मरीज के परिजनों को डॉक्टर हाथों में टॉर्च पकड़ा कर करने लगे इलाज
शंभू यादव
कोण्डागांव, 6 अगस्त (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। जिला अस्पताल में बिजली गुल होने से मरीज, उनके परिजन और डॉक्टर सभी परेशान दिखाई देते हैं। बीती रात बारिश के चलते जिला अस्पताल में बिजली गुल हो गया था, लेकिन मानसून सत्र के दौरान भी जिला अस्पताल प्रबंधन के द्वारा पावर बैकअप को लेकर प्री प्लानिंग नहीं की गई है। ऐसे में तीन घंटे तक जिला अस्पताल परिसर पूरी तरह से अंधेरे में गुम रहा।
नतीजतन जिला अस्पताल के मरीज, डॉक्टर, स्टॉफ, मरीज के परिजन, सभी गर्मी मच्छर और इलाज में हो रही असुविधा से परेशान दिखाई दिए। लापरवाही का यह पहला किस्सा नहीं है, जब जिला अस्पताल में ऐसा हुआ हो, कई बार ऑपरेशन के दौरान भी ऐसी स्थिति सामने आ चुकी हैं। जिला अस्पताल से कई बार गंभीर और लापरवाही का किस्सा सामने आते रहते हैं।
जिला मुख्यालय कोण्डागांव में बीती रात तेज बारिश हुई। इसके चलते बंधा तालाब से चिखलपुट्टी तक पावर ब्रेक डाउन होकर बिजली गुल हो गया। ऐसे में रात लगभग 10 से लेकर 1 बजे तक बिजली गुल रही। बिजली गुल का सबसे बड़ा असर चिखलपुट्टी स्थित जिला अस्पताल में दिखाई दिया।
कहीं टॉर्च की रोशनी से इलाज तो कहीं गर्मी और मच्छर से बचने भटकते दिखे मरीज
जिला अस्पताल और शिशु एवं मातृत्व अस्पताल में बिजली गुल होने से मरीज परेशान दिखाई दिए। डॉ सुनील कुजूर मरीजों के इलाज के लिए टॉर्च की रोशनी में इलाज करते व प्रिस्क्रिप्शन लिखते हुए दिखाई दिए। तो स्टॉफ अंधेरे में ही इंजेक्शन लगाते दिखे। इस दौरान कुछ मरीजों से चर्चा किया गया।
कोण्डागांव के राजेश शर्मा मरीज परिजन - देर रात 9.30 बजे के आसपास बिजली गुल हुआ है। बिजली गुल होने से जिला अस्पताल में पहले से कोई व्यवस्था नहीं दिखाई दी, यहां जनरेटर में डीजल नहीं होने की बात कही जा रही है। वही कोई इलेक्ट्रीशियन जिला अस्पताल में नहीं होने से गार्ड जनरेटर में डीजल डालते व जनरेटर की मरम्मत करते हुए नजर आ रहे हैं, जिसका मैंने वीडियो भी बनाया है।
मालगांव के गंगाराम पोयाम मरीज परिजन - जिला अस्पताल में गंदगी का आलम पसरा हुआ है, बिजली गुल होने से आईसीयू वार्ड में भर्ती मेरे बेटे को मच्छर और उमस से परेशानी हो रहीं हैं, बाहर निकला तो ताजी हवा में थोड़ी राहत मिली है। जिला अस्पताल का जब नया भवन था तब स्थिति सही थी, अब पूरा बिल्डिंग कबाड़ बन चुका है।
रामप्रसाद मरकाम मरीज परिजन - मेरे बेटे को चाइल्ड वार्ड के एचडीयू वार्ड में रखा गया है, वार्ड पूरी तरह से एयर कंडीशनर रूम है, लेकिन लाइट गोल होने से यहां उमस और गर्मी बढ़ गई है। इससे मेरे बेटे को काफी परेशानी हो रही है। बच्चा चिल्ला चिल्ला कर रो रहा है पता नहीं बिजली कब आएगी अस्पताल में जनरेटर इत्यादि की व्यवस्था भी नहीं है।
संतोषी मरकाम मरीज परिजन - मेरी छोटी नन्ही बच्ची को जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करवाया गया है, जहां उपचार तो काफी अच्छा मिल रहा है, लेकिन व्यवस्थाओं में लापरवाही का आलम है। बिजली गुल होने से कई घंटे से हम अंधेरे में बैठे हैं। यहां मच्छर और उमस से परेशान परेशानी हो रही है। अस्पताल प्रबंधन से भी कोई नहीं बता रहा कि बिजली कब आएगा।
एक ओर कोण्डागांव के जिला अस्पताल में बिजली गुल होने और पावर बैकअप नहीं होने से मरीज और उनके परिजन परेशान होते रहे, दूसरी ओर कोण्डागांव के जिला अस्पताल से जिम्मेदार अधिकारीयहां दिखाई नहीं दिए। हालांकि जनरल सर्जन डॉ. एस नगुलान व डॉ. शैलेश कुमार जिला अस्पताल के बाहर मरीजों की समस्या से अवगत होते और जनरेटर जल्द से जल्द चालू करने स्टाफ को निर्देशित करते हुए भी दिखाई दिए।
रविवार की सुबह जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. आरसी ठाकुर ने मोबाइल पर चर्चा करते हुए बताया कि, लगातार जनरेटर अपने फंक्शन पर रहता है, कल अचानक बैटरी डाउन होने से जरनेटर ऑन नहीं हुआ है, इस पर मैं क्या कर सकता हूं। वहीं उन्होंने एमसीएच बिल्डिंग के जनरेटर के बारे में कहा कि, जनरेटर का डीजल सूख गया था। मानसून पूर्व प्लानिंग के बारे में उन्होंने बताया कि, हमेशा तैयारी पहले से की जाती है, कल अचानक ऐसी स्थिति निर्मित हुई है।