महासमुन्द

सीएम सचिवालय के हस्तक्षेप के बाद मिला प्रवेश
27-Nov-2024 3:34 PM
सीएम सचिवालय के हस्तक्षेप के बाद मिला प्रवेश

 कन्या शाला से पुरुष शिक्षकों को हटाने की मांग उठी 

 अब बेटी पढ़ेगी और बढ़ेगी भी 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 27 नवंबर।
एक छात्रा को जाति प्रमाण पत्र के बगैर प्रवेश नहीं देने के मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद अंतत: सोमवार को भारती पटेल को शाला प्रबंधन ने प्रवेश दे दिया। प्रवेश पाकर छात्रा बहुत खुश है, वहीं कन्या हाईस्कूल के पालकों ने प्राचार्य सहित पुरुष शिक्षकों को तत्काल कन्या स्कूल से हटाने की मांग की है।

ज्ञात हो कि क्षेत्रीय सांसद के संज्ञान में लेने के बाद प्राचार्य एवं स्कूल स्टाफ छात्रा सहित पत्रकारों पर जमकर बरसे थे और उन्हें राज्य स्तर से प्रवेश दिलाने की चुनौती तक दे डाली थी। इस चुनौती के बाद सांसद प्रतिनिधि मनमीत छाबड़ा ने पूरा मामला मुख्यमंत्री कार्यालय के संज्ञान में लाया था।

ज्ञात हो कि आठवीं पास कर कक्षा नवमी में प्रवेश हेतु कन्या हाई स्कूल छात्रा पहुंची थी, पर उसका प्रवेश नहीं हुआ था। उसने ‘छत्तीसगढ़’ कार्यालय पहुंच कर दिलेरी से अपने अधिकार की बात रखी थी। जिस पर ‘छत्तीसगढ़’  ने पहले जुलाई, फिर अक्टूबर में शाला के प्राचार्य से मिल कर जाति प्रमाण पत्र से वंचित छात्राओं को प्रवेश देने का निवेदन किया था। परन्तु शिक्षक स्टाफ ने मिलकर ‘छत्तीसगढ़’ प्रतिनिधि की बात सुनने की बजाय उनकी शिकायत प्रदेश स्तर पर करने की चुनौती दे दी। 

इसके बाद ‘छत्तीसगढ़’ में खबर प्रकाशन की गई, जिस पर क्षेत्र की सांसद रूपकुमारी चौधरी ने तत्काल मामले को संज्ञान में लेकर अपने प्रतिनिधियों को स्कूल भेजा था, जहां

क बार पुन: प्राचार्य श्री बरिहा एवं कुछ पुरुष शिक्षकों ने मिलकर सांसद प्रतिनिधियों की टीम के सामने छात्रा को डांटते हुए प्रतिनिधियों को प्रदेश से प्रवेश दिलाने की चुनौती दे डाली। 
इसके बाद सांसद प्रतिनिधि मनमीत सिंह छाबड़ा ने तत्काल पूरा मामला मुख्यमंत्री कार्यालय में भेजा। मुख्यमंत्री कार्यालय से भी तत्काल एक्शन हुआ और सोमवार को छात्रा एवं संसद प्रतिनिधि को चुनौती देने वाले प्राचार्य ने स्थानीय बीआरसीसी नरेश पटेल की उपस्थिति में छात्रा भारती को तत्काल पुस्तकें प्रदान कर प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करवाई गई। 
प्रवेश मिलते ही छात्रा ने सांसद रूपकुमारी चौधरी, उनके प्रतिनिधि सहित ‘छत्तीसगढ़’ का आभार व्यक्त किया। जिनकी वजह से अब वह पढ़ कर आगे बढ़ पाएगी।

महिला शिक्षिका आवश्यक
उक्त घटना ने पालकों की भी आंखे खोल दी है। पालक चाहते हंै कि कन्या शाला में महिला शिक्षिका ही होनी चाहिए। दशकों से इस स्कूल में पुरुष वर्ग की ही पोस्टिंग की जाती रही है, जिससे स्कूल में ही शराबखोरी के साथ बालिकाओं के दुव्र्यवहार की खबरे भी नगरवासी देख चुके हंै। करीब वर्ष भर पूर्व ही इसी तरह के एक मामले में पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध किया था, तब से आरोपी शिक्षक तो फरार है इसके बावजूद स्कूल प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। 

विधानसभा में गूंजेगा छात्रा को प्रवेश नहीं देने का मामला
उक्त मामले को खल्लारी विधायक द्वारिकाधीश यादव ने गंभीरता से लेते हुए ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ का नारा देने वाली सरकारों के राज में अनेक मासूमों को पढ़ाई से वंचित किया जा रहा है, जो कि चिंताजनक है। इस मामले को उठाने वाले पत्रकारों को भी शाला प्रबंधन चुनौती दे रहा है। इसके बावजूद शासन द्वारा मात्र एक छात्रा को प्रवेश देकर मामला समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। इस मामले को वे आगामी शीतकालीन सत्र में विधानसभा में उठाएंगे।      


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