दन्तेवाड़ा

दंतेवाड़ा में सुपोषण अभियान बेहतर-कंगाले
18-Sep-2021 9:31 PM
  दंतेवाड़ा में सुपोषण अभियान बेहतर-कंगाले

सुपोषण सम्मेलन का आयोजन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दंतेवाड़ा, 18 सितंबर। महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव रीना बाबा साहेब कंगाले ने जावंगा में दन्तेश्वरी माई के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर सुपोषण सम्मेलन की शुरुआत की। सुपोषण सम्मेलन में मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना अंतर्गत स्वास्थ्य परीक्षण, महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं की एनीमिया जांच शिविर के संबंध में तथा स्थानीय साग-सब्जियों एवं रेडी टू ईट से बने व्यंजनों की प्रदर्शनी की जानकारी ली। बच्चों द्वारा बनाये गए रंगोली और पेंटिंग की सराहना की।

उन्होंने कलेक्टर के अपने कार्यकाल की यादें साझा की। बहुत विषम परिस्थितियों में चुनौतियों के साथ बहुत सारे कार्यकर्ता प्रेरणास्त्रोत एवं जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं, मैदानी स्तर के कर्मचारियों से प्रेरणा लेकर यहां कार्य किया।उन्होंने कहा कि गीदम एक छोटा सा शहर था, अब क्षेत्र के साथ ही शिक्षा का भी विस्तार हुआ है। दन्तेवाड़ा जिले का नाम शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई उपलब्धि हासिल किया है। यहां के बच्चे प्रयास के माध्यम से आवासीय विद्यालय में रहते हुए तैयारी कर आईआईटी में पढक़र तथा शैक्षणिक परिसर से प्रतियोगिता परीक्षा में सफल होकर भी बच्चे अपने जिले का नाम रोशन कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि सुपोषण अभियान से संबंधित एनीमिया कैंप एवं गंभीर एवं मध्यम कुपोषित बच्चों के लिये भी काउंसिलिंग का कैंप रखा गया है।  जगदलपुर और दुर्ग जिले के साईंस सेंटर में दन्तेवाड़ा के बच्चे अध्ययनरत हैं। जावंगा एजुकेशन सिटी से विभिन्न क्षेत्रों में बहुत सारे बच्चों के भविष्य गढ़ कर बाहर निकल रहे हैं। जिससे बच्चों का भविष्य सुनहरा हुआ है।

सितम्बर माह में राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जा रहा है जिससे कि विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से सुनिश्चित करते हुए कुपोषण की इस लड़ाई को अच्छी टक्कर दे सकें। मुख्य रूप से जनआंदोलन के रूप में जनमानस को जोडक़र हमें कुपोषण से मुक्ति मिलेगी। आज आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कोविड-19 महामारी के समय कार्य कर रही हैं, इतनी विषम परिस्थिति में भी हमने यह सुनिश्चित किया है कि घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट वितरण कर सके। हमारे कार्यकर्ताओं ने राज्य में कोरोना महामारी के एक साल दौरान लगभग 25 लाख कान्टेक्ट ट्रेसिंग किया गया है और बुखार एवं सर्दी के मरीजों का कान्टेक्ट ट्रेसिंग कर पहचान किया गया है। जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने समर्पण भाव से काम किया। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जो स्थितियां सामान्य हुई तो 20 जुलाई को आंगनबाड़ी केन्द्र खोला गया। 3-6 वर्ष के बच्चे व शिशुवती माताओं को लाभान्वित करने का प्रयास किया गया। महतारी जतन योजना से 4.5 लाख माताओं को गर्म भोजन खिलाया जा रहा है।

दीदीयों/बापीयों द्वारा घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चे और माताएं आती हैं उनको रोज महतारी जतन योजना का लाभ पहुंचाया जा रहा है। यहां दन्तेश्वरी मार्ट की महिला समूहों द्वारा अच्छी क्वालिटी का खाद्य पदार्थ दिया जा रहा है। इसी प्रकार गर्भवती माताएं, किशोरी बालिकाएं, शिशुवती माताओं के कार्ययोजना को लेकर, दन्तेवाड़ा जिले में सुपोषण केन्द्रों में किये गये कार्यों की सराहना की।

जिला होगा कुपोषण मुक्त-कलेक्टर

कलेक्टर दीपक सोनी ने कहा कि सुपोषण अभियान के तहत जिले में किये गये कार्यों में विकास दिख रहा है। सुपोषण अभियान आने वाले सालों में अपने जिले को कुपोषण मुक्त करेंगे। लोग अब जागरूक हो रहे हैं। लोगों की सहभागिता के कारण संभव हो पाया है। भविष्य में सुपोषण के क्षेत्र में महिला बाल विकास की योजनाओं से अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने का प्रयास रहेगा। बापी ना उवाट के माध्यम से जनजागरूकता का काम चल रहा है, इससे मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को गति मिलेगी, इससे अधिक से अधिक लोग जुड़ पायेंगे। देवगुड़ी का कायाकल्प किया गया है जिसमें सतरंगी सूत्र बनाये हैं उसमें सुपोषण अभियान के तहत स्थानीय भाषा-बोली में जागरूक कर कुपोषण के मुक्ति के बारे में बताया जा रहा है। कार्यक्रत के अंत में सभी के द्वारा कुपोषण मुक्त जिला बनाने के लिये शपथ लिया गया।

इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ अश्वनी देवांगन, एसडीएम अबिनाश मिश्रा, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विजेन्द्र ठाकुर, सीएचएमओ जी. सी. शर्मा, डिप्टी कलेक्टर दुर्गम एवं जिला शिक्षा अधिकारी राजेश कर्मा मुख्य रूप से मौजूद थे।

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