धमतरी

बाल विवाह रोकने समाज प्रमुख, धर्मगुरु, टैटू, कार्ड छापने वालों का सहयोग जरूरी
19-Jan-2025 7:17 PM
बाल विवाह रोकने समाज प्रमुख, धर्मगुरु, टैटू, कार्ड छापने वालों का सहयोग जरूरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

धमतरी, 19 जनवरी। बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत जिला धमतरी को बाल विवाह मुक्त घोषित करने अभियान चलाया जा रहा है। नगर निगम सभाकक्ष में जिला बाल संरक्षण इकाई महिला व बाल विकास विभाग ने एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। मुख्य अतिथि नगर निगम उपायुक्त पीसी सार्वा थे। अध्यक्षता जिला कार्यक्रम अधिकारी जगरानी एक्का ने की।

विशेष अतिथि सिहावा पुलिस निरीक्षक उमाकांत तिवारी, सिटी कोतवाली निरीक्षक राजेश मरई, मगरलोड परियोजना अधिकारी सुमित गंडेचा, कुरूद से सरिता कुशवाहा थे। जगरानी एक्का ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा 10 मार्च 2024 से बाल विवाह की रोकथाम की शुरुआत की जा चुकी है, जिसे हम सब मिलकर लोगों को जागरूक कर बाल विवाह मुक्त धमतरी बनाएंगे। मुख्य अतिथि पीसी सार्वा ने बाल विवाह रोकथाम के संबंध उपस्थित प्रतिभागियों को शपथ दिलाई। कार्यशाला में पुलिस विभाग, श्रम विभाग, शिक्षा विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग, समाज कल्याण विभाग तथा महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी, परियोजना अधिकारी व सुपरवाइजर, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड के अध्यक्ष, सदस्य, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, चाइल्ड लाइन उपस्थित रहे।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि 18 साल से कम उम्र की लडक़ी व 21 वर्ष से कम उम्र में शादी करना अपराध है। बाल विवाह करने वाला पुरुष, बाल विवाह को प्रोत्साहन देने वाले, अनुष्ठान करने वाले पुरोहित व बाल विवाह में शामिल होने वाले रिश्तेदार, मेहमान सभी अपराध के श्रेणी में आएंगे। 2 साल की सजा व एक लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि राज्य शासन द्वारा 2130 बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी की नियुक्ति की गई है। जो अपने-अपने कार्यक्षेत्र में बाल विवाह रोकने की कार्रवाई करेंगे।

गांव की बैठकों में चर्चा करना आवश्यक

परियोजना अधिकारी मगरलोड सुमित गंडेचा ने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर के प्रत्येक व्यक्तियों को बाल विवाह से होने वाले दुष्परिणामों से जागरूक किया जा रहा है। समाज प्रमुख, धर्मगुरुओं, टैटू, कार्ड छापने वाले सभी का सहयोग जरूरी है। ग्राम पंचायतों में कोटवारों से मुनादी कराना आवश्यक है, साथ ही गांव में हर बैठकों में बाल विवाह की चर्चा करना आवश्यक है, तभी 2028 तक लक्ष्य को प्राप्त करते हुए बाल विवाह मुक्त जिला धमतरी कर सकते हैं।

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