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रायपुर, 6 अगस्त। सुयश हॉस्पिटल ने बताया कि विश्व स्तनपान दिवस पर सुयश कॉलेज ऑफ़ नर्सिँग के द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें सभी छात्र -छात्राओं ने सराहनीय प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में बीएससी नर्सिंग के छात्र - छात्राओं द्वारा पोस्टर तथा नाट्य के मध्यम से स्तनपान की आवश्यकता व उसके महत्व को बताया। सुयश हॉस्पिटल के आई.वी.एफ. विशेषज्ञ पूजा कड़ी ने कहा कि मां का दूध बच्चे के लिए अमृत से कम नहीं है। इसके बाद भी महिलाएं भ्रांतियों के चलते अपने बच्चे को स्तनपान कराने से कतराती हैं।
हॉस्पिटल ने बताया कि यही सोच बच्चे के स्वास्थ्य पर असर डालती है। चिकित्सक जन्म के बाद बच्चों को मां का दूध पिलवाते हैं। इसके साथ ही बच्चे को छ: माह तक मां का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है लेकिन महिलाएं इस सलाह पर अमल नहीं कर पातीं। विश्व स्तनपान दिवस एक सप्ताह तक चलाया जाता है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विश्व में स्तनपान के द्वारा शिशुओं के स्वास्थ्य में बदलाव से माताओं को जागरूक करने व उनकी जिम्मेदारियों को अवगत कराना था। पुरा कार्यक्रम महाविघालय स्टाफ और सुयश हॉस्पिटल के सहयोग से किया गया।