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ट्रांसकैथेटर ऑर्टिक वॉल्व इम्प्लांटेशन, बेहतर जीवन की उम्मीद-एनएच एमएमआई
31-Aug-2020 3:36 PM
ट्रांसकैथेटर ऑर्टिक वॉल्व इम्प्लांटेशन,  बेहतर जीवन की उम्मीद-एनएच एमएमआई

रायपुर, 31 अगस्त। एनएच एमएमआई के कंसल्टेंट, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुमंत शेखर पधि ने बताया कि ट्रांसकैथेटर ऑर्टिक वॉल्व इम्प्लांटेशन (टीएवीआई) ऑर्टिक स्टेनोसिस के इलाज की क्रांतिकारी तकनीक है जो खराब ऑर्टिक वाल्व को भी ठीक करने में मदद करती है। ऑर्टिक स्टेनोसिस दरअसल ऑर्टिक वाल्व के सिकुड़ जाने पर होने वाली समस्या है, और इसके सिकुडऩे के कारण वाल्व पूरी तरह से खुल पाने में असमर्थ होता है, जिसके कारण यह घट जाता है या खून के संचार को हृदय से मेन आर्टरी तक और फिर पूरे शरीर में जाने से रोक देता है। 

डॉ. पधि ने बताया कि यह एक प्रकार की जीवन जोखिम में डालने वाली अवस्था है, जो आगे चलकर हार्ट फेलियर तक की स्थिति पैदा कर सकती है इसलिए इसका तुरंत इलाज शुरू होना बेहद ज़रूरी है। वे लोग जिनको ओपन हार्ट सर्जरी से किसी प्रकार का जोखिम है उनके लिए टीएवीआई एक प्रकार का मिनिमली इनवेसिव प्रोसीजर है जो जीवन बचा लेने के विकल्प जैसा है। 

डॉ. पधि ने बताया कि एनएच एमएमआई में 58 वर्षीय मरीज़ पर सफलतापूर्वक यह प्रोसीजर किया जिनकी किडनी की समस्या, सांस लेने में तकलीफ, हाई ब्लड शुगर जैसी समस्याओं की हिस्ट्री थी। बीते दस सालों से मरीज़ को सांस लेने में तकलीफ, थकान, फेटीग आदि का सामना करना पड़ रहा था, लोकल ट्रीटमेंट के बावजूद उनकी अवस्था में कोई सुधार नजऱ नहीं आया। 

डॉ. पधि ने बताया कि मरीज को सांस लेने में तकलीफ बढऩे लगी तो वे  इलाज करवाने आए। तमाम शारीरिक समस्याओं की हिस्ट्री के अनुसार जांच की जिसमें इकोकार्डियोलॉजी (ईसीएचओ) भी शामिल है, जिसमें उनके कैल्सिफिक ऑर्टिक वाल्व की गंभीर अवस्था का पता चला। मरीज़ की उम्र और तमाम अन्य शारीरिक दिक्कतों को ध्यान में रख कर टीएवीआई करने का निर्णय लिया। पूरी प्रक्रिया सफल रही और मरीज़ खतरे से बाहर आ गया।  मरीज अब बेहतर स्थिति में हैं और एनएच एमएमआई के शुक्रगुजार हैं। 

 


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