‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 14 जनवरी। केन्द्र सरकार की पंडित दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन से शहर के गोलबाजार के होटल व्यवसायी भूषण जलक्षत्री (41) ने अपने व्यवसाय को नई दिशा दी है। योजना से न सिर्फ उसका व्यवसाय बदला बल्कि घर की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो गई है।
जानकारी के अनुसार पिछले 12 वर्षों से गोलबाजार में परंपरागत दुकान में व्यवसाय कर श्री जलक्षत्री पर बुजुर्ग मा, पत्नी और 3 बच्चों के परवरिश की जिम्मेदारी है। बच्चों की शिक्षा-दीक्षा, घर का दैनिक खर्च के साथ मा की इलाज एवं मेडिकल का खर्च सभी का भार भूषण जलक्षत्री और उसकी एकमात्र आजीविका के साधन उसकी दुकान पर ही था। बड़ी मुश्किलों से उनके परिवार का गुजारा कर रहे जलक्षत्री का व्यवसाय कोरोना से पूर्व सामान्य था।
व्यवसाय में कार्य सरल करने हेतु आवश्यक मशीनें न होने के कारण बाहर से या अलग- से वर्कर रख कर कार्य कराना पड़ता था। व्यापार में उद्यारी भी बढती जा रही थी। ऋण लेने से पहले उसकी एक दिन की बिकी लगभग 800 रू और प्रति दिन की आय लगभग 250-300 रू रहती थी। भूषण जलक्षत्री का व्यापार बहुत ही खस्ता हालत से गुजर रहा था। प्रतिदिन की सेल न के बराबर थी और नया स्टॉक कय करने के लिये भूषण जलक्षत्री की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। कोरोना महामारी उसके व्यवसाय पर गाज बनकर गिरा और उसकी माली हालत और खराब हो गई। इसी बीच श्री जलक्षत्री की पत्नी नगर पालिका द्वारा गठित महिला स्व सहायता समूह से जुड़ी हैं। जिसमें समय समय पर ऋण संबंधी योजनाओं की जानकारी सभी समूहों को दी जाती है।
शासन की पथ विक्रेताओं द्वारा चलाई जा रही योजना भूषण जलक्षत्री के जीवन में वरदान साबित हुई। केन्द्र शासन की योजना दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत भूषण जलक्षत्री ने पालिका कार्यालय पहुंच फार्म भरा एवं उसे युनियन बैंक से 100000 लाख रुपए का ऋण न्यूनतम ब्याज दर पर एक सप्ताह के भीतर मिल गया। योजना से लाभ मिलने के बाद भूषण जलक्षत्री ने अपनी दुकान में वैरायटी बढाई। वर्तमान में उसकी दुकान में 10000-12000 रू का सामान है। प्रतिदिन की बिक्री 800-1000 रुपए हैं और प्रतिदिन की आय ढाई-तीन सौ से बढक़र सीधे 400-500 रुपए पहुंच गई है।
योजना के हितग्राही भूषण जलक्षत्री ने बताया कि केंद्र सरकार की योजना का लाभ पालिका के माध्यम से मिला जिसने मेरा और परिवार का जीवन ही बदल दिया। भूखमरी के कगार पर पहुँच चुके मेरे परिवार को योजना से संजीवनी मिली है। भूषण ने बताते है कि वह भविष्य के लिए धनराशि जमा करने के साथ ही माता के उपचार के लिए सक्षम हो गया है। भूषण ने बताया कि व्यवसाय फिर से शुरू करने के बाद बैंक की करीब दस किस्तें भी जमा कर दी हैं। दुकान में योजना संबंधी अन्य लाभ जैसे डीजिटल भुगतान पर कैश बैक, के लिये और समय के साथ आगे बढते हुए ग्राहकों की सुविधा हेतु उसने दुकान पर सुविधाऐं भी रखी है। उन्होंने लोगों से शासन की उक्त योजना का लाभ लेने की अपील करते हुए अन्य लोगो को जानाकरी भी दे रहे हैं।