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रायपुर, 5 फरवरी। श्री संकल्प सुपरस्पेशिलिटी हास्पिटल ह्रदयरोग विभाग के प्रमुख डॉ. कमलकांत ने बताया कि एक 65 वर्षीय एओटिक स्टेनोसिस से पीडि़त मरीज के हार्ट में टॉवर पद्धति के जरिए नया वाल्व इनप्लांट कर उसे नया जीवन प्रदान किया गया। इस प्रकार की बीमारी में मरीज का वाल्व पूरी तरह से खराब हो जाता है और वह बढऩे लगती है जिसके कारण पम्प करने वाली नशों पर भी दबाव बढऩे से वह भी सिकुडऩे लग जाती है। जिससे उसको सांस लेने में काफी मुश्किलें हो रही थी इस प्रकार की बीमारी के अब तक छत्तीसगढ़ में केवल तीन ही ऑपरेशन हुए हैं उन हॉस्पिटलों की सूची में अब रायपुर का श्री संकल्प सुपरस्पेशिलिटी हास्पिटल का नाम भी शामिल हो गया।
डॉ. कमलकांत ने बताया कि इस प्रकार के ऑपरेशन या तो ओपन हॉर्ट सर्जरी से किये जाते हैं या टॉवर (ट्रॉसकैथरेटर एओटिक वाल्व रिप्लेसमेंट) से किये जाते हैं। ओपन हार्ट सर्जरी में इस प्रकार के ऑपरेशन मरीज के लिये काफी कठिन होते हैं जिनमें मरीजों की जान को खतरा होता है। विशेषकर ऐसे मरीज जो हृदय के साथ साथ अन्य बीमारियों से भी ग्रस्त रहते हैं । बंसीलाल को हृदय के साथ किडनी की भी बीमारी थी। इसी के चलते टॉवर ( ट्रॉसकैथरेटर एओटिक वाल्व रिप्लेसमेंट) से उसके वाल्व को बदला गया।
डॉ . कमलाकांत ने बताया कि इस पद्धति बिना चीरफाड़ के मरीज में नसों के माध्यम से वाल्व को अंदर ले जाया जाता है और जो वाल्व खराब हो गया है उसके स्थान पर उसे ट्रांसप्लांट किया जाता है। इस ऑपरेशन पूरी तरह से सुरक्षित होता है विशेषकर ऐसे मरीजों में जिन्हें दूसरी अन्य बीमारी भी रहती है क्योंकि इसमें संक्रमण होने की संभावना लगभग नगण्य होती है और मरीज चार पांच दिन में स्वस्थ होकर घर वापस लौट जाता है। डॉ. कमलकांत के साथ डॉ. शैलेन्द्र उपाध्याय, डॉ. सीएम सिंह और डॉ. वर्षा झंवर संयुक्त पत्रकारवार्ता में उपस्थित थे।


