धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरूद, 15 दिसंबर। सिविल अस्पताल कुरूद एक बार फिर अपनी अव्यवस्थाओं को लेकर चर्चा में है। अस्पताल की डिजिटल एक्सरे मशीन पिछले 15-20 दिनों से तकनीकी खराबी के कारण बंद पड़ी है। साथ ही लैब में जांच नहीं होने से आम मरीजों को एक्सरे एवं पैथोलॉजी सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसी तरह की कुछ अन्य अव्यवस्था को लेकर लोगों में प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश बढऩे लगा है।
क्षेत्र का प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र होने के कारण सिविल अस्पताल कुरूद पर मेघा, मगरलोड, भखारा सहित दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज निर्भर हैं। ऐसे में एक्सरे मशीन एवं पैथोलॉजी जांच बंद होने से मरीजों को मजबूरी में निजी ठिकानों में जाकर लैब टेस्ट एवं एक्सरे कराना पड़ रहा है, जिससे उन्हें अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है। विशेषकर सडक़ दुर्घटनाओं के मामलों में चिकित्सकों द्वारा एक्सरे की सलाह दी जाती है, लेकिन अस्पताल में सुविधा न होने के कारण मरीजों को बाहर भेजा जा रहा है।
अस्पताल में भर्ती मारपीट एवं दूसरे हादसों में घायल मरीजों का जांच और एक्सरे रिपोर्ट के अभाव में उनका समुचित उपचार नहीं हो पा रहा है, जिससे मरीजों के साथ-साथ उनके परिजनों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बताया गया है कि कुछ समय पूर्व ही एक्सरे मशीन की मरम्मत कराई गई थी, लेकिन एक माह भी नहीं बीता और मशीन पुन: खराब हो गई। विगत लंबे समय से एक्सरे कक्ष में ताला लटक रहा है और गेट पर मशीन खराब होने की सूचना चस्पा कर दी गई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि एक्सरे मशीन का बार-बार खराब होना अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को दर्शाता है। इसी तरह सरकारी पैथोलॉजी जांच बंद होने का फायदा उठा कुछ निजी लैब संचालक अस्पताल से ही सैंपल उठा अपना धंधा चमका रहे हैं।
इस बारे में खंड चिकित्सा अधिकारी हेमराज देवांगन ने बताया कि रिएजेंट की कमी के चलते पैथोलॉजी जांच नहीं हो पा रही है, हमने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी देकर जरुरी कैमिकल सप्लाई की मांग की है, ताकि मरीजों जांच के लिए भटकना न पड़े। एक्सरे मशीन के रखरखाव का जिम्मा संबंधित कंपनी का है, उन्हें खराब होने की सूचना दे दी गई है, जल्द ही मशीन ठीक कर ली जाएगी।
कुछ पीडि़त मरीजों का कहना है कि यहाँ पदस्थ डॉक्टर निजी प्रैक्टिस पर ध्यान देने के बजाय अस्पताल में आये आम मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने पर गंभीरता से ध्यान दें। नहीं तो कभी भी विस्फोट स्थिति निर्मित हो सकती है।


