‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 12 दिसंबर। शिव महापुराण के चतुर्थ दिवस वृंदावन धाम से पधारी मानस पुत्री दीदी पुष्पांजलि हजारों श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा, शिव का अर्थ है कल्याण स्वरूप और कल्याण पदार्थों पर ब्रह्म शिव की उपासना उच्च कोटि के सिद्धों आप तो कल्याणकारी साधकों एवं सर्वसाधारण आस्तिकजनों सभी के लिए परम मंगलमय परम कल्याणकारी सर्व श्रेयस्कर है।
उन्होंने कहा, शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि देव, दनुज, ऋषि महर्षि, योगेंद्र, मुनेंद्र, सिद्ध, गंधर्व ही नहीं अपितु परम ब्रह्म, विष्णु तक इन महादेव की उपासना करते हैं। भगवान श्री राम तथा श्री कृष्ण के तो परम आराध्य ही हैं। उपासना का प्रचार-प्रसार भारत के सभी प्रदेशों में ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व में भी होता आ रहा है।
शिव के इस लोक कल्याणकारी राज्य स्वरूप महत्व एवं उपासना पद्धति से सर्वसाधारण जनों को अवगत कराया साथ ही शिव ही शक्ति है, शक्ति ही शिव है ,जो इस बात को जानता है वह ज्ञानी है शिव रूपी आस्था जब शरीर से निकल जाती है। तब शरीर बन जाता है। शव शमशान में जाता है, इसलिए शिव शमशान में वास करते हैं। राजा हो या रंक यहां सब को सम होना पड़ता है। शंकरजी अपने शरीर में भस्म का लेपन करते हुए उपदेश देते हैं यह जिस शरीर का अभिमान करते हैं वह राख की ढेर में तब्दील हो जाता है।
अहंकार को त्यागने से, मिलता है शिव का आशीर्वाद
पुष्पांजलि दीदी ने कहा, संसार में काम, क्रोध लोभ का उपयोग है। अभिमान का कोई उपयोग नहीं है। काम से भ्रष्टि उत्पन्न होते हैं, क्रोध से दुश्मन डरता, लोभ से ध्यान एकत्रित हो जाता है, पर अहंकार का क्या उपयोग है। अहंकारी व्यक्ति झुकता नहीं झुकने से दो लाभ हैं। एक तो आशीर्वाद मिलता है और शिव प्रसन्न होता है। सती प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने कहा, शंकर में देवताओं द्वारा दिशाओं के लिए प्रार्थना की तो शिव ने कहा मैं विवाह को तैयार हूं, पर जो नारी हजारों भजन में विघ्न करेगी या मेरी बात नहीं मानती तो मैं त्याग दूंगा। शिव के समझाने पर जब सती पिता दक्ष के घर बिना बुलाए यज्ञ में गई तो उन्हें अपना शरीर त्यागना पड़ा। वह सती दूसरे जन्म में पार्वती के रूप में हिमाचल के घर पैदा हुई।
दक्ष प्रसंग की प्रस्तुति से श्रद्धालु हुए मंत्रमुग्ध
कोलकाता से आए कलाकारों सती दक्ष प्रसंग का दृश्य अवलोकन कराया तो श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए, चित्रकूट से पधारे संत राजीव लोचन के मार्गदर्शन में रुद्र महायज्ञ आचार्य मोहित शर्मा रजनीश, शिवम , संचालक पंडित भागवत शरण शास्त्री ने किया। यज्ञ के आयोजक संयोजक मुख्य यजमान किसान नेता योगेश तिवारी, कल्पना तिवारी, गिरीश गवेल उपस्थित थे।
इस दौरान किशोर तिवारी, सूरज तिवारी, ताकेशवर देवांगन, डॉ. ईश्वर सिन्हा चंद्रेश ठाकुर नरेश साहू, गोपाल साहू सोढ राजकुमार त्रिपाठी, कामता सिन्हा, किशोर तिवारी, सच्चिदानंद मिश्रा, छगन सिन्हा, केशव सिन्हा, गोविंद जायसवाल, गोपाल साहू, राजकुमार त्रिपाठी, कामता सिन्हा समेत हजारों श्रद्धालु उपस्थित थे।