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राकेश ने राष्ट्रीय स्पर्धा में 8 और मानू ने 10 स्वर्ण जीते
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 17 जून। छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग के स्थापना दिवस कार्यक्रम का आयोजन आज राजधानी रायपुर स्थित सर्किट हाऊस में किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नारायणपुर जिले के मलखम्ब खिलाड़ी मास्टर राकेश वरदा और मानू ध्रुव को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
ज्ञात हो कि राकेश कुमार वड़दा, जिसकी उम्र 13 वर्ष है। वह नारायणपुर जिले अंतर्गत ओरछा विकासखंड के ग्राम परपा कुतुल का निवासी है। बालक अबूझमाड़ के अबूझमाडिय़ा विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार से है। बालक कक्षा 8वीं का छात्र है। बालक ने मल्लखंभ खेल में स्कूल से ही प्रारंभ कर खेल जगत में नया कदम बढ़ाया। राष्ट्रीय मलखम्ब चैंपियनशिप में 8 स्वर्ण पदक प्राप्त कर चुका है। बालक ने ऐसा रिकार्ड बनाया जो कि इंडिया के बेशुमार बुक इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में महज 10 वर्ष की उम्र में ही अपना नाम दर्ज करवाया है। बालक ने छत्तीसगढ़ राज्य के साथ-साथ अबूझमाड़ का भी नाम रौशन किया है।
मानू ध्रवु ने जो कि नारायणपुर जिले के आसनार का निवासी है, जिसकी उम्र 13 वर्ष है। बालक अबूझमाड़ के अबूझमाडिय़ा जनजाति का है। मानू छोटी उम्र से ही मलखम्ब पोल से स्वयं से चढ़ता उतरता था। वर्ष 2018 से ग्रीष्मकालीन कैंप में मुंबई के दादर में श्री समर्थ व्यायामशाला मंदिर में मलखम्भ का प्रशिक्षण प्राप्त किया। डेढ़ वर्ष के कठिन परिश्रम के बाद मार्च 2020 को बिलासपुर में आयोजित 32वीं राष्ट्रीय मलखम्ब चैंपियनशिप में 2 गोल्ड मेडल महज 8 वर्ष की उम्र में ही अपने नाम किये। वर्तमान में मानू ने 10 गोल्ड मेडल जीत लिये हैं।
मलेरिया जांच के अलावा स्वास्थ्य शिविर में 15 सौ से अधिक का उपचार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 17 जून। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा है कि छत्तीसगढ़ मलेरिया मुक्त हो, इसी उद्देश्य के किये मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश के सभी क्षेत्रों में खासकर अंदरूनी और आदिवासी बाहुल्य इलाकों में इस अभियान पर जोऱ दिया जा रहा है, साथ ही अन्य स्वास्थ्य सुविधायें भी दी जा रही। मुख्यमंत्री श्री बघेल बरसों से अबूझ रहे अबूझमाड़ को बूझने की शुरुआत भी कर दी है।
कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी जिले को मलेरिया से मुक्त करने तथा बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने एवं अंदरूनी क्षेत्रों तक पहुंच बनाने के लिए योजना तैयार कर, कार्य को प्राथमिकता से किया जा रहा है। जिले में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान की भी समीक्षा लगातार कर रहे हैं और अधिकारियों से कहा है कि जब जांच दल मलेरिया की जांच हेतु अदंरूनी क्षेत्रों में जाये तो मलेरिया के साथ-साथ स्कैबीज, मोतियाबिंद, टीबी, दाद-खाज-खुजली, सर्दी, खांसी सहित अन्य बीमारियों की भी लक्षण पाये जाने पर जांच करें।
श्री रघुवंशी के निर्देश पर मलेरिया जांच करने बीते दिनों स्वास्थ्य अमला लंका और हांदावाड़ा क्षेत्र में नारायणपुर जिले के अबूझ कहे जाने वाले ओरछा विकासखंड (अबूझमाड़) के धुर नक्सल प्रभावित, घने जंगलों एवं पहाड़ों को पगडंडियों के सहारे पार करते हुए गांव लंका, पदमेटा, कारंगुल और रासमेटा बीजापुर जिले से पहुंचा। स्वास्थ्य अमले में डॉ सुखराम डोरपा, खण्ड चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी के नेतृत्व में उनके सहयोगी डॉ.अनुराधा नेताम, डॉ. श्यामबर सिंह, स्टाफ नर्स कु सरस्वती दुग्गा शामिल थे।
स्वास्थ्य अमले द्वारा इन गांवों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इस दौरान उन्होंने मलेरिया, स्कैबीज, मोतियाबिंद का स्क्रीनिंग एवं अन्य बीमारियों की जांच सफलतापूर्वक की और वहां के बच्चों एवं ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा एवं स्वास्थ्य परामर्श दिया।
हांदावाड़ा और लंका हैं बीहड़ क्षेत्र, जहां पहुंचने बीजापुर-दंतेवाड़ा जिले को पार कर जाना पड़ता है
विदित हो कि हांदावाड़ा, लंका नारायणपुर जिले के ऐसे बीहड़़ एवं दुर्गम गांव है, जहां जाने के लिए बीजापुर और दंतेवाड़ा की ओर से नदी-नालों को पार कर पहुंचा जाता है। बारिश के दिनों में यहां स्थितियां और भी गंभीर होती है। डॉ. डोरपा के नेतृत्व में यह दल भी इसी मार्ग के जरिये इन गांवों में पहुंचा और मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें आवश्यकतानुसार जीवनरक्षक दवाईयों का नि:शुल्क वितरण किया।
जिले में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का शत प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण
जिले में बीते 17 मई से 16 जून 2022 तक मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का संचालित किया गया, जिसमें सर्वे किये गये कुल घर, स्कूल, आश्रम, छात्रावास, पोटाकेबिन अर्द्धसैनिक बलों के कैंप आदि की संख्या 25 हजार 500 है, जिसमें 1 लाख 41 हजार 891 लोगों की मलेरिया जांच की गयी।
जिले को प्राप्त 1 लाख 41 हजार 731 में से जिसमें 1 लाख 41 हजार 891 लोगों की मलेरिया जांच कर लक्ष्य पूर्ण किया जा चुका है। जांच के दौरान कुल 2 हजार 566 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाये गये, जिसमें व्यस्क पुरूष 403, वयस्क महिला 472, 0 से 1 वर्ष के 110, 1 से 4 वर्श के 559, 5 से 8 वर्श के 559, 9 से 14 वर्श के 463 पॉजिटिव पाये गये, वहीं 17 गर्भवती महिलायें पॉजिटिव मिली।
इसी प्रकार ऐसे मलेरिया पॉजिटिव जिन्हें रेफर किया गया उनकी संख्या 19 है। अभियान के दौरान 477 घरों में मलेरिया के लार्वा पाये गये। जांच के दौरान 234 लोग टीबी रोग से ग्रसित पाये गये और 181 लोगों के बलगम जांच हेतु लिया गया। मोतियाबिंद सर्वेक्षण के दौरान 730 लोगों को कम दिखायी देने की शिकायत प्राप्त हुई। वहीं 76 लोगों ने दिखायी नहीं देना बताया। जांच के दौरान 414 लोगों ने 6 सप्ताह से अधिक खुजली होने की भी जानकारी दी।
शत-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण-कलेक्टर
मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान की शुरुआत 17 मई से हुई है। जिले में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया लेकिन लेकिन जिले में यह अभियान अभी चलता रहेगा, लक्ष्य के अतिरिक्त लोगों की मलेरिया जांच की जाएगी। ओरछा ब्लाक के अबूझमाड़ क्षेत्र में जहां घने जंगल और पहाड़ से घिरा क्षेत्र है उस क्षेत्र में हम प्राथमिकता से पहुंच रहे हैं, हमारी टीम जिले के अंतिम व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ पहुचाने कृतसंकल्पित हैं, उन तक पहुँचने घने-जंगलों, उबड़-खाबड़ रास्तों को पार कर पहुँच रही है। इस अभियान को शत-प्रतिशत पूर्ण करने के लिए कलेक्टर द्वारा दलों का गठन किया गया है। इस प्रकार सभी दलों में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकताओं के साथ मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लोगों की मलेरिया की सघन जांच कर रहे हंै।
