धमतरी

105 करोड़ का लोन बंटा, 1.39 लाख हेक्टेयर में होगा धान, खाद भंडारण 50 फीसदी पूरा
05-Jun-2025 4:55 PM
105 करोड़ का लोन बंटा, 1.39 लाख हेक्टेयर में होगा धान, खाद भंडारण 50 फीसदी पूरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

धमतरी, 5 जून।  जून महीना शुरू होते ही किसान खरीफ की तैयारी में जुट गया है। किसानों ने धान की नर्सरी तैयार करना शुरू कर दिया है। खुर्रा बोनी भी शुरू हो गई है। खरीफ वर्ष 2025-26 में जिले में कृषि विभाग ने 1 लाख 39 हजार 764 हेक्टेयर में धान की फसल लगाने का लक्ष्य रखा है। 43 हजार मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य है। लक्ष्य के मुताबिक अब तक 20 हजार मीट्रिक टन का उर्वरक का भंडारण प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति में भी कर लिया गया है।

किसानों ने 105 करोड़ का कर्ज भी ले लिया है। जिले के किसानों ने खुर्रा बोनी शुरू कर दी है। किसान हल-ट्रेक्टरों से जुताई कर रहे हैं। किसान धान समेत अन्य फसल लगाने की तैयारी में जुट गए हैं। जिले में बीते साल 1 लाख 42 हजार 538 हेक्टेयर में धान फसल लगाया गया था। इस साल 1 लाख 39 हजार 764 हेक्टेयर में धान फसल लगाया जाएगा। कुल 1 लाख 44 हजार 360 हेक्टेयर में फसल बोवाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 4 हजार 596 हेक्टेयर में दलहन-तिलहन व सब्जी की फसल लगाई जाएगी।

यूरिया 9 हजार मीट्रिक टन बाकी

जिले के 74 प्राथमिक सहकारी समितियों में लगभग 20 हजार मीट्रिक टन रासायनिक खाद का भंडारण किया जा चुका है। जिसमें यूरिया 9 हजार 267 मीट्रिक टन, सिंगल सुपर फास्फेट 3 हजार 570 मीट्रिक टन, डीएपी 3 हजार 100 मीट्रिक टन, म्यूरेट ऑफ पोटाश एक हजार 275 मीट्रिक टन, एनपीके 2 हजार 525 मीट्रिक टन शामिल हैं। जिले में किसानों द्वारा खाद के उठाव के बाद भी अभी 8 हजार 195 मीट्रिक टन खाद प्राथमिक सहकारी समितियों में शेष है। इसके साथ ही 4 हजार 500 मीट्रिक टन खाद डबल लॉक में भी उपलब्ध है, जिसे समय पर समितियों में भंडारित किया जा रहा है।

खाद-बीज का क्रमिक रूप से भंडारण होगा

कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने अधिकारियों को निर्देशित कर कहा है कि किसानों को समय पर पर्याप्त खाद और बीज उपलब्ध कराएं। खाद-बीज की कमी जैसी स्थिति पर तत्काल सूचित करने के भी निर्देश दिए हैं। जिले के विपणन अधिकारी सुनील राजपूत ने बताया कि अगले तीन-चार दिनों में रायपुर और बालोद रेक पॉइंट से जिले में यूरिया, सुपर फास्फेट, एनपीके जैसी खादों का भंडारण कर लिया जाएगा। खाद-बीज का क्रमिक रूप से भंडारण होगा।


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