पिता को छोड़ बेटा खुद चला गया, धोखाधड़ी दर्ज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जनवरी। राजधानी में कबूतरबाजी का एक मामला सामने आया है।
कबूतरबाजी यानी विदेश में नौकरी लगाने फर्जी वीजा,पासपोर्ट के जरिए या इनके बिना चोरी छिपे विदेश ले जाया जाता है।
कबीर नगर पुलिस के मुताबिक हीरापुर के बंगाली होटल के पास रहने वाले जगदीश सिंह मल्ली ने सावरकर नगर निवासी ट्रांसपोर्टर वीर सिंह (29) के साथ यह धोखाधड़ी की। चार माह पूर्व सितंबर में वीर सिंह ने विदेश में नौकरी लगाने जगदीश सिंह से संपर्क किया । इसके लिए हामी भरते हुए जगदीश ने दस्तावेज और अन्य पर मिशन संबंधी कामों के खर्च के लिए वीर से 7.58 लाख रूपए लिए। और जाली दस्तावेज भेजे। इस पर वीर सिंह ने कल शाम कबीर नगर थाने में जगदीश सिंह पर धारा 318-4,61-2,388,336-2,340-2 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई।
अपनी रिपोर्ट में वीर सिंह ने बताया कि विदेश में नौकरी के लिए उसने 206साई विस्टा अपार्टमेंट अमलीडीह निवासी जगदीश सिंग मल्ली एवं गुरनाम सिंग मल्ली से संपर्क किया था। 23 सितम्बर 2024 को पहले अपना पासपोर्ट कपी और अन्य दस्तावेज जगदीश सिंग और उनके पिता गुरनाम सिंग को दिया और साथ में एडवांस के तौर पर हीरापुर के बंगाली होटल के पास 1 लाख रूपये गुरनाम सिंग को कैश दिया। फिर जगदीश सिंग ने साऊथ इंडियन बैंक और कर्नाटका बैंक के दूसरे अकाउंट जो कि परविना के नाम पर है में 2 से 3 महिने में अलग अलग किश्त में 5,08,000/- (पांच लाख आठ हजार) रूपये डलवाए। इसके बाद फिर गुरनाम सिंग की तरफ से और पैसे की मांग की गई।
गुरनाम सिंग का कहना था कि पैसे देने पर ही टिकट लाकर दूंगा।तो फिर एक दिन गुरनाम सिंग, वीर सिंह के घर जाकर 1,50,000/- रूपये कैश लेकर गया।और जाली टिकट जमा दिया और कुछ दस्तावेज ऑनलाईन वाट्सअप और ई-मेल से भेजे गए। इसमें जाली वीजा, इंश्यूरेंस, टैक्सी बुकिंग रिसिप्ट थे। जाने का समय नजदीक आने पर जब वीर सिंह ने जगदीश सिंग को फोन लगाया तो फोन लगातार बंद आने लगा। इस पर वीर सिंह ने गुरनाम सिंग और जगदीश सिंग द्वारा भेजे गए सारे दस्तावेज ट्रेवेल एजेण्ट से ऑनलाईन चैक कराए तो सब दस्तावेज जाली निकले।
इस पर वीर सिंह ने जगदीश सिंग के घर जाकर संपर्क कर पिता गुरनाम सिंग से धोखाधड़ी की बात कही। तो गुरनाम सिंग का कहना था कि जगदीश सिंग के दिल्ली जाने 10 दिन का समय मांगा।
और जगदीश सिंग की वापसी पर सारा पैसा वापस कर देंगे। 10 दिन बाद फिर गुरनाम सिंग से संपर्क किया तो और 10 दिन का समय मांगा। लेकिन इन 20 दिनों में गुरनाम सिंग ने झूठ बोलकर जगदीश सिंग को विदेश भेज दिया।और वह भी विदेश भागने प्रयास कर रहे हैं। इस तरहसे जगदीश सिंग मल्ली और उसके पिता गुरनाम सिंग मल्ली ने धोखाधड़ी कर 7,58,000/- रूपये वसूले ।