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रायपुर, 20 सितंबर। आईआईएम रायपुर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय कार्यक्रम एक पेड़ माँ के नाम के तहत भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर (भा.प्र.सं. रायपुर) ने अपने परिसर में पारिस्थितिक तंत्रों के पुनर्जनन और पौधों एवं जीवों के लिए स्थायी आवास बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय पहल का सफलतापूर्वक समापन किया। इस पहल के तहत परिसर में लगभग 900 देशी प्रजातियों के वृक्ष, जिनमें पीपल, महुआ,बेल, पुत्रंजय और अन्य पवित्र एवं सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण पेड़ शामिल हैं, लगाए गए।
आईआईएम रायपुर ने बताया कि इन पेड़ों को कठोर लैटराइट मिट्टी में लगाया गया और यह पहल परिसर की जैव विविधता को बढ़ाने के लिए एक हरित गलियारे का निर्माण कर रही है। इस पहल की सततता सुनिश्चित करने के लिए इन पेड़ों को विशेष रूप से परिसर से ही एकत्रित प्री-कंज्यूमर फूड वेस्ट, पत्तियों और घास से बने जैविक खाद से पोषित किया गया। परियोजना ने शून्य-अपशिष्ट दृष्टिकोण अपनाया, जहां स्थल पर ही खाद का उपयोग किया गया, और पेड़ों को सिंचित करने के लिए परिसर के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से प्राप्त पुनर्नवीनीकृत जल का उपयोग किया गया, जो 100त्न अपशिष्ट जल का पुन: चक्रण करता है। किसी भी बाहरी मिट्टी या जल का उपयोग नहीं किया गया, जिससे यह परियोजना पर्यावरण अनुकूल संसाधन प्रबंधन का एक आदर्श उदाहरण बन गई।