पुलिस ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर (बस्तर), 1 जून। पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाते हुए एक परिवार और उनके साथ ग्रामीणों ने आज जिले के भरंडा थाने के सामने मुख्य मार्ग पर चक्का जाम कर दिया। दूसरी ओर पुलिस ने कहा है कि आरोपी का पहले माओवादी संपर्क रहा है। मारपीट की बात बेबुनियाद है। उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है।
ग्रामीणों के अनुसार नारायणपुर के रावघाट माइंस इलाके में रहने वाले सोमनाथ दुग्गा को पुलिस ने बीती रात घर से उठा लिया था। परिवार के लोगों ने जब इसका विरोध किया तो उनसे पुलिस ने मारपीट की। इसके बाद थाने में सोमनाथ दुग्गा की इतनी पिटाई की गई कि वह बेहोश हो गया। पुलिस ने सुबह उसे छोड़ा तो उसे अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल कराया गया।
इसके विरोध में ग्रामीणों ने भरंडा थाने के सामने रास्ता रोककर सड़क जाम कर दिया और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। धरने में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।
इस बारे में नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार का कहना है कि उक्त ग्रामीण का माओवादी संगठनों के साथ पहले से संपर्क रहा है। उसे ऐसे एक मामले में जेल भी भेजा जा चुका है। पुलिस को अभी पता चला था कि हाल ही में माओवादियों के साथ उसकी मीटिंग हुई है, जिसके चलते उसे पूछताछ के लिए थाने लाया गया था। पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया। उसके साथ मारपीट की बात बेबुनियाद है। अस्तपाल में वह पिटाई के कारण नहीं बल्कि तबीयत खराब होने के कारण भर्ती है। ग्रामीणों को समझा-बुझाकर रास्ता खाली करा लिया गया है।
नारायणपुर, 28 मई। कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी ने बीते दिन जि़ला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जिला अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित कि मरीज़ों एवं उनके परिजनों को असुविधा न हो इस हेतु कलेक्टर ने जिला अस्पताल नारायणपुर में मरीज़ों के लिए एसी, कूलर, वाटर कूलर एवं 50 बिस्तर अतिरिक्त वार्ड बनाने के निर्देश दिये। इस दौरान कलेक्टर ने अधिकारियों से अस्पताल में आने वाले मरीज़ों को बिस्तर, साफ़ पानी, अच्छा खाना, स्वच्छ वातावरण और अस्पताल कर्मचारियों का अच्छा व्यवहार के साथ-साथ ही ईलाज करने कहा। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी स्थिति में मरीज़ ज़मीन में ना सोए इसका ध्यान रखा जाए।
उन्होंने अस्पताल के सौंदर्यीकरण हेतु कार्य करने के लिए निर्देश दिए और मरीज़ों के परिजनों के शिकायत का तत्काल निराकरण करने के लिए कहा। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बीआर पुजारी के अलावा जिला अस्पताल के अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
नारायणपुर, 27 मई। जिले में संचालित एकलव्य आवासीय विद्यालय छेरीबेड़ा एवं ओरछा में में शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए अस्थायी रूप से अंग्रेजी/हिन्दी माध्यम सीबीएसई पैटर्न पर विद्यालय संचालन हेतु निर्धारित मानदेय पर अतिथि शिक्षक पीजीटी/टीजीटी एवं अन्य पद की पूर्ति हेतु का आयोजन 6 एवं 7 जून को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवाीस विकास शाखा नारायणपुर में आयोजित किये गये हैं।
वॉक इन इंटरव्यू में पदों की संख्या एवं अन्य जानकारी प्राचार्य एकलव्य आवासीय विद्यालय छेरीबेड़ा एवं ओरछा के सूचना पटल एवं जिले की वेबसाईट डब्ल्यूडब्लयूडब्ल्यूडॉटनारायणपुरडॉटजीओव्हीडॉटइन पर देखी जा सकती है।
नारायणपुर, 27 मई। जिले में संचालित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल में शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए रिक्त पदों में संवदिा शिक्षकों के विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान अंग्रेजी माध्यम के 2 पदों पर अस्थायी नियुक्ति की जानी है।
नियुक्ति हेतु वॉक इन इंटरव्यू का आयोजन 6 जून को पूर्वान्ह 10.30 बजे से कार्यालय जिला पंचायत के सभाकक्ष में किया जायेगा। इच्छुक अभ्यर्थी संलग्न निर्धारित प्रपत्र में आवेदन पत्र पूर्ण कर मूल प्रमाण पत्र व अभिलेखों तथा उनकी स्व प्रमाणित छायाप्रतियों के साथ निर्धारित तिथि एवं समय में वॉक इन इंटरव्यू स्थल में उपस्थित हो सकते हैं। स्पीड पोस्ट, रजिस्टर डाक, साधारण डाक पोस्ट या अन्य किसी माध्यम से प्राप्त आवेदनों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा।
निर्धारित तिथि एवं समय के पश्चात प्राप्त आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा। वॉक इन इंटरव्यू से संबंधित अन्य जानकारी कार्यालय के सूचना पटल एवं जिले की वेबसाईट डब्ल्यूडब्लयूडब्ल्यूडॉटनारायणपुरडॉटजीओव्हीडॉटइन पर देखी जा सकती है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 16 मई। जिला मुख्यालय नारायणपुर के बखरूपारा में बस्तर संभाग स्तरीय यादव समाज युवक-युवती महासम्मेलन का 15 मई को आयोजन किया गया। इसमें विवाह योग्य युवक-युवती भारी संख्या में शामिल हुए।
सामाजिक पदाधिकारियों के अनुसार 15 दिनों के पश्चात सभी जिलों को सम्मेलन में शामिल युवक-युवतियों का बुकलेट उपलब्ध करवा दिया जाएगा, ताकि सामाजिक रीति रिवाज से जोड़े बन सके।
संभाग स्तरीय महासम्मेलन में बस्तर के सात जिला के समस्त पदाधिकारी, संभागीय अध्यक्ष संतोष यादव, संभागीय युवा अध्यक्ष गुड्डू रामपाल यादव, संभागीय महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष सरिता यादव, कोण्डागांव जिलाध्यक्ष माखन लाल यादव, नारायणपुर जिलाध्यक्ष अशोक यादव, सुकमा जिलाध्यक्ष टेदगु राम यादव, कांकेर जिलाध्यक्ष सुदामा यादव व अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
विधायक ने सरपंचों एवं पंचायत सचिवों की ली बैठक
नारायणपुर, 1 मई। हस्तशिल्प विकास बोर्ड अध्यक्ष एवं विधायक चंदन कश्यप ने जिला पंचाायत के सभाकक्ष में सरपंच एवं पंचायत सचिवों की बैठक ली।
बैठक में श्री कश्यप ने कहा कि गांवों के विकास के लिए शासन प्रतिबद्ध है। इसके लिए शासन द्वारा विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। गांवों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्राथमिकता के साथ काम किये जा रहे हैं। ताकि गांवों का समुचित विकास किया जा सके।
