धमतरी

बिजली हाफ योजना बंद, दोगुना-तिगुना बिल से हाहाकार
11-Sep-2025 3:34 PM
बिजली हाफ योजना बंद, दोगुना-तिगुना बिल से हाहाकार

‘छत्तीसगढ़’  संवाददाता

कुरुद, 11 सितंबर। महंगाई के इस दौर में जनता को राहत देने की बजाय प्रदेश सरकार ने 400 यूनिट तक हाफ बिल योजना बंद कर बड़ा झटका दिया है। इस महीने आये बिजली बिल में दो से तीन गुना बढ़ोतरी देख लोगों का माथा घूम गया है। 100 यूनिट तक की छूट संबधी सरकार के इस फैसले से 90 फीसदी उपभोक्ता बाहर हो गए हैं। इसमें जल्द सुधार नहीं हुआ तो सत्तापक्ष को जन आंदोलन का सामना करना पड़ सकता है।  अगस्त का बिल सितम्बर में बढक़र आया है। जिससे जनता में हाहाकार मचा गया है।

 कुरुद के रमेशर साहू, राजेश निर्मलकर, रहीम भाई, बिष्णु साहू ने कहा कि पहले 400 से 500 रुपये का मासिक बिल आता था, लेकिन इस बार 800 से 1500 रुपये तक हो गया है। उपभोक्ताओं ने इसके लिए सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बिजली बिल हाफ योजना से मिलने वाली राहत से गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार अपनी आय को बच्चों की शिक्षा, घर और स्वास्थ्य पर खर्च कर पा रहे थे। लेकिन योजना की सीमा घटा देने से उपभोक्ताओं पर अचानक दोगुना बोझ आ गया है।

बगदेही के किसान सनत साहू, युवराज, मेघनाथ, ठाकुरराम, तुलसी, मेंघू, ऋषि साहू, उदय ध्रुवंशी, युगल यादव, दीपक साहू ने सरकार से बिजली बिल हाफ योजना को पुन: लागू करने की मांग करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार का ताजा फैसला गरीब परिवारों के साथ अन्याय है। सरकार गरीब उपभोक्ताओं के हित में निर्णय नहीं लेती, तो जनता सबक सिखाने से पीछे नहीं हटेगी।

भखारा क्षेत्र के ग्राम जोरातराई से ईश्वरलाल साहू, मोरध्वज, गैंदलाल, रमेश, यशवंत साहू ने बताया कि तापमान बढने से अधिकांश लोगों के घरों में कुलर पंखा जरूरी हो गया है। जिससे बिजली खपत 100 यूनिट से अधिक होती है। बिजली बिल हाफ योजना के चलते पहले भूपेश कका के राज में हर महीने 250 से 300 रुपए तक बिल आता था। इस बार 630 से 970 रुपए का बिल आया है। लोचन ध्रुव, गिरधर मारकंडे, अम्बेद, गंगाराम साहू आदि ग्रामीणों ने भी अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि नई सरकार ने नई टैरिफ लागू कर बिजली बिल में बढ़ोतरी कर दी है।

हम महंगाई के मार से पहले ही अधमरे हो रहे हैं। ऐसे में बिजली की दोहरी मार पड़ रही है। इस संबंध में अधिकारियों से कुछ कहते हैं तो वे पीएम सूर्य घर छूट योजना का लाभ गिनाने लगते हैं। सरकार को चाहिए कि अपने फैंसले को लेकर पुन: विचार करें ताकि लोगों को सडक़ में न आना पड़े।


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