कोण्डागांव

बस्तर पंडुम महोत्सव: जनजातीय नृत्य और पारंपरिक वेशभूषा बनी आकर्षण का केंद्र
17-Mar-2025 10:26 PM
बस्तर पंडुम महोत्सव: जनजातीय नृत्य और पारंपरिक वेशभूषा बनी आकर्षण का केंद्र

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कोण्डागांव, 17 मार्च। बस्तर की समृद्ध संस्कृति और पारंपरिक विरासत को सहेजने के उद्देश्य से आयोजित बस्तर पंडुम 2025 महोत्सव का शुभारंभ 17 मार्च को भव्य रूप से किया गया। इस सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन ऑडिटोरियम कोण्डागांव में किया जा रहा है, जहां पहले दिन जनजातीय नृत्य, वेशभूषा और आभूषणों की प्रदर्शनी ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। 

कार्यक्रम के पहले दिन नगरपालिका अध्यक्ष नरपति राम पटेल, उपाध्यक्ष जसकेतु उसेंडी, सर्व आदिवासी समाज जिलाध्यक्ष बंगाराम सोरी, एसडीएम अजय उरांव और जनपद पंचायत सीईओ रश्मि पोया सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। उन्होंने इस आयोजन को बस्तर अंचल की लोकसंस्कृति, कला और परंपराओं को सहेजने का महत्वपूर्ण माध्यम बताया और कहा कि इससे स्थानीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। 

महोत्सव के पहले दिन जनजातीय नृत्य का भव्य प्रदर्शन किया गया, जिसमें स्थानीय कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में अपनी संस्कृति को सजीव किया। इसके अलावा जनजातीय वेशभूषा एवं आभूषणों की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिससे बस्तर की समृद्ध कला और परंपरा को नजदीक से देखने का अवसर मिला। बस्तर पंडुम 2025 महोत्सव 19 मार्च तक चलेगा, जिसमें हर दिन अलग-अलग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। कल यानी मंगलवार को जनजातीय गीतों और पारंपरिक वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन किया जाएगा, जिससे दर्शकों को बस्तर की अनूठी सांस्कृतिक धरोहर से रूबरू होने का अवसर मिलेगा।

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