दन्तेवाड़ा
मंदिर का पट बंद, अगले वर्ष मकर संक्राति पर खुलेगा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 28 दिसंबर। लौह नगरी बचेली में स्थित अयप्पा मंदिर में 41 दिवसीय मण्डल व्रत पूजा का समापन रविवार को हुआ। अंतिम दिन सैकड़ों की संख्या में भक्त मंदिर पहुंचे। मण्डलव्रत पूजा के अंतिम दिन रेल्वे कॉलोनी के शिव मंदिर में पूजा पश्चात भक्तों द्वारा हाथों में दीया लेकर हुए रेल्वे कॉलोनी के शिव मंदिर से भगवान अयप्पा की झांकी निकाली गई। रथ को काफी आकर्षक ढंग से सजाया गया था। इस दौरान गाजे-बाजे व आतिशबाजी की गई। अंत मेंं झांकी अयप्पा मंदिर पहुंचीं। तत्पश्चात अयप्पा मंदिर में विशेष मण्डल पूजा की गई। भक्तों को गुड़ व चावल से बना प्रसाद वितरण किया गया। मंदिर को फूलों व आकर्षक झालर लाईटों के साथ सजाया गया।
बीआईओएम बचेली काम्पलेक्स के मुख्य महाप्रबंधक पीके मजुमदार, उत्पादन उपमहाप्रबंधक बी. वेंकटश्वर्लु, तेजस्वनी महिला समिति की उपाध्यक्ष बी. सुजाता वेंकटशवर्लु, नगर पालिाकाध्यक्ष पूजा साव, उपाध्यक्ष उस्मान खान, मंदिर पहुॅचकर भगवान अयप्पा के दर्शन कर नगर के खुशहाली की कामना की।
इसी पूजा के साथ मंदिर का पट बंद कर दिया गया। अगले वर्ष दुबारा तीन दिवसीय 10 से 13 जनवरी तक मकर संक्राति के उपलक्ष्य में मंदिर का पट खुलेगा। इस पूजा का शुभारंभ 16 नवंबर को हुआ था। कोविड संक्रमण के कारण इस बार महाअन्नदान का आयेाजन नहीं हो पाया। केरल के आवलापुरा जिला के कृष्णावरम ग्राम के रहने वाले पंडित वासुदेवन पेाटी द्वारा पिछले 17 वर्षों से 41 दिवसीय मण्डल व्रत पूजा किया जा रहा है।
इस पूजा में सभी भक्त 41 दिन तक सुबह-शाम पूजा में शामिल हुए और मण्डलव्रत पूजा में विशेष योगदान रहा। हर शनिवार को शनिदेव का विशेष पूजा किया जाता था। सोमवार व शनिवार को गणेश पूजा भी किया जाता था। कहा जाता है कि सच्चे मन शनिदेव की पूजा करने पर मनोकामना पूर्ण होती है। कड़ाके की ठंड में भी भक्त सुबह-शाम पूजा में शामिल होते थे। अंतिम दिन भक्तों ने नम आखों से भगवान अयप्पा को विदाई दी।