बैठक में विधायक श्री कश्यप ने कहा कि गांवों के विकास के लिए विधायक निधि, सीएसआर और अन्य मदों से विकासमूलक कार्य स्वीकृत किये जायेंगे। इसके लिए शीघ्र प्राक्कलन तैयार कर प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि गांवों में पेंशन स्थिति की समीक्षा करते हुए पेंशन वितरण स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि गांव के ऐसे लोग जो बैंक आने में समक्ष नहीं है, उन्हें पेंशन राशि का नगद भुगतान किया जाये। विधायक श्री कश्यप ने गांवाों में मनरेगा के तहत चल रहे कार्यों की बारी-बारी से जानकारी ली। इसके साथ ही मनरेगा के तहत् लंबित भुगतान के बारे में भी पूछा। कुछ गांवों के सरपंचों ने मनरेगा मजदूरी भुगतान लंबित होने की बात कही। जिनका भुगतान करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
उन्होंने कहा कि गांवों में मनरेगा के तहत कार्य आश्यकता एवं एक कार्य के पूर्ण होने पर दूसरा कार्य प्रारंभ किया जाये, जिससे ग्रामीणों को लगातार कार्य मिलता रहे। बैठक में विधायक श्री कश्यप सरपंच एवं पंचायत सचिवों को कार्य के दौरान आने वाली दिक्कतों के बारे में भी पूछा, और उनका निराकरण करने का भरोसा दिलाया।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्यामबती नेताम, उपाध्यक्ष देवनाथ उसेण्डी के अलावा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नारायणपुर घनश्याम जांगड़े मौजूद थे।
जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने बताया स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद
नारायणपुर, 1 मई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने श्रमिक दिवस के अवसर पर श्रमिकों को सम्मान प्रदान करने के लिए प्रदेश के सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष तथा जनप्रतिनिधियों सहित वरिष्ठ अधिकारियों से बोरे बासी खाने का आह्वान किया है। इसी कड़ी में आज नारायणपुर जिले के जनप्रतिनिधियों एवं अधिकाारियों ने बोरे-बासी खाया।
नारायणपुर जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष श्यामबती नेताम, उपाध्यक्ष देवनाथ उसेण्डी, नगर पालिका अध्यक्ष सुनीता मांझी और जनपद पंचायत नारायणपुर अध्यक्ष पंडीराम वड्डे ने जिला पंचायत अध्यक्ष निवास में बोरे बासी खायी।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने श्रमिकों को सम्मान प्रदान करने के लिए आज के दिन बोरे-बासी खाने का दिन निर्धारित किया है। बोरे बासी खाने से ब्लड प्रेसर सामान्य रहता है। बारे-बासी को शरीर के लिए लाभप्रद बताया, वहीं जिला पंचायत उपाध्यक्ष एवं नगर पालिका अध्यक्ष ने भी बोरे-बासी के संबंध में अपने विचार रखे।
जिला कार्यालय में कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी, पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार, डीएफओ थेजस शेखर, अपर कलेक्टर अभिषेक गुप्ता ने आज बोरे-बासी, कच्ची प्याज, आम का अचार, हरी मिर्च का लुत्फ उठाया बता दें कि बोरे-बासी छत्तीसगढ़ का ऐसा भोजन है जो बचे हुए चावल को पानी में भिगोकर रात भर रख कर बनाया जाता है। फिर सुबह उसमें हल्का नमक डालकर टमाटर की चटनी या अचार और कच्चे प्याज के साथ खाया जाता है। छत्तीसगढ़ के लोग प्राय: सुबह बासी का ही नाश्ता करते हैं। बोरे बासी खाने से न सिर्फ गर्मी और लू से राहत मिलती है, बल्कि बीपी कंट्रोल रहता है डि-हाइड्रेशन की समस्या नहीं होती है।
कहा- धन्यवाद सीएम सर, आपने बचपन और घर की याद दिला दी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर,1 मई। मजदूर दिवस के अवसर पर जिला नारायणपुर में तैनात जिला पुलिस बल, केंद्रीय बल, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल और डीआरजी के जवानों ने बोरे बासी खाया।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आह्वान पर मजदूर दिवस के अवसर पर जवानों ने भी बोरे बासी खाया। बोरे बासी खाकर जवान आत्मविभोर हो गए और बोले धन्यवाद सीएम सर, आपने बचपन और घर की याद दिला दी। अब हम प्रयास करेंगे कि गर्मियों में अक्सर बोरे बासी खाएँ।
डीआरजी टीम प्रभारी मुकेश्वर ध्रुव ने कहा कि गर्मी के दिनों में अगर किसी दिन रात चावल बच जाएगी तो वे जवानों के साथ सुबह बोरे बासी जरूर खाएंगे। जिला पुलिस बल, नारायणपुर के कुछ जवानों में अपने सोशल मीडिया अकॉउंट में बोरे बासी का फोटो भी शेयर किया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 30 अप्रैल। आज नारायणपुर पुलिस ने कैंप-पुलिस पार्टी पर हमले समेत कई नक्सल घटनाओं में शामिल 1 नक्सल आरोपी जनताना सरकार अध्यक्ष को भटबेड़ा और कड़ेमेटा के मध्य जंगल से गिरफ्तार किया है। उससे 8 हथियार बरामद किया गया।
पुलिस के अनुसार जिला नारायणपुर के थाना छोटेडोंगर के पुलिस कैम्प कड़ेमेटा से 30 अप्रैल को जिला बल एवं डीआरजी की पुलिस पार्टी प्रात: एरिया डॉमिनेशन के लिए निकली थी कि भटबेड़ा और कड़ेमेटा के मध्य जंगल में 1 व्यक्ति पुलिस पार्टी को देखकर लुक-छिप रहा था, जिसे पुलिस ने घेराबंदी कर पकड़ा।
पूछताछ करने पर अपना नाम जयसिंह बताया तथा घुमा-फिराकर बात कर रहा था, संदिग्ध लगने पर कैम्प कड़ेमेटा लाकर मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ किया गया। पूछताछ में अपना नाम जयसिंह उम्र 30 वर्ष निवासी बोदली जिला बस्तर बताया, साथ ही अपने नक्सली साथी के साथ वर्ष 2020 में कड़ेमेटा कैम्प अटैक की घटना में शामिल होना बताया। इसके अलावा बोदली कैम्प अटैक, बोदली-मालेवाही रोड में आई.ई.डी. लगाकर बोलेरो वाहन को विस्फोट करने की घटना और बोदली-मालेवाही रोड में पुलिस पार्टी पर हमला करने की घटना में शामिल होना बताया।
कड़ेमेटा कैम्प अटैक की घटना के बाद पुलिस द्वारा पकड़वाने के डर से नक्सली मिलिशिया सदस्यों के 8 नग हथियार को बोदली गांव के जंगल में जमीन में गाडक़र छिपाना बताया। जिस पर सदानंद कुमार पुलिस अधीक्षक नारायणपुर के निर्देशानुसार 30 अप्रैल को कैम्प कड़ेमेटा से अभिषेक पैकरा पुलिस अनुविभागीय अधिकारी छोटेडोंगर, अजय सोनकर थाना प्रभारी छोटेडोंगर के नेतृत्व में डीआरजी की पुलिस पार्टी ग्राम बोदली के लिए रवाना किया गया।
जयसिंह बोदली जनताना सरकार अध्यक्ष की निशानदेही पर बोदली के जंगल से नक्सलियों द्वारा जमीन में गाड़े गये हथियार 1 नग 12 बोर रायफल एवं 7 नग 315 बोर रायफल बरामद किया।
थाना छोटेडोंगर के अपराध में शनिवार को जयसिंह मण्डावी बोदली जिला बस्तर (बोदली जनताना सरकार अध्यक्ष) को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।
चल रहा था पीएमजीएसवाई का सडक़ निर्माण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 28 अप्रैल। आज नक्सलियों ने एक बार फिर सडक़ निर्माण में लगे वाहनों में आग लगा दी। वारदात कुकड़ाझोर थाने क्षेत्र के गोंगला में हुई।
क्षेत्र में रेंगाबेड़ा की गोंगला के पास पीएमजीएसवाई की सडक़ों का निर्माण कार्य चल रहा है। नक्सलियों ने गुरुवार को दो वाहन और एक मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया।
