‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 6 दिसंबर। राईस मिलर्स फिर अपनी मांगों पर अड़ गए हैं। इससे उपार्जन केन्द्रों जाम उपार्जित धान का उठाव को लेकर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है। कस्टम मिलिंग संबंधी भुगतान नहीं मिलने,धान उठाव एवं चावल जमा पर पेनाल्टी को लेकर मिलर्स में रोष व्याप्त है। जिले के आक्रोशित मिलर्स ने आज डीएमओ आफिस के सामने धरना देकर ज्ञापन सौंपा। धरना प्रदर्शन कर रहे राईस मिलर्स का कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा बैठक में राईस मिलर्स महासंघ में आश्वासन प्राप्त उपरांत छ. ग. प्रदेश के राईस मिलर्स द्वारा समितियों के बारदाना जमा करने एवं मिल पंजीयन के कार्य को चालू कर दिया गया है, मगर आगामी खरीफ वर्ष 2024-25 के कार्य चालू करने के पूर्व सभी राईस मिलर्स के मन में अभी भी कई विषयो पर संशय बना हुआ है।
उनका कहना है कि विगत तीन वर्षों से मिलरों के बहुत से मदो का कस्टम मिलिंग संबंधी भुगतान आज तक अप्राप्त है। इनमें बारदाना जमा एवं बारदाना यूसेज चार्ज, कस्टम मिलिंग भुगतान, एफआरके का भुगतान, ट्रांसपोर्टिंग का भुगतान शामिल है।
इसी प्रकार वर्ष 2024-25 में धान उठाव तथा चावल जमा पर पेनाल्टी लगाई जा रही है जो कि न्यायसंगत नहीं है। बारदाना जमा तथा छठांव की गणना पद्धति में त्रुटि होने के कारण मिलरों को पूर्ण भुगतान न होना खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 से वर्ष 2022-23 तक बारदाना जमा पर उपयोगिता शुल्क की गणना सही न करते हुए उठाए गए बारदाने जमा किये गए बारदाने में से जो न्यूनतम है। उस पर किया जा रहा है जबकि बारदाने जमा पर उपयोगिता शुल्क की गणना होनी है इसलिए बारदाना जमा पर उपयोगिता शुल्क की बकाया राशि अप्राप्त है। एफआरके का 2 वर्षों का पेमेंट नहीं मिला है। वहीं आगामी वर्ष 2024-25 खरीफ वर्ष के लिए प्रोत्साहन राशि के बारे में लिखित आदेश अभी तक अप्राप्त है। साथ ही धान उठाव पर लगने वाली पेनल्टी पर भी अभी तक सकारात्मक आदेश अप्राप्त है। इसीलिए वे आंदोलन करने विवश है उनका कहना है कि उपरोक्त विषयों पर राईस मिलर्स को हो रही संशय को दूर कर की जाय।
दुर्ग राईस मिल एसेसिएशन के अध्यक्ष विनीत जैन का कहना है कि जब तक मिलर्स को कस्टम मिलिंग संबंधी भुगतान एवं चावल जाने का आदेश नहीं मिल जाता तब तक मिलर्स उपार्जन केन्द्रों से धान उठाव के लिए अनुबंध नहीं करेंगे उनका कहना है कि चावल जमा को लेकर अब तक कार्य योजना ही तैयार नहीं हुआ है।