धमतरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरूद, 6 सितंबर। संस्कृतिक विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आयोजित पावस प्रसंग कार्यक्रम में प्रदेश भर से आये कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। जिसमें कुरुद की बेटियों ने कथक एवं शास्त्रीय नृत्य में अपने कदमों की थाप और घुंघरुओं की लयबद्ध आवाज ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
संस्कृतिक विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मंहत घासीदास स्मारक संग्रहालय रायपुर में 2-6 सितम्बर तक आयोजित शास्त्रीय नृत्य एवं गायन कार्यक्रम में प्रदेश के कुछ खास शास्त्रीय संगीत तथा नृत्य कलाकारों को ही अवसर दिया जाता है। जिसमें कुरूद की गीताजंली कला केंद्र भी शामिल थी। यहाँ से प्रशिक्षित नगर की बालिकाओं ने नेपाल, हरिद्वार, शिमला, पूरी, भुवनेश्वर, उज्जैन, बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, नागपुर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में अपनी सफलता के झंडे गाड़ चुकीं हैं। फलस्वरूप इस वर्ष संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित पावस प्रसंग 2025 में उन्हें भी अवसर मिला। जिसमें सिया शर्मा, पूर्वी साहू, तेजल वर्मा, श्रेया श्रीवास, नेहा साहू, तुलीसा साहू ने अपने कत्थक गुरु जुगराज बाग के निर्देशन में भाग लिया।
मंच पर कुरुद की बेटियों ने कथक नृत्य की उत्कृष्ट प्रस्तुति देते हुए सामूहिक नृत्य में कदमों की थाप और घुंघरुओं की लयबद्ध आवाज ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रस्तुति में बसंत ऋतु पर आधारित प्रसंग का लयबद्ध वर्णन किया गया, जिसमें बारिश के मौसम की प्राकृतिक छंटा का मनोहारी चित्रण किया गया। बालिकाओं के शानदार प्रदर्शन से उत्साहित कला केंद्र संचालिका रंजना मुदलियार एवं अंजलि नायडू, निशा वर्मा, विनीता साहू, सुमन शर्मा, संगीता साहू, अनिता श्रीवास आदि पालकों ने उन्हें शुभकामनाएं दी है।