पुलिस का कहना है कि सडक़ निर्माण बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के चल रहा था, हालांकि पुलिस ने पहले ही चेतावनी दी थी। पुलिस चेतावनी के बाद भी सडक़ निर्माण हो रहा था।
नारायणपुर, 26 अप्रैल। अमित भद्र जिलाध्यक्ष युवा कांग्रेस ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि छत्तीसगढ़ में 15 बरसों से राज करनी वाली सरकार को जब से आम जनता ने नकारा है, तब से भाजपा अपनी खोई हुई जमीन तलाशने के लिए धर्मांतरण का आड़ लेकर राजनीति कर रही है। इसका ताजा उदाहरण आज नारायणपुर जिला मुख्यालय में देखने को मिला, धर्मान्तरण के विरोध में आए कार्यक्रम में प्रदेश व जिले के भाजपा नेताओं की उपस्थिति और उनके सभी कार्यक्रम में सुनियोजित तरह से भाग लेकर साबित करती है कि ये पूरा खेल भारतीय जनता पार्टी का ही है।
भारतीय जनता पार्टी सोची समझी रणनीति बनाकर भोली भाली आदिवासियों के साथ राजनीति और छल कर रही है।
इसका मुख्य कारण ये भी है कि केंद्र की मोदी सरकार की असफलता, नाकामी व बढ़ती महंगाई( डीजल पेट्रोल, गैस , रसायन )को छुपाने के लिए ये लोगों का ध्यान भटका कर गुमराह कर रही है।
मुद्दाविहीन भाजपा व उनके नेता आम जनता को बरगला कर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने और अपनी खोई हुई जमीन तलाशने में लगी हैं , पर छग सहित जिले की आम जनता भी भाजपा की झूठ , अफवाह, और वाहवाही लेने की साजिश को जान व समझ गई है, आने वाले 2023-24 चुनाव ने फिर से इनको यही आम जनता सबक सिखाएंगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 26 अप्रैल। आज लगभग 100 गांवों के हजारों ग्रामीणों ने धर्मांतरण के विरोध में जिला मुख्यालय में एकत्र होकर विशाल रैली निकाली। इस दौरान धर्मांतरित व्यक्तियों को समाज से बाहर निकालने के नारे लगाते हुए समाज की परंपरा और संस्कृति को बचाने के नारे लगाए।
इस दौरान हाईस्कूल मैदान में जनजातीय सम्मेलन कर समाज के लोगों से धर्मांतरण के चलते विलुप्त होती अपनी परंपरा और संस्कृति को बचाने की बात कही और धर्मांतरित व्यक्तियों को डी लिस्टिंग कर अनुसूचित जनजातीय की सूची से बाहर निकालकर आरक्षण का फायदा नहीं देने मांग सरकार से करने की बात कही।
वहीं सम्मेलन में आये लोगों ने अनुसूचित जनजातीय की सूची से धर्मांतरित व्यक्ति को बाहर कर सरकार से आरक्षण का लाभ नहीं देने की मांग की, साथ ही कहा कि धर्मांतरित व्यक्ति समाज में वापस शामिल होना चाहता है तो उसका स्वागत है।
एक-दो दिन में हल्की वर्षा की संभावना, थोड़ी राहत की उम्मीद
नारायणपुर, 21 अप्रैल। उत्तर-पश्चिम दिशा से आ रही गर्म हवाओं का असर जिले में भी देखने को मिल रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र स्थित मौसम वेधशाला में 21 अप्रैल का अधिकतम तापमान 40.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि मौसम विज्ञानी उत्तम दीवान ने बताया कि आगामी दो दिनों में जिले में हल्की बारिश होने की संभावना है, जिससे जिले में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस पारा गिरने की संभावना है, इससे आमजनों एवं किसानों बंधुओं को थोड़ी राहत मिलेगी। उसके बाद पुन: अधिकतम तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस इजाफा होने की संभावना है।
जिला कृषि मौसम इकाई ने आमजन एवं किसानों को सलाह दी है कि दोपहर 12 से 3 बजे के बीच अनावश्यक रूप से धूप में न निकलें, धूप में निकलने से स्कार्फ का उपयोग करें। इसके साथ ही चाय-कॉफी एवं कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक पीने से बचें, अगर सरदर्द, चक्कर, बुखार बदन दर्द जैसी समस्या हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें, अधिक से अधिक पानी पिये, किसान भाई फसलों में सिंचाई शाम के बाद करें, पशुओं को दोपहर के समय चरने के लिए बाहर न छोड़े, पशुओं को पर्याप्त मात्रा में हरा चारा और पीने का पानी मुहैया करवाएं, और मिट्टी में नमी बनाये रखने के लिए सब्जियों के खेत में मल्चिंग का उपयोग करें।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 21 अप्रैल। राष्ट्रीय मल्लखंब हैण्ड स्टैण्ड स्पर्धा के विजेताओं के नारायणपुर पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया।
जिले के होनहार विद्यार्थी शिक्षा, खेलकूद व अन्य क्षेत्रों में लगातार उत्कृष्ठ प्रदर्शन कर अपना स्थान बनाते हुए लोकप्रिय हो रहे हैं, वहीं जिले की छुपी प्रतिभा को निखारने गुरू भी कड़ी मेहनत कर लगातार प्रयास कर रहे है। इसी का परिणाम है कि छात्र नई बुलंदियों को छू रहे हंै। अभी हाल ही में अबूझमाड़ मल्लखम्ब एण्ड स्पोर्ट्स अकादमी नारायणपुर के अबूझमाड़ निवासी राकेश कुमार वड़दा शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के कक्षा सातवीं के छात्र ने गोरेगांव
मुम्बई में आयोजित राष्ट्रीय मल्लखंब हैण्ड स्टैण्ड प्रतियोगिता में भारतीय रिकार्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक तथा राजेश कोराम ने रजत पदक प्राप्त कर छतीसगढ़ ही नहीं वरन् जिले का नाम रोशन किया है।
विदित हो कि गुरुवार को सुबह पाँच बजे जैसे ही ये छात्र नगर पहुँचे, वहां मल्लखम्ब एण्ड स्पोर्ट्स अकादमी के सदस्य, पालकगण, बड़ी संख्या में नागरिक, छात्र-छात्राओं ने रंग गुलाल, आरती, पुप्प माला, पुष्प वर्षाकर एवं डीजे की धुन पर आत्मीय स्वागत किया तथा बाजे-गाजे के साथ थिरकते नन्हे बच्चे उत्साह से मल्लखम्ब अकादमी पहुँचे।
प्रमुख कोच मनोज प्रसाद को भी लोगों ने बधाईयाँ देते हुए भविष्य में और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई। इस अवसर पर अजय जांगड़े, मंगलू उसेडी, संतोष, सुरेश ध्रुव, सरस्वती उसेण्डी, ब्यूटी हक, मनोज बागडे प्राचार्य, उमाशंकर यादव, परमानंद, हरिलाल भुआर्य, राकेश कुरे उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 12 अप्रैल। नारायणपुर जिले के धुर नक्सल प्रभावित गांव आकाबेड़ा में आज सवेरे कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी मोटर सायकल से पहुंचे और चौपाल लगायी। इस दौरान कलेक्टर ने आये ग्रामीणों से बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनी।
कलेक्टर ने ग्रामीणों सेे गांव तक पहुंच हेतु सडक़, बिजली, पेयजल, राशन दुकान, आधार पंजीयन केन्द्र आदि की जानकारी ली। कलेक्टर ने ग्रामीणो से कहा कि आपके आस्था के केन्द्र देवगुड़ी एवं गोटुल को संरक्षित किया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि देवगुड़ी और गोटुल का ग्रामीणों की मंशानुरूप निर्मित किया जाये। कलेक्टर ने ग्रामीणों से गांव में आंगनबाड़ी एवं स्वास्थ्य केन्द्र के संचालन एवं उनमें मिलने वाली सुविधाओं के बारे में पूछा। कलेक्टर ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगारं गारंटी योजनांतर्गत गांव में संचालित कार्यों एवं मजदूरी भुगतान, वनोपज खरीदी की भी जानकारी ली। कलेक्टर ने कहा कि आकाबेड़ा एवं आसपास के ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों को शासन की समस्त योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा।
