दुर्ग

आदर्श जीवनसाथी या मित्र जीवन को ऊपर उठाने में सहायक होता है-बालयोगी पं. विष्णु अरोड़ा
01-Sep-2025 10:35 PM
आदर्श जीवनसाथी या मित्र जीवन को ऊपर उठाने में सहायक होता है-बालयोगी पं. विष्णु अरोड़ा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 1 सितंबर।
बाबा रामदेव मंदिर गंजपारा में चल रही रामकथा के छठवें दिन बालयोगी पं विष्णु अरोड़ा ने राम हनुमान मिलन व सुग्रीव मित्रता के प्रसंग बताते हुए कहा कि हनुमान , भगवान राम और लक्ष्मण से ऋषमुख पहाड़ के नीचे मिलते है।
 राम और सुग्रीव के मिलन के लिए वे उन्हें कंधों पर बैठाकर सुग्रीव के पास लेकर जाते है। हनुमान ने उड़ते समय प्रभु के चरणों को पकड़ रखा है। वही प्रभु ने अपना हाथ हनुमान के िसर पर रखा है। हनुमान ने भगवान राम और सुग्रीव को आपस में मिलवाया व अग्नि को साक्षी रखकर मित्रता करवाई । अग्नि को साक्षी रखकर विवाह करने की परम्परा व  मित्रता के समय अग्नि के साक्षी रखने की अवस्था पर महाराज ने कहा कि अग्नि एकमात्र ऐसा तत्व है, जो हमेशा नीचे से ऊपर जाता है। अत: आदर्श जीवनसाथी या मित्र जीवन को सदैव ऊपर उठाने में सहायक होता है।

भारतीय संस्कृति में विवाह केवल भोग मात्र का साधन नहीं है अपितु यह एक साधना है।  पंडित विष्णु अरोड़ा ने कहा कि  निश्चित ही राम समदर्शी हैं परंतु वे न्यायाधीश भी है और कर्मों के आधार पर दंड निर्धारित करना और व्यवहार करना ये राम के गुण है। सभी को एक सामान दृष्टि से देखने का यह कदापि अर्थ नहीं की सभी से एक समान व्यवहार किया जाए। व्यवहार कर्मों के आधार पर होता है।  राजपाट पाकर जब सुग्रीव रामकाज को भूल गए तो लक्ष्मण क्रोधित हो गए और सुग्रीव से मिलने पहुंचे । ऐसे समय में हनुमान ने बड़ी चतुराई दिखाई और लक्ष्मण के क्रोध को शांत करने हेतु वे उन्हें मंदिर में लेकर गए उनके चरण पखारे तथा उन्हें पलंग पर बिठाया। पूरे वनवास में जो लक्ष्मण जी सोए नहीं उन्हें पलंग पर बिठाने का कार्य हनुमान ने गहरा चिंतन कर किया।
इस अवसर पर महापौर अलका बाघमारे, भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक, चतुभुर्ज राठी, जिला भाजपा मंत्री दीपक चोपड़ा,पूर्व महापौर धीरज बाकलीवाल, सिंधी पंचायत के अध्यक्ष अटल गोदवानी, लक्ष्मण गणेशानी, सुरेंद्र शर्मा, लखन शर्मा, शशि गुप्ता, जगदीश तापडिय़ा, रमेश राठी, विजय चाण्डक, रणछोड़ भूतड़ा, चैनसुख भट्टड़, पूनम राठी , गायत्री राठी , ममता टावरी, मनोज भूतड़ा , दिनेश टावरी, प्रवीण गाँधी , गोपाल लढ्ढा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

 


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