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रायपुर, 9 अक्टूबर। श्री मेडिशाइन हॉस्पिटल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में हाइपरबैरिक ऑक्सीजन थेरेपी को प्रदेश में पहली बार उपलब्ध कराया है। यह आधुनिक चिकित्सा पद्धति अब मध्य भारत के लोगों के लिए सुलभ हो गई है, जिससे विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में नए आयाम जुड़ गए हैं।
हॉस्पिटल ने बताया कि हाइपरबैरिक ऑक्सीजन थेरेपी एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसमें मरीज को उच्च दबाव में शुद्ध ऑक्सीजन दी जाती है। इस थेरेपी का मुख्य उद्देश्य शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाना होता है, जिससे सेल्स को पुन: जीवंत करने और घावों को तेजी से भरने में मदद मिलती है। यह प्रक्रिया विशेष रूप से उन रोगियों के लिए फायदेमंद है, जिनकी शरीर में प्राकृतिक हीलिंग प्रक्रिया धीमी होती है या जो गंभीर संक्रमणों से पीडि़त होते हैं।
हॉस्पिटल ने बताया कि घावों का तेजी से भरना: यह थेरेपी जख्मों और चोटों को जल्दी ठीक करने में मदद करती है, विशेष रूप से डायबिटिक फुट अल्सर जैसे मामलों में। संक्रमण की रोकथाम: संक्रमण को फैलने से रोकने में एचबीओटी बेहद प्रभावी है। न्यूरोलॉजिकल समस्याओं में सुधार एचबीओटी मस्तिष्क से संबंधित समस्याओं के इलाज में भी लाभकारी होती है, जैसे स्ट्रोक और अन्य न्यूरोलॉजिकल विकार। रेडिएशन थैरेपी के इलाज में सहायता: कैंसर उपचार के दौरान रेडिएशन थेरेपी के साइड इफेक्ट्स को कम करने में यह थेरेपी सहायक होती है। शारीरिक क्षमता में सुधार: ऑक्सीजन की उच्च मात्रा शरीर की शारीरिक क्षमता और हीलिंग प्रोसेस को बढ़ाती है, जिससे खिलाड़ी और चोटिल लोग तेजी से ठीक होते हैं।