धमतरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 27 नवंबर। नगरी के 15 घरों वाला छोटा सा गांव है केकराडोंगरी। यहां एक ही हैंडपंप पर पूरा गांव निर्भर था, जो खराब रहता था। इसी गांव की 40 वर्षीय महिला सरोज मरकाम बतातीं हैं कि उनके गांव में पानी को लेकर लंबी कतारें और विवाद आम बात थी, खासकर गर्मियों में जब जलस्त्रोत सूख जाते हैं। सरोज कहतीं हैं कि वह सूर्योदय से पहले उठती थी कि उसके परिवार को दिरभर के लिए पर्याप्त पानी मिल सके। हैंडपंप तक का सफर, शारीरिक रूप से थका देने वाला और बोझ के कारण अक्सर उसके पास अपने खेत अथवा बच्चों पर ध्यान केन्द्रित करने बहुत कम समय बचता था। स्वच्छ पेयजल एक विलासिता थी और दूषित पानी से होने वाली बीमारियां अक्सर होती थीं, जीवन एक अंतहीन संघर्ष जैसा महसूस हुआ।
ऐसे में जल जीवन मिशन के तहत परिवर्तनकारी सौर आधारित जल योजना आई। इस कार्य के लिए विभागीय अधिकारी, कर्मचारी गांव पहुंचे और हर घर में कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) प्रदान करने के लिए सौर पैनल स्थापित किए और पाईपलाईन बिछाई। स्वच्छ पानी तक पहुंच के साथ सरोज का जीवन बदल गया। उसकी सुबह अब हैंडपंप पर जाने से नहीं कटती थी। इसकी बजाय वह खेती पर ध्यान केन्द्रित कर सकती थी।
गांव के बच्चों के पास अब पानी ढोने के बोझ से मुक्त होकर पढ़ाई और खेलने के लिए अधिक समय था। जलजनित बीमारियों में कमी आने से स्वास्थ्य में भी सुधार हुआ। केकराडोंगरी की महिलाओं ने पानी लाने के अपने कठिन कर्तव्यों से मुक्त होकर रसोई, बागवानी और छोटे पैमाने जैसे नए अवसरों की खोज शुरू कर दी। सरोज अक्सर इस बदलाव पर विचार करती है, उसका हृदय कृतज्ञता से भर जाता है। वह कहती है, ’’ यह सिर्फ पानी नहीं है, यह हम सभी के लिए जीवन, सम्मान और उज्जवल भविष्य है।’’