धमतरी
मेघा में मोमोज खाकर डेढ़ दर्जन हुए थे बीमार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 6 दिसंबर। प्रशासन ने मगरलोड ब्लॉक के फ़ूड पॉइज़निंग प्रभावित क्षेत्र में स्ट्रीट फ़ूड वेंडर्स के पास टीम भेजकर खाद्य पदार्थों की जांच कराई गई। करीब 70 खाद्य नमूनों की ऑन-द-स्पॉट टेस्टिंग की गई, जिनमें से 66 नमूने में से मात्र 4 ही अवमानक पाए गए, जिसे मौके पर ही नष्ट कराया गया।
ज्ञात हो कि मगरलोड ब्लॉक के स्वास्थ्य अधिकारी ने पत्र भेजकर आला अधिकारियों को बताया कि मेघा में सडक़ किनारे बिकने वाले मोमोज़ खाकर 29 नवम्बर से 2 दिसम्बर तक पेट दर्द और उल्टी दस्त के 18 मरीज भर्ती हुए हैं। मामला उजागर होने के बाद हरकत में आए जिला प्रशासन ने रायपुर संभाग मुख्यालय से चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला को धमतरी बुलवाया।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी फणेश्वर पिथौरा द्वारा स्ट्रीट फ़ूड वेंडर्स का सघन निरीक्षण कर मौके पर 70 खाद्य नमूनों की ऑन-द-स्पॉट टेस्टिंग की गई, जिनमें से 66 नमूने मानक स्तर के पाए गए। अवमानक पाए जाने वाले खाद्य पदार्थों को नष्ट कराया गया। अवमानक नमूनों में आलू मसाले में रंग और सड़े संतरे का उपयोग तथा बालूशाही एवं समोसे में सडक़ की धूल की उपस्थिति पाई गई। टीम ने स्ट्रीट फ़ूड विक्रेताओं को खाद्य पदार्थों को नियंत्रित तापमान में रखने, भोजन परोसते समय अख़बारी कागज़ का उपयोग न करने, व्यक्तिगत एवं आसपास की स्वच्छता बनाए रखने तथा खाद्य निर्माण में केवल ताज़ी सामग्री का उपयोग करने के निर्देश दिए।
अभिहित अधिकारी सर्वेश यादव ने बताया कि 8 से 12 दिसंबर तक चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला जिला मुख्यालय सहित तीन ब्लॉकों में स्ट्रीट फ़ूड का आकस्मिक निरीक्षण कर जांच करेगी। मानक स्तर पर खरा न उतरने वाले खाद्य पदार्थों एवं संबंधित विक्रेताओं के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
ज्ञात हो कि विभाग की सतत् निगरानी नहीं होने से कई होटल, ढाबे और स्ट्रीट वेंडर्सो द्वारा स्वास्थ्य मानकों का पालन नहीं किया जाता है। परिणाम स्वरूप इन जगहों में कुछ खाकर लोग बीमारी का शिकार हो रहे हैं। होली दीवाली जैसे पर्व और इस तरह की बड़ी घटना न हो, तब तक विभाग मौन रहता है। इस प्रशासनिक लापरवाही के चलते ऐसी अधिकांश जगह पर ईंधन के रूप में कमर्शियल की जगह डोमेस्टिक गैस सिलेंडर का खुलेआम उपयोग किया जा रहा है।


