‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 17 फरवरी। त्रिस्तरीय पंचायत अंतर्गत सोमवार को जनपद पंचायत क्षेत्र बगीचा के 245 मतदान केंद्रों में मतदान हुआ। मतदान करने को लेकर वृद्ध से लेकर नए मतदाताओं में भारी उत्साह देखा गया। विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा बाहुल्य क्षेत्र पंडरापाठ में भी बड़ी संख्या में मतदाता लोकतंत्र के इस पर्व में अपनी भागीदारी निभाए। मतदान करने को लेकर प्रशासन द्वारा जागरूकता प्रसार का भी व्यापक असर पड़ा है।
पहाड़ी कोरवा समुदाय के लोगों ने उत्साह से डाला वोट
विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा बाहुल्य पंडरापाठ में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में बने मतदान केंद्र में बड़ी संख्या में मतदाता मतदान करने पहुंचे।
मतदान करने पहुंचे पहाड़ी कोरवा समुदाय के नीलम पहाड़ी, गोवर्धन पहरिया, महेश, सत्यवान और बैजू में मतदान को लेकर उत्साह के साथ उम्मीद भी है कि चुनें जाने के बाद जनप्रतिनिधि क्षेत्र के विकास को लेकर संजीदा रहेंगे। उन्होंने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मतदान कर अपना कर्तव्य निभाने वे यहां पर आए हैं।
पहली बार मतदान की खुशी
सन्ना के शासकीय प्राथमिक शाला और शासकीय कन्या पूर्व माध्यमिक शाला में बने मतदान केंद्र देवकी बेंग अपने साथ अपनी 4 सहेलियों को लेकर मतदान करने पहुंची थीं। चारों सहेलियों आकांक्षा बेंग, सविता बाई, संगीता मिंज 18 वर्ष पूर्ण होने पर इस बार पहली बार मतदान करने आईं थीं।
देवकी ने कहा कि पहली बार मतदान करने जब आ रहे थे हमारे दिमाग में गांव की समस्याएं थीं हमको मतदान केंद्र आने के हर कदम के साथ गांव के विकास की राह हमारे एक वोट के सहारे नजर आ रही थी। हम सहेलियों को लोकतंत्र की शक्ति का एहसास अपने मताधिकार के बाद ही हुआ। हम सब बहुत खुश हैं कि हम भी गांव के विकास में एक कड़ी बन रहे हैं।
आजादी से लेकर अब तक मतदान करतीं आईं है रूजवा यादव
जिले के सुदूर पहाड़ी ग्राम पंडरापाठ में रहने वाली 90 वर्षीय रूजवा यादव मतदान करने शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला पंडरापाठ स्थित मतदान केंद्र पहुंचीं।
उन्होंने बताया कि वे भारत की आजादी के बाद से जब से वह मतदान के काबिल हुई तब तब मतदान करने जरूर गयीं हैं। उन्होंने कहा कि पहले मेरे गाँव में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं थी मुझे तो लगता है मेरे मतदान से ही गांव का सारा विकास संभव हो सका है।
पंडरापाठ के नवापाराटोली निवासी 85 वर्षीय शांति बाई भी चलने में समस्या के बाद भी मतदान करने पहुंची थी। जहां मतदान केंद्र की व्यवस्था को लेकर उन्होंने खुशी जताई। पहाड़ी कोरवा समुदाय की 87 वर्षीय फगनी बाई और 89 वर्षीय एतवारिन बाई अपने गांव से सेमरा मतदान केंद्र में लाठियों के सहारे धीमी चाल से चलते हुए पूरे उत्साह के साथ वे मतदान करने पहुंची थीं।
रुक्मणी और बिन्दुमती ने बुजुर्गों व दिव्यांगों को मतदान केंद्र में की सहायता
मतदान केंद्रों में बुजुर्गों और दिव्यांगों की सहायता के लिए सभी स्काउट गाइड एवं एनसीसी के स्वयंसेवकों को नियुक्त किया गया था। इस अवसर पर रुक्मणी और बिन्दुमती ने बताया कि उन्हें लोगों की सेवा में बहुत आनंद का अनुभव होता है मतदान केंद्र में आये दिव्यांग और वृद्धों को मतदान करवाकर हमें बहुत अच्छा लग रहा है।