दुर्ग

सर्वे सूची-अंत्योदय कार्ड की स्थिति स्पष्ट नहीं, पशोपेश में प्राचार्य
14-Apr-2025 4:03 PM
सर्वे सूची-अंत्योदय कार्ड की स्थिति  स्पष्ट नहीं, पशोपेश में प्राचार्य

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दुर्ग, 14 अप्रैल। शिक्षा का अधिकार अधिनियम यानी आरटीई के तहत प्रवेश देने में वांछित दस्तावेजों का परीक्षण नोडल प्राचार्य के लिए परेशानी का सबब बन गया है। सर्वे सूची तथा अंत्योदय कार्ड की स्थिति स्पष्ट नहीं होने से प्राचार्य पशोपेश में दिखाई पड़ रहे हैं। आवेदन की पात्रता को लेकर वे उलझन में है।

बीते दिनों कलेक्टर अभिजीत सिंह तथा जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा की मौजूदगी में नोडल प्राचार्य की बैठक हुई। इस बैठक में भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई। एक ओर जहां खाद्य विभाग द्वारा अंत्योदय कार्ड के आधार पर निजी स्कूलों में प्रवेश नहीं देने की बात कही जा रही है। वहीं दूसरी ओर 2002 की सर्वे सूची में संरक्षक का नाम पिता नहीं दादा है। इसलिए इन्हें अभिभावक माना जाए या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत जिले के निजी विद्यालयों के प्रारंभिक कक्षाओं के आरक्षित सीटों गरीब तपके के बच्चों को प्रवेश दिए जाने का प्रावधान है। इसके लिए वर्ष 2025-26 में प्रवेश देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऑनलाइन आवेदन के बाद नामित नोडल प्राचार्यों द्वारा दस्तावेजों का परीक्षण किया जा रहा है।

 

इस दौरान प्राचार्यों द्वारा उठाए जा रहे प्रश्नों का जवाब आना बाकी है। मसलन बीपीएल सर्वे सूची ग्रामीण 2002-03, शहरी 2007-08 प्रमाण पत्र बच्चे (आवेदक) के दादा के नाम पर है, तो क्या यह प्रमाण पत्र आरटीई में प्रवेश हेतु मान्य होगा? (उस समय बच्चे का पिता स्वयं किशोर रहा होगा अर्थात अपने पिता पर आश्रित रहा होगा)। यदि हां, तो इस प्रमाण पत्र के सही होने का परीक्षण किस प्रकार करेंगे? क्या उन्हें जांच के लिए कोई सूची या टूल्स उपलब्ध कराया गया है? क्या दूसरे विकासखंड या दूसरे जिले द्वारा जारी बीपीएल सर्वे सूची ग्रामीण 2002-03, शहरी 2007-08 प्रमाणपत्र आरटीई के तहत प्रवेश के लिए मान्य होगा? पालक द्वारा प्रस्तुत सर्वे सूची प्रमाण पत्र में उल्लेखित नाम और उनके द्वारा प्रस्तुत अन्य दस्तावेजों में उल्लेखित नाम में कुछ अंतर हो तो ऐसी स्थिति में पात्रता किस प्रकार तय होगा? अंत्योदय राशन कार्ड के आधार पर आरटीई के तहत अशासकीय विद्यालय में प्रवेश नहीं दिया जा सकता और खाद्य विभाग द्वारा अंत्योदय कार्ड जारी नहीं किया जाता, तो ऐसी स्थिति में पालक अंत्योदय कार्ड कहां से लाएंगे और नोडल अधिकारी अंत्योदय राशन कार्ड के आधार पर किस प्रकार प्रवेश की पात्रता तय करेंगे।

जिला शिक्षा विभाग के आरटीई प्रभारी अमित घोष का कहना है कि अंत्योदय कार्ड नहीं होने से राशन कार्ड का नंबर दर्ज करने कहा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि 2002 की सर्वे सूची में संरक्षक बच्चों के दादा है। ऐसी स्थिति में पारिवारिक सदस्यों की सूची संबंधित दस्तावेज पेश किया जा सकता है। हालांकि उन्होंने भी माना कि कई स्थिति स्पष्ट नहीं है।


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