‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 2 दिसंबर। दुर्ग जिला अस्पताल में पदस्थ एक नर्स की सडक़ दुर्घटना में मौत हो गई। इस घटना से दो बच्चियों के सिर से मां का साया उठ गया है। इस दुर्घटना का मुख्य कारण नगर निगम प्रशासन द्वारा नाली और गड्ढा खोदने के बाद सुरक्षा के इंतजाम ना करना बताया जा रहा है। नर्स की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। फिलहाल पुलिस मर्ग कायम कर विवेचना कर रही है।
मिली जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में पदस्थ संध्या यादव सिविल लाइन दुर्ग में शासकीय आवास में अपने पति सुरेश यादव और दो छोटी बच्चियों के साथ रहती थीं। शनिवार 30 नवंबर की शाम वह ड्यूटी खत्म होने के बाद स्कूटी से घर गई। इसके बाद घर से बच्चों के लिए स्वेटर लेने खालसा स्कूल के पास तिब्बती मार्केट गई थीं। जब वो स्वेटर लेकर आईं तो बच्चों को उसका कलर पसंद नहीं आया। इसके बाद संध्या यादव घर की नौकरानी को लेकर फिर से स्कूटी लेकर स्वेटर बदलने गई थीं। वहां से स्वेटर बदलकर दोनो आरटीओ से जेल रोड होते हुए अपने घर के लिए जा रही थीं। करीब शाम 7.30 बजे वो जैसे ही दुर्ग आरटीओ कार्यालय से पहले और खालसा स्कूल के सामने पहुंची, वहां पाइप लाइन फूटी थी और निगम के लोगों ने वहां गड्ढा खोदकर छोड़ दिया था। गड्ढा खोदने के बाद वहां कोई सुरक्षा के उपाये नहीं किए गए थे। लगातार पानी का रिसाव होने से वहां काफी कीचड़ हो गया। संध्या जैसे ही वहां से निकली उनकी गाड़ी का पहिया स्लीप कर गया और वो स्किट करके गिर गईं। नौकरी गड्ढे की तरफ गिरी तो वो बच गई, लेकिन संध्या सडक़ की तरफ गिरी और उसी दौरान उनके ऊपर से एक बाइक गुजर गई।
उन्हें तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां इंटरनल ब्लीडिंग होने से उनकी मौत हो गई। संध्या यादव की दो बेटियां हैं छोटी बेटी 18 महीने की सानवी और बड़ी बेटी स्वधा 11 साल की है। सानवी मां की मौत से अंजान है, लेकिन बड़ी बेटी स्वधा का रो-रोकर हाल बेहाल है। दुर्घटना के बाद रविवार सुबह संध्या के शव का पोस्टमार्टम दुर्ग मरचुरी में हुआ।