स्वास्थ्य केन्द्र एवं बाजार स्थल का किया निरीक्षण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 12 अप्रैल। कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी एवं पुलिस अधीक्षक श्री सदानंद कुमार आज सवेरे मोटर सायकल से धुर नक्सल प्रभावित गांव आकाबेड़ा पहुंचे। वहां पहुंचकर कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य केन्द्र की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और स्वास्थ्य केन्द्र स्थित विभिन्न कक्षों का निरीक्षण किया।
कलेक्टर ने स्वास्थ्य केन्द्र में आये मरीजों एवं उनके परिजनों से बातचीत की और स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा दी जा रही सुविधाओं के बारे में पूछा। कलेक्टर श्री रघुवंशी ने स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ चिकित्सकों एवं अन्य स्टाफ से बातचीत की और उनकी समस्याओं आदि के बारे में पूछा। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने स्वास्थ्य कर्मचारियों के योगदान के अतुलनीय कहा। उन्होंने स्वास्थ्य अमलों की हौसला अफजाई की और कहा कि इस विषम भौगोलिक परिस्थितियों में आप लोग काम कर रहे हैं, वह सराहनीय है। आप इसी तरह पूरे साहस के साथ अपने कर्तव्य पर डटे रहें। इस अवसर पर आईपीएस श्री अक्षक कुमार विशेष रूप से उपस्थित थे।
इस दौरान कलेक्टर श्री रघुवंशी एवं पुलिस अधीक्षक श्री कुमार ने आकाबेड़ा में लगने वाले साप्ताहिक बाजार स्थल का भी निरीक्षण किया। आकाबेड़ा का बाजार स्थल में आसपास के ग्राम पंचातयों कस्तुरमेटा, कुतुल, मोंहदी के ग्रामीण आते हैं। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बाजार के दिन दुकान लगाने वाले दुकानदारों एवं ग्रामीणों की सुविधा के लिए बाजार स्थल पर शेड निर्माण कराना सुनिश्चित करें।
251 जोड़ों के सामूहिक विवाह में होंगे शामिल
विभिन्न कार्यों का करेंगे लोकार्पण एवं भूमिपूजन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 7 अपैल। शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नारायणपुर प्रवास के दौरान नारायणपुरवासियों को 127 करोड़ 83 लाख रूपये के 101 कार्यों को लोकार्पण एवं भूमिपूजन कर जिले को विकास कार्यों की सौगात देंगे।
मुख्यमंत्री बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खेल मैदान में आयोजित अबूझमाड़ सर्वे, मसाहती सर्वे खसरा वितरण, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनांतर्गत सामूहिक कन्या विवाह कार्यक्रम एवं लोकार्पण एवं भूमिपूजन कार्यक्रम में 72 करोड़ 8 लाख 25 हजार के 46 कार्यों को लोकार्पण करेंगे, वहीं 55 करोड़ 75 लाख रूपये के 55 कार्यों का भूमिपूजन करेंगे।
कार्यक्रम में नव सर्वेक्षित गांव के 500 किसानों को मसाहती खसरा का वितरण, 251 जोड़ों का सामूहिक कन्या विवाह योजनांर्तगत विवाह, समाज कल्याण विभाग के 36 हितग्राहियों को श्रवण यंत्र, ट्रायसिकल, बैटरी चलित ट्रायसिकल, दिव्यांगजन विशिष्ट पहचान कार्ड, राष्ट्रीय परिवार सहायता योजनातर्गत राशि प्रदाय, रेशम विभाग के हितग्राहियों को 100 टसर बुनियादी रीलिंग मशीन, महिला रेशम कृमिपालन समूह को चेक वितरण, कृषि विभाग के हितग्राहियों को उड़द बीज, स्पेयर पंप, स्प्रिंकलर, श्रम विभाग के हितग्राहियों को भागिनी प्रसूति सहायता योजना, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिरकण सहायता योजना, मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांगजन सहायता योजना एवं 26 हितग्राहियों को वनाधिकार पत्र का वितरण किया जाएगा।
जिले में लोकार्पण किये जाने वाले वाले कार्यों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ विकास अभिकरण अंतर्गत ग्राम महिमागवाड़ी से ताडोनार तक सडक़ निर्माण हेतु 3 करोड़ 20 लाख, झारा डोंगरीपारा से कोडाहुर के लिए 1 करोड़ 85 लाख, मातला से हल्बापारा तक 1 करोड़ 99 लाख, ओरछा रोड से हाथीबेड़ा के लिए 1 करोड़ 55 लाख, बागझर से गांडापारा के लिए 1 करोड़ 20 हजार, स्कूलपारा से कोहकापारा 3 करोड़ 33 लाख, कोरेंडा से खासपारा तक 1 करोड़ 42 लाख, कोरंडा से लगलघाटीपारा के लिए 1 करोड़ 55 लाख, ओरछा रोड मरकाबेड़ा से थानगुड़ीपारा के लिए 1 करोड़ 26 लाख, बावड़ी से गोंगला के लिए 3 करोड़ 9 लाख, कोण्डागांव रोड से सुंदानंदपारा के लिए 1 करोड़ 32 लाख, बागडोंगरी पारा से घोटुलपारा के लिए 2 करोड़ 43 लाख, नयापारा कुकड़ाझोर से खासपारा के लिए 3 करोड़ 35 लाख, स्कूलपारा से घोटुलपारा कुकड़ाझोर के लिए 51 लाख, छोटेडोंगर से खासपारा बाहकेर 1 करोड़ 40 लाख, बडग़ांव से कुम्हारीबेड़ा 1 करोड़ 93 लाख, स्कूलपारा कुकड़ाझोर से पटेलपारा 63 लाख, ब्रेहबेड़ा से मेटाडोंगरी 1 करोड़ 98 लाख, कनेरा पल्ली से घोटुलपारा 64 लाख, ओरछा रोड से तालाभाटा 94 लाख, सुलेंगा से पटेलपारा 90 लाख, तोयनार से डोंगरीपारा के लिए 1 करोड़ 12 लाख, सुलेंगा से तिरकानार 5 करोड़ 50 लाख, ब्रेहबेड़ा से मेटाडोंगरी वृहद पुल 7 करोड़ 67 लाख, बड़ेनहोड स्कूलपारा से उपरपारा 43 लाख, खैराभाट स्कूलपारा से बंधापारा 43 लाख रूपये के पूर्ण कामों का लोकार्पण करेंगे।
इसी प्रकार ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कायों में शासकीय उद्यानिकी रोपणी केरलापाल में तकनीकी प्रशिक्षण सेंटर निर्माण कार्य 34 लाख, शासकीय उद्यानिकी रोपणी ओरछा में तकनीकी प्रशिक्षण सेंटर हेतु 24 लाख, कुंदला में प्री बर्थ वेटिंग रूम हेतु अतिरिक्त कक्ष निर्माण हेतु 16 लाख, कन्हारगांव में प्री बर्थ वेटिंग रूम हेतु अतिरिक्त कक्ष निर्माण हेतु 16 लाख, दण्डवन में प्री बर्थ वेटिंग रूम हेतु अतिरिक्त कक्ष निर्माण हेतु 16 लाख, देवांगन समाज सामाजिक भवन हेतु 20 लाख, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र धौड़ाई के लिए 75 लाख रूपये के विभिन्न काम शामिल है।
इसी प्रकार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र धौड़ाई के 75 लाख, क्रेडा विभाग के जल जीवन मिशन अंतर्गत सोलर ड्यूल पंपों की स्थापना कार्य 2 करोड़ 75 लाख, सोलर हाईमास्ट संयंत्रों की स्थापना कार्य 1 करोड़ 7 लाख, जिल नारायणपुर में सर्किट हाउस का निर्माण 5 करोड़ 89 लाख, देवगांव में उ.मा.वि. भवन निर्माण 95 लाख, बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भवन निर्माण 95 लाख, नारायणपुर में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान प्रशासनिक एकेडमिक भवन निर्माण 5 करोड़ 55 लाख, लाईवलीहुड कॉलेज के 50 सीटर बालिका छात्रावास अधीक्षिका सह कार्यालय, सह निवास तथा चौकीदार आवासगृह 1 करोड़ 77 लाख, मुण्डाटिकरा परिवर्तित स्थल दण्डवन में हाईस्कूल पूर्व माध्यमिक शाला उन्नयन कार्य 62 करोड़ प्री मै आदिवासी बालक छात्रावास कोहकामेटा में भवन निर्माण 1 करोड़ 52 लाख, प्री मै आदिवासी कन्या छात्रावास एडक़ा भवन निर्माण 84 लाख, पन्द्रहवें वित्त आयोग अंतर्गत निकास क्षेत्र में सीसी सडक़ आरसीसी नाली निर्माण 1 करोड़, वार्ड क्रमांक 14 साकड़ीबेड़ा में सीसी रोड गार्ड वाल एवं पुलिया निर्माण, 2 करोड़, रावघाट परियोजना भिलाई स्टील प्लांट से रावघाट परियोजना क्षेकत्र प्रभावित 12 गांवों में सोलर लाईट की स्थापना 60 लाख रूपये का लोकार्पण करेंगे।
