धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 26 सितंबर। विगत 26 वर्षों से जारी परम्परा को जारी रखते हुए इस बार प्रतिकूल मौसम के बावजूद नगर दशहरा उत्सव समिति द्वारा एक से बढक़र एक छत्तीसगढ़ी सास्कृतिक कार्यक्रम का आयोजित करने में पीछे नहीं है। पहले झमाझम बारिश के बीच सुनील तिवारी नाइट और अगली रात दुष्यंत हरमुख कृत रंग झरोखा की प्रस्तुति देख हजारों दर्शक वाह वाह कर उठे। नियमित रूप से दशहरा मंच समाज के सभी वर्गों को सम्मान देने का काम भी कर रहा है। पिछले कुछ दिनों से हो रही बरसात की वजह से कुरुद दशहरा महोत्सव 2025 के कार्यक्रमों को खेल मैदान से मंडी फड में शिफ्ट किया गया। जिससे अब मौसमी बाधा खत्म हो गई। कव्हर्ड शेड तले कलाकार और श्रोता,दर्शक के बीच देर रात तक आनंद का रिश्ता बन रहा है। जिससे आयोजक भी उत्साहित नजऱ आ रहे हैं। 22 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चलने वाले दशहरा महोत्सव में रोज रात में छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय चुनिंदा सांस्कृतिक प्रोग्राम का आयोजन किया जाता है।
इसी के तहत 24 सितंबर को सुनील तिवारी नाइट के कलाकारों ने झमाझम बारिश के बीच रंगारंग और मनमोहक प्रस्तुति देकर दर्शकों को झुमने के लिए मजबूर कर दिया। महोत्सव के चौथे दिन गुरुवार रात दुष्यंत हरमुख, रिंकी देवांगन एवं रंग झरोखा टीम के कलाकारों ने गीत-संगीत और नृत्य का जबरदस्त काम्बिनेशन प्रस्तुत कर देर रात तक हजारों दर्शकों को बांधे रखा। राज्य गीत अरपा पैरी के धार...महानदी हे आपार की सजीव चित्रण पेश कर खुब तालियां बटोरी।
इन दोनों कार्यक्रम के बीच दशहरा मंच से भाजपा जिला उपाध्यक्ष त्रिलोकचंद जैन, मंडल अध्यक्ष कृष्णकांत साहु, ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष आशीष शर्मा, अधिवक्ता संघ अध्यक्ष रमेश पांडे, खिलेन्द्र, लेखराज चन्द्राकर, मोहन, सुभाष अग्रवाल, राज देवांगन, भूपेन्द्र छोटू, ओमप्रकाश साहु, विष्णु चन्द्राकर, तुकेश साहु, मनीष अग्रवाल, प्रकाश ढीवंर, जैसे गणमान्य नागरिकों का सम्मान किया गया। आभार प्रकट करते हुए आयोजन समिति के महासचिव भानु चन्द्राकर ने बताया कि संरक्षक विधायक अजय चन्द्राकर के सहयोग से ही यह सारा तामझाम हो रहा है। उन्ही की सोच के अनुरुप एकीकृत दशहरा की बुनियाद पड़ी थी, तब से हर साल यह परम्परा निभाई जा रही है। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रभात बैस, बसंत सिन्हा, मुलचंद सिन्हा, रामेश्वर ध्रुव, टीआर. सिन्हा, भोजराज, संजु चन्द्राकर, किशोर यादव, कमल शर्मा, केवल, बल्ला साहु, नीरज, भूखन सेन, प्रिंस चन्द्राकर,डेविड देवांगन आदि समिति सदस्यों का योगदान रहा।
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