्र रिगंरी, पुकेश साहू, रमेश साहू, प्रशांत साहू, गजेन्द्र गजपाल, बंसीलाल देवांगन, दीपचंद गुप्ता, बाबूलाल साहू, किसून यादव, कोमल धनकर, मंथीर धनकर, मोहन धिमर, मेघनाथ यादव, गजानंद और संजय देशमुख सहित सैकड़ों सैकड़ों लोग इस दौरान मौजूद थे।


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