राजनांदगांव
सीएम ध्यानाकर्षण यात्रा को अंजोरा में किया सीमित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 8 नवंबर। चार सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री का ध्यानाकर्षित करने के उद्देश्य से आयोजित मुख्यमंत्री ध्यानाकर्षण यात्रा करने वाले किसानों ने प्रेस कान्फे्रंस लेकर कहा कि उनके साथ धोखा हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री निवास का कहकर बीच रास्ते में ज्ञापन मांगा गया।
गुुरुवार को प्रेस कान्फ्रेंस में किसानों ने कहा कि प्रदेश किसान संघ के तत्वावधान में बुधवार को चार सूत्रीय मांगों की ओर मुख्यमंत्री का ध्यानाकर्षित करने के उद्देश्य से 6 नवंबर को आयोजित मुख्यमंत्री ध्यानाकर्षण यात्रा राजनांदगांव से रायपुर में भाग लेने हजारों की संख्या में किसान बसों एवं चार पहिया वाहनों से कृषि उपज मंडी पहुंचे थे। एक दिन पूर्व मंगलवार को किसान संघ के प्रतिनिधियों की कलेक्टर, एसपी की उपस्थिति में यात्रा एवं चारो मांगों पर विस्तृत चर्चा हुई थी। चार मांगों में से तीन मांगे राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किस्त, 117 रुपए समर्थन मूल्य का लाभ देते 3217 रुपए की दर से धान खरीदी, धान खरीदी 13 फरवरी तक चलाने की मांग नीति विषयक है और वो जिला प्रशासन के अधिकार क्षेत्र से बाहर का विषय बताया गया एवं चौथी मांग रबी धान की फसल की हतोत्साहित नहीं करने की मांग पर कलेक्टर ने विस्तार से बात रखी एवं धान बोने पर आर्थिक दंड की बात को निराधार एवं भ्रामक बताया।
किसानों ने कहा कि यात्रा शुरू करने के पहले किसानों ने आपस में चर्चा की एवं कलेक्टर के आमंत्रण के मद्देनजर जिला कर्यालय होते हुए यात्रा आगे बढ़ाने का तय कर एडीएम के माध्यम से सूचना दी गई। कलेक्टर स्वयं कृषि उपज मंडी पहुंचे, किसानों को अपनी बाते विस्तार से बताई। आगे यात्रा को लेकर प्रशासन और किसानों में लंबे संवाद के बाद तय हुआ कि मुख्यमंत्री ध्यानाकर्षण यात्रा अंजोरा तक निकाली जाएगी एवं वहां से दस सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल प्रशासन के साथ मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर उपलब्ध प्रतिनिधि को ज्ञापन सौपेंगा। मुख्यमंत्री ध्यानाकर्षण यात्रा कृषि उपज मंडी से प्रारंभ होकर अंजोरा में संपन्न हुई।
आगे प्रतिनिधि मंडल को कुम्हारी टोल नाका पर रोका गया बड़ी संख्या में पुलिस तैनात थी। वहां पर उपस्थित एक अधिकारी को ज्ञापन सौंपने कहा गया, जिन्हें मुख्यमंत्री निवास का प्रतिनिधि बताते मुख्यमंत्री तक बात पहुंचाने का आश्वासन दिया गया। प्रतिनिधि मंडल ने बार-बार निवेदन किया कि किसानों ने हमें मुख्यमंत्री निवास तक ज्ञापन पहुंचाने भेजा है। वहां पर हम किसी विशिष्ट व्यक्ति या अधिकारी को ज्ञापन देन की बात नहीं कर रहे, हम किसी भी स्टॉफ को ज्ञापन सौंपने तैयार है, पर नियम कायदों का हवाला देते कहा गया कि आप लोग वहां नहीं जा सकते । ऐसे में बिना ज्ञापन दिए ही प्रतिनिधि मंडल वहां से वापस लौट आया।
किसानों के साथ धोखा
प्रदेश किसान संघ ने इसे किसानों के साथ धोखा करार दिया है। पहले बताया गया होता कि मुख्यमंत्री निवास के बजाय बीच रास्ते में ज्ञापन दिया जाना है तो हम उनके साथ जाते ही क्यों अपनी यात्रा अंजोरा तक सीमित करने की बात भी नहीं मानते। प्रशासन को इस तरह की चालाकियों से बचना चाहिए। इससे न सिर्फ उनकी विश्वसनीयता खत्म होती है, बल्कि सरकार के खिलाफ भी आक्रोश पैदा करते है। जल्द ही किसान संघ की बैठक कर ज्ञापनों एवं आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।