साथ ही मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल नारायणुर जिले में मढोनार से कावानार 3 करोड़ 82 लाख, खोडगांव से चिचाडीपारा 6 करोड़ 22 लाख, धौड़ाई से तारागांव 1 करोड़ 8 लाख, माध्यमिक शाला बखरूपारा में अतिरिक्त कक्ष निर्माण 50 लाख, बखरूपारा हायर सेकेण्डरी स्कूल का जीर्णाद्धार, अतिरिक्त कक्ष, शौचालय, बा्रस्केटबाल कोट, सायकल स्टैंड कार्य 46 लाख, बखरूपारा प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला का जीर्णाद्धार, बाउंड्रीवाल, सायकल स्टैड, 46 लाख, प्राथमिक शाला गारपा हेतु 61 लाख जल जीवन मिशन अंतर्गत सोलर ड्यूल पंपों की स्थापना कार्य हेतु 5 करोड़, आदिवासी कन्या आश्रम धौड़ाई में भवन निर्माण कार्य 1 करोड़ 62 लाख, आदिवाासी कन्या आश्रम कोंगेरा में भवन निर्माण कार्य 1 करोड़ 62 लाख, आदिवासी कन्या आश्रम कोहकामेटा भवन निर्माण कार्य 1 करोड़ 62 लाख, आदिवासी कन्या आश्रम बिंजली में भवन निर्माण कार्य 1 करोड़ 62 लाख, जल आर्वधन योजना 6 लाख, अधोसरंचना मद अंतर्गत बीटी रोड निर्माण 1 लाख 38 हजार, 16 नगर आश्रम छात्रावास में शौचालय सह स्नानागार निर्माण कार्य 1 करोड़ 27 लाख, आजीविका वृद्धि हेतु कृषि एवं वन आधारित फुट प्रोसेंसिंग की स्थापना 1 करोड़ 99 लाख, परम्परागत कलाकृति एवं पर्यटन क्षेत्र में विस्तार 25 लाख, एडक़ा से गोर्रा मार्ग पर 5 नग आरसीसी पुलिया निर्माण 23 लाख, और 37 नवीन आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण कार्य 2 करोड़ 5 लाख के कार्यों का भूमिपूजन करेंगे। साथ ही लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 36 सोलर आधारित नल जल योजना के कार्यों का 24 करोड़ 72 लाख रूपये के कार्यों का भूमिपूजन करेंगे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 6 अप्रैल। आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आज कुलदीप सिंह, कमांडेण्ट, 11 वाहिनी सीमा सुरक्षा बल के संरक्षण में एवं बीएसएफ के चिकित्साधिकारी डॉ इरशाद शेख व डॉ. सुभांशू गुप्ता, पैथालॉजिस्ट, अन्य स्टाफ, जिला अस्पताल नारायणपुर के सहयोग से 11 बीएन बीएसएफ के यूनिट अस्पताल, सीओबी दण्डकवन में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें बीएसएफ के अधिकारी, अधिनस्थ अधिकारी व जवानों ने रक्तदान शिविर में हिस्सा लिया।
रक्तदान शिविर में बीएसएफ के 37 जवानों ने रक्तदान किया । जिसको जिला चिकित्सालय नारायणपुर के बल्ड बैंक में जरूतमदों की मदद के लिए रखा जाएगा । रक्तदान शिविर को सफल बनानें में राष्ट्रीय सेवा योजना इंदिरा गांधी महाविधालय एंव जिला अस्पताल नारायणपुर का भरपूर सहयोग रहा ।
इस दौरान कमांडेण्ट ने बताया कि यह रक्तदान शिविर का आयोजन आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया है जिससे कि आम जनमानुस को हमारे देश को आजाद कराने में बीर सपुतों ने अपनी जान की आहूती दी अत: उन वीरों को याद हमेशा याद रखना चाहिए ।
उन्होंने आगे बताया कि बीएसएफ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अपने जिम्मेदारियों का निर्वाह करते हुए यहाँ पर रहने वाले ग्रामवासियों को न केवल सुरक्षा प्रदान करती है , अपितु उनके कल्याण के लिए अनेकों सामुदायिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन भी समय समय पर करती है।
इसी कडी के तहत 11 वाहिनी सीमा सुरक्षा बल ने अभी हाल ही में विभिन्न गांवो में सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत निशुल्क मेडिकल कैंपों का आयोजन भी किया था , जिसमें स्थानीय लोगों को चिकित्सा प्रदान की गई व निशुल्क दवाईयां वितरण की गई थीं ।
रावघाट खदान खोलने की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 5 अप्रैल। एक अप्रैल को रावघाट संघर्ष समिति के बैनर तले रावघाट खदान के विरोध में हुए कलेक्टोरेट कार्यालय के घेराव को लेकर जिला सरपंच संघ के द्वारा रावघाट संघर्ष समिति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है।
एक अप्रैल की घटना की निंदा करते सरपंच संघ ने रैली के दौरान उपद्रव मचाने वाले लोगों पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं आज कलेक्टर को ज्ञापन देकर सरपंच संघ के द्वारा रावघाट परियोजना को चालू करने की मांग की गई, वहीं रावघाट खदान शुरू करने को लेकर नारायणपुर जिला सचिव संघ व चेम्बर ऑफ कामर्स ने भी अपना समर्थन दिया और नारायणपुर नगर में रैली निकलते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय में पहुँच कर कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा।
नारायणपुर जिला सरपंच संघ के अध्यक्ष बिसेल नाग ने बताया कि सोमवार को संघ के द्वारा बैठक कर रावघाट परियोजना को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए, जिसमें एक अप्रैल को रावघाट संघर्ष समिति के द्वारा सभा स्थल में खुले आम माईक से रावघाट खदान प्रभावित क्षेत्रों के सरपंचों को गाली-गलौज करना उचित नहीं है। जिला सरपंच संघ पूर्ण रूप से इस घटना की निंदा करते हुए शासन और प्रशासन से रावघाट संघर्ष समिति के पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहा है और रावघाट खदान शुरू करने की बात कह रहा है।
नारायणपुर/छोटेडोंगर, 3 अप्रैल। आंधी-तूफान के बाद हुई बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। कई पेड़ धराशायी हो गए, वहीं धनोरा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्टाफ क्वार्टर की छत भी उड़ गई।
जिला मुख्यालय से 43 किमी दूर ग्राम छोटेडोंगर के आसपास इलाकों में शनिवार शाम को लगभग 4 बजे मौसम का मिजाज अचानक बदल गया। दिन भर तेज धूप के बाद शाम 6 बजे मौसम का मिजाज अचानक बदल गया।
आसमान में काले बादल छाने के बाद तेज आंधी-तूफान के बाद बारिश हुई। इससेे जिला मुख्यालय से करीब 53 किलोमीटर दूर नारायणपुर ओरछा मार्ग में स्थित राजपुर गांव भीषण आंधी तूफान से कई पेड़ धराशायी हो गए, वहीं इस भीषण आंधी तूफान से धनोरा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्टाफ क्वार्टर की छत भी उड़ गई।
छत उडऩे से बारिश का पानी कर्मचारियों के कमरे के अंदर भर गया, जिससे अस्पताल कर्मचारियों को काफी तक़लीफों का सामना करना पड़ा। अस्पताल कर्मचारियों ने पास ही परिचितों के घर पनाह लेकर रात बिताई, वहीं नारायणपुर-ओरछा मुख्य मार्ग में कई पेड़ धराशायी हो गए और कई पेड़ बिजली की तार के ऊपर गिरने से बिजली आपूर्ति बंद हो गई।
रावघाट खदान एरिया के ग्रामीणों ने कलेक्टर दफ्तर घेरा
