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रायपुर, 28 फरवरी। कलिंगा विश्वविद्यालय ने बाया कि विकसित भारत 2047 के उद्देश्यों के अनुरूप एक भारत श्रेष्ठ भारत पर केंद्रित, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की भारतीय भाषा समिति द्वारा प्रायोजित एक दिवसीय सेमिनार, कलिंगा विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में कलिंगा विश्वविद्यालय, नया रायपुर में आयोजित किया गया है।
विश्वविद्यालय ने बाया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तमिलनाडु से आमंत्रित वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. परशुराम थे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जगरानी देवी ग्रुप ऑफ कॉलेज के निदेशक डॉ. बृज भूषण द्विवेदी थे। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक तरीके से मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन और माल्यार्पण के साथ हुई। कलिंगा विश्वविद्यालय के कला एवं मानविकी संकाय के प्रोफेसर तथा कार्यक्रम के संयोजक डॉ. ए. राजशेखर ने विकसित भारत 2047 के महत्व पर प्रकाश डाला तथा दक्षिण भारत के प्रमुख ऋषि माने जाने वाले अगस्त्य मुनि के दर्शन और योगदान पर अपने विचार साझा किए।
विश्वविद्यालय ने बाया कि कार्यक्रम के दौरान श्रीमती जे वसंत लक्ष्मी ने वीणा (एक प्रसिद्ध दक्षिण भारतीय संगीत वाद्ययंत्र) पर सुन्दर प्रस्तुति दी तथा श्री बी शरद ने तबले पर दक्षिण भारत की एक मनोरम प्राचीन काव्य श्रृंखला प्रस्तुत की। भारतीय शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम छात्रा सुश्री अनंत कुमारी द्वारा प्रस्तुत किया गया।
विश्वविद्यालय ने बाया कि विषय विशेषज्ञ एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. परशुराम ने आजादी से पहले और बाद में राष्ट्र के विकास में तमिल राज्य की भूमिका तथा कृषि से लेकर विज्ञान और प्रशासन तक तमिल राज्य के लोगों की भागीदारी, उनके समर्पण और उनके कार्यों को एक भारत श्रेष्ठ भारत से जोड़ते हुए विस्तार से बताया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के 250 से अधिक आमंत्रित शिक्षाविद, प्रोफेसर, छात्र तथा अन्य संकाय सदस्य शामिल हुए।