तस्वीर / ‘छत्तीसगढ़’ / विमल मिंज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 17 फरवरी। जगदलपुर से 5 किलोमीटर दूर बिरिंगपाल के जंगल में ज्यादातर सरई (साल) के पेड़ लगे हुए हैं, पतझड़ के इस मौसम में पुराने पत्ते झडक़र उसकी जगह नए पत्ते आ रहे हैं।
सडक़ के दोनों ओर ऊंचे पेड़ होने के कारण इनकी टहनियों आपस में मिल जाती हैं और सडक़ से गुजरने वालों को धूप से बचने के साथ-साथ ठंडक का भी अनुभव होता है।
सरई छत्तीसगढ़ का राजकीय वृक्ष है। सरई या साल (शोरिया रोबस्टा) एक बहुवर्षीय वृक्ष है। यह पतझड़ी वनों का प्रमुख वृक्ष है। साल के पेड़ की लकड़ी का इस्तेमाल इमारती कामों में किया जाता है। साल के पेड़ को संस्कृत में अग्निवल्लभा, अश्वकर्ण या अश्वकर्णिका कहते हैं।