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बेल्लारी, 12 सितम्बर। एनएमडीसी ने बताया कि कर्नाटक के पूर्वी भाग में स्थित बेल्लारी जिला के लोग अक्सर बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं के लिए भी संघर्ष करते रहे हैं। वहां लंबे समय से स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सीमित दायरे में रही है।
एनएमडीसी ने बताया कि बुनियादी ढांचे की कमी के चलते इलाज से ठीक होने वाली परेशानियां भी कई बार जीवन भर के लिए अभिशाप में बदल जाती थीं, लेकिन भला हो एनएमडीसी का, जिसके सीएसआर प्रयासों ने बेल्लारी के स्वास्थ्य सेवा की तस्वीर बदल दी है।
एनएमडीसी ने बताया किएक समय वीआईएमएस के नाम से प्रसिद्ध यह संस्थान अब बेल्लारी मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर बन चुका है, एक ऐसा सुपर स्पेशियलिटी सरकारी अस्पताल, जो अब ना केवल बेल्लारी और आसपास के इलाकों बल्कि आंध्रप्रदेश के कुछ हिस्सों के लिए भी जीवनरेखा बन गया है। वर्षों तक यह संस्थान भीड़भाड़ वाले वार्डों और सीमित सुविधाओं का बोझ उठाता रहा, जिससे मरीजों को इलाज के लिए दूर-दराज भटकने के लिए मजबूर होना पड़ता था।
एनएमडीसी ने बताया कि लेकिन आधुनिक उपकरणों और मजबूत बुनियादी सुविधाओं से लैस होकर अब यह अस्पताल ज्यादा मरीजों का इलाज कर पा रहा है-खासकर वैसे मरीजों का, जो गंभीर बीमारियों के लिए केवल सरकारी अस्पतालों पर निर्भर हैं। इस वर्ष, भारत की सबसे बड़ी लौह अयस्क उत्पादक कंपनी-एनएमडीसी ने अपने नैगम सामाजिक उत्तरदायित्व ( सीएसआर) के तहत अस्पताल को सहयोग किया। कंपनी से प्राप्त ?8.33 करोड़ से अस्पताल में कई ऐसी अत्यावश्यक सुविधाएं जोड़ी गईं, जो सीधे तौर पर जीवन बचाने में मदद करती हैं।