20 सूत्रीय मांगों को लेकर रावघाट संघर्ष समिति का आंदोलन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 1 अप्रैल। 20 सूत्रीय मांगों को लेकर रावघाट संघर्ष समिति के बैनर तले ग्रामीणों का समूह शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने पहुंचा। सुबह से ही ग्रामीण बिजली गांव में एकत्रित होने लगे। दोपहर 12 बजे ग्रामीणों का समूह रैली के शक्ल में जिला मुख्यालय की ओर कूच किया।
इस दौरान पुलिस के द्वारा ग्रामीणों को रोकने के लिए माहका में ब्रेकेट्स लगाकर रोकने का प्रयास किया गया। यहां झूमाझटकी के बाद ग्रामीण पुलिस के बेरिकेट्स को तोडक़र आगे निकल आए। इसके बाद जनपद पंचायत के पास दो बेरिकेट्स को तोडक़र ग्रामीणों का समूह आगे बढ़ रहा था इस दौरान पुलिस ने लाठी भांज दिया। जिसमें कई ग्रामीणों को चोट पहुँची। यहाँ से निकलने के बाद ग्रामीण कलेक्टर कार्यालय के मुख्य गेट तक पहुँच गए। यहाँ कलेक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के खिलाफ आक्रोश जताया। कलेक्टर कार्यालय के गेट के सामने नारेबाजी कर ग्रामीण कलेक्टर को गेट में बुलाकर चर्चा करना चाह रहे थे। इस दौरान एसपी सदानंद कुमार मौके पर पहुँचे और ग्रामीणों से संवाद कर स्थिति को संभालने का प्रयास किया। एसपी की समझाइए के बाद भी ग्रामीण कलेक्टर को चेंबर से बाहर गेट पर बुलाकर बात करने के बात पर अड़े रहे।
इस दौरान रावघाट संघर्ष समिति के एक प्रति निधिमंडल को कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी से मिलने के लिए भेजा गया। इधर पौने दो घण्टे तक कलेक्टर का इंजतार करने के बाद ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान में पहुँच गया और ग्रामीण नारेबाजी करते हुए पुलिस को धक्का मारते हुए गेट खोलकर कलेक्टर कार्यालय के अंदर घुस गए। इस दौरान कई पुलिस कर्मियों को चोट पहुँची। वक्त की नज़ाकत को देखते हुए पुलिस ने बेकाबू हुए ग्रामीणों पर लाठी भांजना शुरू कर दिया। 15 मिनट तक आंदोलनरत ग्रामीणों पर लाठियां चलाने के बाद मामला शांत हुआ। जिसके बाद आंदोलन के दौरान उपद्रव मचाने वाले युवकों को कलेक्टर कार्यालय के अंदर से बाहर निकाला गया। इसके बाद कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी चेंबर से निकलकर गेट के पास पहुंचे और ग्रामीणों से कहा कि ज्ञापन शासन को भेजा जा रहा है। नियम के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद कलेक्टर वापस लौट गए। इस दौरान ग्रामीणों के द्वारा शोर-शराबा किया गया। जिसके बाद एसपी सदानंद कुमार ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत करवा दिया। आंदोलन में 23 पंचायत के ग्रामीण पहुँचे थे। झूमाझटकी में ग्रामीणों के साथ पुलिस के कुछ जवानों को भी चोट पहुँची है।
राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन, खदान बंद करने की मांग
रावघाट माइंस को बंद करने रावघाट खदान से प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों ने रावघाट माइनिंग को बंद करने की मांग करते ज्ञापन सौंपा। जिसमें बताया गया कि रावघाट में पूर्वज काल से राजाराव बाबा जिसको हम देवता के रूप में मानते हैं जिसके कारण पूरे माइनिंग क्षेत्र के पहाड़ को ही देवता के रूप में मानते आ रहे हैं और भविष्य में हम मानते रहेंगे इसलिए देव स्थल का किसी भी कीमत में सौदा नहीं करेंगे न ही क्षति होने देंगे और यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत हमारा मौलिक अधिकार है।
वहीं हमारे क्षेत्र के लोगों के जीवनयापन का एकमात्र साधन रावघाट पहाड़ी का लघु वनोपज है जिससे हमारे पूर्वज लोग एवं हम लोग जुड़े हुए हैं जिसमे महुआ, टोरा, आंवला, चार, चिरौंजी, तेंदू , कई प्रकार के कंदमूल आदि का संग्रहण कर आसानी से जीवनयापन किया जा रहा है। रावघाट माइनिंग खुलने के कारण हमारे जीवनयापन का सारा साधन छीन जायेगा। इसलिए हम इसका विरोध करते हैं। तीसरे बिंदु में लघु वनोपज के साथ पहाड़ों में कई प्रकार की औषधियों का भंडार है जिसके कारण हमारे क्षेत्र में कई बिमारियों का इलाज़ वन औषधि के माध्यम से अभी भी किया जाता है। बहुत सारे रोगों का इलाज हमारे • ग्राम स्तर से हो जाता है।
रावघाट माइनिंग की शुरुआत किये जाने की स्थिति में सम्पूर्ण औषधि नष्ट हो जायेगा और हम यह नहीं होने देंगे। हमारे रावघाट क्षेत्र में आदिवासी लोग पहाड़ के ऊपर स्थित मैदानी क्षेत्र में खेती एवं कृषि कार्य करते है और घर का निर्माण भी करते हैं और पहले से ही कई गाँव बसे हुए हैं । रावघाट माइनिंग से ये सभी खेती और मकान नष्ट हो जायेंगे और लोग गाँव छोडऩे के लिए मजबूर हो जायेंगे । उदाहरण- हमारे समुदाय के ग्राम अन्जरेल , पल्लाकसा और अन्य गाँव पहाड़ के ऊपर बसे हुए हैं , ये सभी माइनिंग से प्रभावित होंगे।
रावघाट माइनिंग शुरू की जाएगी तो हमारे क्षेत्र का वातावरण प्रदूषित हो जायेगा जिसके कारण प्रभावित क्षेत्र के लोगों को कई प्रकार की गंभीर बीमारियाँ होंगी जैसे अस्थमा , कैंसर एवं सांस की कई गंभीर बीमारियाँ , तथा नदी नालो में गन्दगी होगी जिसके कारण हमारे क्षेत्र के लोगों को बहुत परेशानियाँ होंगी। यही अनुभव हमारे आसपास संचालित माइनिंग प्रभावित क्षेत्रों का भी है । इसलिए हम इसका विरोध करते हैं। रावघाट माइंस से 22 गोद ग्राम के अतिरिक्त भी बहुत बड़ा क्षेत्र प्रभावित होगा। खनन से सम्बंधित प्रक्रियाओं के परिणामों के कारण आर्थिक , सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से एक विशाल स्थानीय आबादी प्रतिकूल रूप से प्रभावित होगी।
यहाँ की जल, मिटटी और वायु की गुणवत्ता में गिरावट, जलधारा प्रवाह में कमी, और खनन के कारण भू जल में गिरावट भी होगी। जनसंख्या में वृद्धि और खनिज परिवहन के प्रदूषण के कारण विद्यमान अधोसंरचना और संसाधनों पर अधिक बोझ होगा। इन नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए हम इस माइंस का विरोध करते हैं।
वन अधिकार मान्यता कानून 2006 के अंतर्गत इस क्षेत्र के निवासियों को कई वनाधिकार प्राप्त हैं जैसे कि जंगलों में निस्तार, गौण वन उत्पादों का संग्रहण, चारागाही का और जलाशयों में मछली पकडऩा, सामुदायिक वन संसाधनों का संरक्षण, पुनर्जीवन और प्रबंधन, जैव विविधत तक पहुँच, सांस्कृतिक विविधता से सम्बंधित बौद्धिक सम्पदा और अन्य पारंपरिक अधिकार प्राप्त है। परन्तु यहाँ के गांवों में सामुदायिक वन अधिकार, सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के दावा एवं सत्यापन की प्रक्रिया अपूर्ण है। इस स्थिति में रावघाट माइंस का चालू होना गैरकानूनी है। लौह अयस्क परिवहन के लिए रोड निर्माण किया जा रहा है जिससे हम लोग प्रभावित हो रहे हैं। हमारे घर, खेत एवं बाड़ी इस निर्माण कार्य से प्रभावित हो चुके हैं।
