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ई कॉमर्स कंपनियों को अब 2 प्रतिशत अतिरिक्त कर-कैट
02-Feb-2021 5:17 PM
ई कॉमर्स कंपनियों को अब 2 प्रतिशत अतिरिक्त कर-कैट

रायपुर, 2 फरवरी। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्र्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश कार्यकारी मगेलाल मालू, प्रदेश कार्यकारी अघ्यक्ष विक्रम सिंह देव, प्रदेश महामंत्री जितेन्द्र दोशी, प्रदेश कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल, ने बताया कि कैट के अथक प्रयासों से विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों पर 2 प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाने के केंद्रीय बजट प्रस्ताव का स्वागत किया है, जिसके जरिए चाहे वह माल की बिक्री के कारोबार में लगे हों या सेवाएं अथवा तकनीकी सेवाएं प्रदान कर रहे हों, बिक्री के लिए प्रस्ताव स्वीकार कर रहे हों, या खरीद के आदेश, खरीद आदेश की स्वीकृति हो,या फिर माल और सेवाओं की आपूर्ति का आंशिक या पूर्ण रूप से भुगतान यदि ई विदेशी कॉमर्स कम्पनियों द्वारा किया जाता है तो उस पर अब इन ई कॉमर्स कम्पनियों को 2 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स देना होगा। बजट प्रस्ताव में यह भी स्पष्ट किया गया है कि ये प्रावधान  माल की बिक्री पर  पर भी लागू होगा फिर चाहे प्रदाता ई-कॉमर्स पोर्टल का मालिक ही क्यों न हो।  इसके अलावा ई कॉमर्स के जरिए सेवाओं के प्रावधानों पर भी ये लागू होगा बावजूद इसके की सेवा प्रदाता खुद ई कॉमर्स ऑपरेटर हो।

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि कैट पिछले कई कई महीनों से सरकार के साथ ई कॉमर्स कम्पनियों पर शिकंजा कसने का आग्रह कर रहा था जिसके अंतर्गत यह एक बड़ा कदम है और अब इसी प्रकार से अन्य कई कदम उठाए जाने की सम्भावना है। वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री इस के लिए धन्यवाद के पात्र हैं ।

श्री पारवानी ने कहा कि कैट इस प्रावधान का स्वागत करता हैं। अमेजन, वॉलमार्ट आदि ने देश के कानूनों के साथ खिलवाड़ किया है, जिसमें फेमा और एफडीआई पॉलिसी का बड़े पैमाने पर उल्लंघन भी शामिल है, हमें उम्मीद है कि प्रस्तावित प्रावधान का कड़ाई से अनुपालन होगा और यूएसबीसी जैसे लॉबी संगठनों के भारत के आंतरिक मामलों में दखल को रोका जा सकेगा। यह प्रावधान भारतीय ई-कॉमर्स और खुदरा व्यापार के एकाधिकार और नियंत्रण के लिए वैश्विक ई-कॉमर्स कम्पनियों की गलत व्यावसायिक प्रथाओं को खत्म करने के सरकार के इरादे को साफ तौर पर दर्शाता है।


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