दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 6 अप्रैल। जनपद पंचायत दुर्ग में बहुमत के बाद भी तीन समितियों में भाजपाई सभापति नहीं बना पाएं। सभापति पद को लेकर भाजपा में अंतर्कलह खुलकर सामने आ गई। वरिष्ठ जनपद सदस्य पूर्णिमा वर्मा व संगीता साहू चुनाव प्रक्रिया के बीच ही नाराजगी जताते हुए सभाकक्ष से बाहर आकर चुनाव कार्यक्रम छोडक़र चली गर्इं।
गौरतलब है कि जनपद पंचायत दुर्ग में स्थायी समितियों के सदस्य के साथ 7 समितियों में सभापति का भी चुनाव होना था, इसके लिए सबसे पहले सभी समितियों में सदस्यों का चुनाव करने के बाद सभापति का निर्वाचन किए जाने एवं समितियों में सदस्यों की संख्या निर्धारण को लेकर कांग्रेसी सदस्य नाराज हो गए।
उनका कहना था कि प्रथम सम्मिलन में सदस्यों की संख्या तय करने की बजाय आज अचानक चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के पहले हर समिति में तीन-तीन सदस्य रखने का निर्णय लिया जा रहा है। जबकि पूर्व में हर समिति में 7-7 सदस्य थे। इसी तरह प्रत्येक समिति के सदस्य चुनने के तत्काल बाद उस समिति का सभापति का चुनाव होना चाहिए, वह भी नहीं किया।
उनका कहना था कि भाजपा के दबाव में जिला पंचायत में उन्हें एक समिति में मिली विफलता की वजह से पैतरा बदला जा रहा है, अन्यथा जिस तरह जिला पंचायत में इसके किए प्रक्रिया अपनाई गई थी। वहीं प्रक्रिया यहां भी अपनाया जाना चाहिए था। उनकी इस नाराजगी के बाद भी पहले सभी समितियों के तीन तीन सदस्यों का चुनाव पूरा करने के बाद सभापति पद पर निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू की गई। इसमें सभी समितियों में भाजपाई सदस्य निर्वाचित हुए, एक भी समिति में कांग्रेसी सदस्य बनाने में कामयाब नहीं हुए। सिर्फ संचार संकर्म में एक सदस्य को छोड़ बाकी सभी समितियों में भाजपाई सदस्यों को 13-13 एवं कांग्रेसियों को 11-11 मत मिले।
भाजपाई सदस्य सदन में बहुमत होने की वजह से कांग्रेसियों को समितियों से बाहर रखने की रणनीति के तहत हर समिति में 3-3 सदस्य रखने का निर्णय लिया, मगर वे अपने ही इस पैतरे में उलझ गए, जब सदस्यों का चुनाव होने के बाद सभापति के लिए संगीता माखन साहू को कृषि समिति एवं स्वच्छता व स्वास्थ्य समिति में सभापति प्रत्याशी के प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर करने कहा गया। तो उन्होंने कहा कि सभापति बनाने की बजाय उनकी उपेक्षा कर प्रस्तावक बनाया जा रहा है इसलिए वे हस्ताक्षर नहीं करने की बात कहते बाहर निकलकर घर चली गई।
इसी तरह वरिष्ठ जनपद सदस्य पूर्णिमा वर्मा से संचार संकर्म समिति में सभापति प्रत्याशी के प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर लेकर पुन: महिला बाल विकास समिति सभापति प्रत्याशी का भी प्रस्तावक बनने कहा गया। इस पर वे उन्हें सभापति नहीं बनाए जाने पर प्रस्तावक बनने से इंकार करती हुई वे भी बीच में चली गई। ऐसी स्थिति में इन समितियों के तीन-तीन सदस्यों में से एक को सभापति बनाए जाने से मात्र एक ही सदस्य शेष रह गए, जबकि एक समर्थक व प्रस्तावक जरूरी था। जिससे प्रस्तावक नहीं मिलने की वजह से सभापति का चुनाव नहीं हो पाया।