जब परिवहन शुरू होगा तब हमारे घर, खेत, बाड़ी जो सडक़ से एकदम लगे हैं वे नष्ट हो जायेंगे। हमारे बच्चे उसी रस्ते से आते जाते हैं जिसके कारण गंभीर हादसे होने का डर है। उपरोक्त करणवश हमारी ग्राम सभाओं ने अभी तक रावघाट माइंस परियोजना को सहमति नहीं दी है और आज भी उनका भरपूर विरोध कर रहे है । पांचवी अनुसूची के अंतर्गत इस क्षेत्र में ग्राम सभाओं के अनुमति के बिना माइंस संचालित करना गैरकानूनी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 31 मार्च। जिला मुख्यालय नारायणपुर में स्व-सहायता समूह द्वारा निर्मित विभिन्न उत्पादों के विक्रय हेतु बनाये गये सी-मार्ट का विधायक एवं छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चन्दन कश्यप ने शुभारंभ किया।
इस अवसर पर विधायक श्री कश्यप ने कहा कि आज ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं शासन की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित होकर आत्मनिर्भर बन रही है। सी-मार्ट आर्थिक समृद्धि के लिए मील का पत्थर साबित होगा, जिससे ग्रामीण महिलाएं समृद्ध एवं संपन्न बन सकेंगी। विधायक श्री कश्यप ने सी-मार्ट में लगे स्टॉलों से 11 हजार से ज्यादा की सामग्री क्रय की। इस समूह की महिलाओं के उत्साहवर्धन के लिए विधायक श्री कश्यप ने उन्हें नगद राशि का भुगतान किया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्यामबती नेताम, नगर पालिका अध्यक्ष सुनीता मांझी, नगर पालिका उपाध्यक्ष प्रमोद नेलवाल के अलावा कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी, डीएफओ थेजस शेखर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीरज चंद्राकर के अलावा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
शुभारंभ अवसर पर विधायक चंदन कश्यप ने कहा कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने ग्रामीण एवं देशी उत्पादों का शहर में विक्रय कर, स्थानीय महिला स्व-सहायता समूहो, बुनकरों, कुंभकार लघुवनोपज संग्राहको की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने इनके द्वारा निर्मित देशी उत्पादों का सीमार्ट के माध्यम से विक्रय किया जाएगा। इस दौरान विधायक एवं कलेक्टर श्री श्री ऋतुराज रघुवंशी ने स्व-सहायता समूह की महिलाओं का उत्साहवर्धन किया। साथ ही विभागीय अमला को सीमार्ट संचालनकर्ता समूह का आवश्यक सहयोग एवं मार्गदर्शन करने के निर्देश दिए।
उल्लेखनीय है कि नारायणपुर में संचालित होने वाले सीमार्ट का संचालन ग्राम स्व-सहायता समूह द्वारा किया जायेगा।
नारायणपुर के ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न उत्पाद जैसे तिखुर शेक, बांस से निर्मित विभिन्न कलाकृति कुर्सी-टेबल, डेकोरेशन समान, विभिन्न प्रकार के मसाले, फिनायल, पापड़, अचार, ब्लेक राईस, अलसी, काटा झाडू सहित विभिन्न देशी उत्पाद एवं समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित सामग्री का विक्रय किया जाएगा।
प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों ने नाकाबंदी कर अयस्क परिवहन पर लगाई रोक
कहा यह अयस्क हमारा है, कंपनी चोरी कर रही है, किसी ग्रामसभा ने खनन की सहमति नहीं दी है
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 31 मार्च। रावघाट खदान से लौह अयस्क के खनन पर आपत्ति जताते प्रभावित गांव के सैकड़ों आदिवासी शनिवार की रात 26 मार्च से खोडगाँव में सडक़ जाम किये, वहीं धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि भिलाई स्टील प्लांट को 3 लाख टन प्रतिवर्ष अयस्क खनन कर, उसे रोड से निर्वहन करने की अनुमति 25 जनवरी 22 को पर्यावरण मंत्रालय से मिली थी, पर अभी तक किसी भी प्रभावित गाँव की ग्राम सभा ने इस खनन परियोजना को सहमति नहीं दी है।
ज्ञात हो कि मात्र दो सप्ताह पहले 15 मार्च को जब बीएसपी के कॉन्ट्रेक्टर देव माईनिंग कम्पनी ने लौह अयस्क के लदे दो ट्रकों के परिवहन की पहल की थी, तब भी ग्रामीणों ने आक्रोश में आकर टिप्पर ट्रक चालकों को ग्राम खोडगाँव की बीच सडक़ में अपने अयस्क से भरे ट्रकों को खाली करने पर मजबूर किया था। तब ग्रामीणों ने इस खनन को गैर कानूनी करार कर देव माईनिंग कम्पनी के खिलाफ चोरी के आरोप में और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर करने की भी कोशिश की थी, पर पुलिस ने उसे दर्ज नहीं किया।
समस्त रावघाट खनन प्रभावित ग्रामवासियों ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि दोबारा से रात के अंधेरे का सहारा लेकर कुछ टिप्पर ट्रक रावघाट पहाड़ी चढ़ गये हैं। यह जानना आवश्यक है कि 4 जून 2009 में कम्पनी को दी गई पर्यावरण स्वीकृति की कंडिका में रात के दौरान किसी भी ट्रक का इन सडक़ों पर परिवहन सख्त प्रतिबंधित है, और कम्पनी ने पर्यावरण मंत्रालय को कई बार आश्वस्त किया है कि समस्त परिवहन दिन के समय ही होगा। इस गैर कानूनी परिवहन को रोकने के लिये शनिवार की रात से ग्रामीण सडक़ पर ही खाना बना रहे हैं, सो रहे हैं, और निरंतर पहरा दे रहे हैं।
रविवार 27 मार्च की सुबह ग्रामीणों ने सडक़ पर नाका भी बना दिया है। आसपास के कई गाँव से लोग समर्थन में आये हैं- खोडगाँव, खडक़ागाँव, बिंजली, परलभाट, खैराभाट और अन्य रावघाट खदान प्रभावित गाँव।
ग्रामीणों के अनुसार बीएसपी कम्पनी कई वर्षों से सुहावने वायदे कर रही है, पर उनमें से किसी को पूरा नहीं कर रही है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष जब पहाड़ी के ऊपर खदान क्षेत्र पर पेड़ कटाई हुई थी, तो बरसात में मिट्टी बह कर खोडग़ाँव के कैम्प तक पहुँच गई थी। जब इस माईनिंग से कैम्प को भी सुरक्षित नहीं कर सकती सरकार तो हमारे गाँव, हमारे घर, हमारे खेत कैसे सुरक्षित रहेंगे?
आदिवासी परम्परा में रावघाट पर राजाराव बसते हैं, और वह उनके लिये एक पवित्र स्थल है। साथ ही रावघाट क्षेत्र के लोगों की आस्था यहाँ स्थित कई देवताओं पर है, जो उनकी संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है जैसे कि देवता गुमंकल और गडेलकल, जो कि खनन क्षेत्र की भूमि में ही बसते हैं। ऐसे कई और महत्वपूर्ण देवताओं को खनन की वजह से आहत पहुंचेगी।
यही नहीं, आसपास के सभी गाँव इस पहाड़ी पर अपनी गौण वनोपज के लिये, औषधियों के लिये निर्भर है। बताया जाता है कि जब कुछ दशक पहले यहाँ पर बरसात का अभाव था तो इसे पहाड़ के जंगल में मधु पीकर और जंगली कन्दमूल, जड़ी-बूटी खाकर लोगों ने कई साल गुज़ारा किया था।
ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस और कलेक्टर ऑफिस से निरंतर दबाव आ रहा है कि इस धरने के बंद किया जाये। एक तरफ ग्रामीणों को धमकाया जा रहा है कि नक्सली केस में फंसा देंगे, दूसरी ओर उन्हे जनपद ऑफिस बुलाकर लुभाया जा रहा है, कि क्या चाहते हो, सब कुछ देंगे। माईनिंग प्रभावित कुछ ग्रामों को वन अधिकार मान्यता कानून 2006 के तहत समुदायिक वन अधिकार पत्र भी मिला है, जिसका यह खनन परियोजना एक सीधा सीधा उल्लंघन है।
समस्त प्रभावित ग्रामवासियों और नाका लगए हुए जुझारू लोगों की मांग है कि रावघाट खनन परियोजना बंद की जाए, खदान की स्वीकृति रद्ध हो और बिना ग्राम सभा के कोई भी निर्णय नहीं लिया जाए।