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रायपुर, 3 मार्च। हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रायपुर ने बताया कि नेशनल एकेडमी ऑफ कस्टम्स, इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड नारकोटिक्स के सहयोग से भारत में नए आपराधिक कानूनों का युग विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन 27-28 फरवरी 2025 को किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य कर-संबंधित अपराधों से जुड़े विधायी संशोधनों, प्रक्रियात्मक परिवर्तनों और प्रवर्तन तंत्रों पर गहन चर्चा करना था।
यूनिवर्सिटी ने बताया कि इसमें प्रतिष्ठित कानूनी विशेषज्ञों और अकादमिक विद्वानों ने भाग लिया। कार्यशाला में भारत के विभिन्न हिस्सों से अधिकारियों की भागीदारी रही। इस कार्यशाला के आयोजन से पूर्व, और के बीच एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया था, जिसका उद्देश्य नए संभावित क्षेत्रों की खोज और सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ावा देना था।
यूनिवर्सिटी ने बताया कि न्यायमूर्ति पी.एन. प्रकाश ने दो महत्वपूर्ण सत्र लिए-नए आपराधिक कानूनों की दिशा: वित्तीय अपराधों, न्याय वितरण और भविष्य के सुधारों पर प्रभाव, आर्थिक अपराधों में न्याय को सुदृढ़ करना: अभियोजन रणनीतियाँ, जांच नैतिकता और न्यायिक अंतर्दृष्टि। इन सत्रों में नए आपराधिक कानूनों और उनके न्यायिक प्रभाव पर गहन चर्चा हुई। शुभम तोमर, सहायक लोक अभियोजक (छ.ग.) ने नए आपराधिक कानूनों के व्यावहारिक अनुप्रयोग पर चर्चा की।
यूनिवर्सिटी ने बताया कि डॉ. हिना इलियास, सहायक प्रोफेसर, ने नए आपराधिक कानूनों की पृष्ठभूमि एवं उद्देश्य पर प्रकाश डाला। दूसरे दिन, डॉ. पर्वेश कुमार राजपूत ने आतंकवाद, टेरर फाइनेंसिंग और पर एक विस्तृत सत्र लिया। उन्होंने अन्य संबंधित विधियों सहित गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम की गहन समीक्षा की। डॉ. प्रियंका धर ने साइबर अपराध और भारत में साइबर सुरक्षा ढांचे के महत्व पर एक महत्वपूर्ण सत्र का संचालन किया।