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बालकोनगर, 19 सितंबर। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने बताया कि विश्व इंजीनियरिंग दिवस पर अपने प्रतिभाशाली इंजीनियरिंग कर्मचारियों को सशक्त बनाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। यह प्रतिबद्धता नवाचार और प्रचालन उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देने में कंपनी की भूमिका को दर्शाता है जिससे वैश्विक विनिर्माण लीडर के रूप में भारत की स्थिति और मजबूत होती है।
बालको ने बताया कि मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और सिविल इंजीनियरिंग जैसे मुख्यधारा के इंजीनियरिंग से लेकर मेटलर्जिकल, मैटेरियल्स, माइनिंग, सिरेमिक, पॉवर और एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में लगभग 1500 इंजीनियर कपंनी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ये व्यक्ति सामूहिक रूप से बालको की प्रचानल क्षमता, नवाचार को बढ़ावा देने और लगातार विकसित हो रहे औद्योगिक परिदृश्य में कंपनी की निरंतर सफलता सुनिश्चित करने का आधार हैं।
बालको ने बताया कि इंजीनियर कंपनी के लिए रीढ़ की हड्डी की तरह महत्वपूर्ण हैं इस पर बात करते हुए बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि हमारे इंजीनियर वेदांता बालको के नवाचार और सफलता के केंद्र में हैं। हम अपने इंजीनियरिंग प्रतिभा के विकास और कौशल वृद्धि की प्रतिबद्धता को पूरा करके कंपनी और उनकी क्षमताओं को बढ़ा रहे हैं तथा भारत के औद्योगिक विकास में भी योगदान दे रहे हैं।
बालको ने बताया कि ये इंजीनियर देश को वैश्विक विनिर्माण क्षेत्र में अग्रणी रहने के लिए सशक्त बना रहे हैं तथा नवाचार, कौशल विकास और तकनीकी निपुणता की अपनी यात्रा को भी आगे बढ़ा रहे हैं। लगभग दो दशकों से बालको कार्यस्थल पर टीम लीडर के रूप में काम कर रहे इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियर अनुज सूद ने कहा बताया कि 18 साल पॉटलाइन जहां इलेक्ट्रोलिसिस प्रक्रिया के माध्यम से एल्युमिना पाउडर से एल्यूमिनियम बनाया जाता है। मैंने देखा है कि कैसे बालको ने प्रचालन दक्षता की सीमाओं को लगातार आगे बढ़ाया है। हम जिन मैकनिकल सिस्टम के साथ काम करते है उनकी जटिलता- गलाने की तकनीक से लेकर पॉटलाइन उपकरणों की सटीक इंजीनियरिंग तकनीकी विशेषज्ञता के साथ निरंतर नवाचार की मांग करती है। हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि हमारी प्रक्रियाएं वैश्विक एल्यूमिनियम क्षेत्र में आगे रहें।
बालको ने बताया कि एक साल पहले ही बालको परिवार में शामिल हुए मेटलर्जिकल इंजीनियर ईशान चतुर्वेदी ने कहा कि वेदांता बालको में अपना करियर शुरू करना एक अविश्वसनीय अवसर रहा है। पॉटलाइन्स स्मेलटिंग प्रक्रिया के मूल में हैं और अनुभवी इंजीनियरों से सीखते हुए ऐसी उन्नत प्रणालियों के साथ काम करना रोमांचक रहा है। मेरे लिए सबसे खास बात है कि बालको ने सस्टेनबिलिटी की मजबूत प्रतिबद्धता के साथ अत्याधुनिक तकनीक को एकीकृत करके भारत के प्रतिष्ठित एल्यूमिनियम उत्पादक के रूप में अपनी विरासत को कायम रखा है। मैं इस क्षेत्र में अपने तकनीकी ज्ञान का विस्तार करते हुए कंपनी की भविष्य की सफलता में योगदान देने के लिए उत्सुक हूं। बालको पॉटलाइन के प्रोसेस कंट्रोल में प्रोडक्शन इंजीनियर निशा मांझी ने बताया कि पॉटलाइन्स के प्रोसेस कंट्रोल में इच्छानुसार काम करना तथा पुरस्कृत होना मेरे लिए गौरव की बात है।