धमतरी

विद्युत लाइन रखरखाव के नाम पर काटे जा रहे हरे-भरे पेड़
17-Oct-2025 2:54 PM
विद्युत लाइन रखरखाव के नाम पर काटे जा रहे हरे-भरे पेड़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कुरुद, 17 अक्टूबर। देश में एक ओर जहां पर्यावरण संरक्षण के लिए एक पेड़ मां के नाम जैसे सराहनीय अभियान चलाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर बिजली विभाग के अधिकारी कायदे कानून को ताक में रख हरे-भरे पेड़ों को कटवा  रहे हैं।

 गौरतलब है कि कुरुद विधायक अजय चन्द्राकर अपने निर्वाचन क्षेत्र का तापमान अन्य क्षेत्र के मुकाबले दो डिग्री कम रखने पिछले ढाई दशक से वन विभाग के माध्यम पेड़ लगवाने में लगे हैं। जिसके चलते क्षेत्र की अधिकांश सडक़ के दोनों ओर हरियाली नजऱ आने लगी है। दूसरी ओर विद्युत विभाग दीपावली के पहले बिजली लाइन के रख रखाव के नाम पर हर बार बिजली तार के नीचे और आसपास के पेड़ों में उग आई शाखाओं और डालियों की छंटाई करता है। लेकिन इस बार छंटाई की जगह सीधे हरे भरे पेड़ों को कटवाया जा रहा है।

यह मामला है कुरूद और भखारा के बीच का है। गुरुवार को ग्राम देवरी, कोसर्मरा, सिहाद जाने वाली सडक़ किनारे लगे पुराने पेड़ों को दर्जनों मजदूर लगाकर कुल्हाड़ी और पेट्रोल से चलने वाली आरी से धड़ाधड़ कटवाया जा रहा था।

मौके पर मौजूद भखारा में पदस्थ कनिष्ठ यंत्री ने कहा कि विद्युत लाइन को सुरक्षित रखने पेड़ काटे जा रहे हैं, इसके लिए हमने वरिष्ठ अधिकारी से मंजूरी ली है।

 जबकि कुरुद में पदस्थ सीपीडीसीएल के कार्यपालन अभियंता जीके बंजारे ने इस संबध में पूछे जाने पर कहा कि हमने किसी को पेड़ काटने की अनुमति नहीं दी है। सप्रमाण हुई इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने मामले की जांच करा नियम विरुद्ध कार्य करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही।

 बिजली आपूर्ति की आड़ में क्षेत्र की हरियाली उजाडऩे वाले उक्त अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कुछ पर्यावरणविदों का कहना है कि प्रकृति के आँसू तब बहते हैं, जब एक तरफ पौधे लगते हैं और दूसरी तरफ पेड़ कटते हैं। वन विभाग, ग्राम पंचायत और सक्षम अधिकारी की अनुमति के बैगर किसी को भी पेड़ काटने की इजाजत नहीं है। पेड़ों की छंटाई तक तो ठीक है लेकिन इसके आड़ में  सालों पुराने पेड़ काटना सरासर अन्याय है।


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